Rajasthan- मरुधरा की चुनावी जंग खत्म लेकिन परिणाम बाकि, सियासी पंडित लगा रहे ये अनुमान
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Rajasthan- मरुधरा की चुनावी जंग खत्म लेकिन परिणाम बाकि, सियासी पंडित लगा रहे ये अनुमान

Rajasthan News: प्रदेश में दो चरणों में लोकसभा चुनाव पूरे हो गए हैं. अब हर कोने में नतीजों की प्रतीक्षा है. लेकिन इससे पहले, नेताओं के अपने-अपने कयास हैं, अपना आंकलन है. आंकलन यह बताता है कि कहां पर वोटिंग प्रतिशत घटा और कहां मतदान बढ़ा

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Rajasthan News: प्रदेश में दो चरणों में लोकसभा चुनाव पूरे हो गए हैं. अब हर कोने में नतीजों की प्रतीक्षा है. लेकिन इससे पहले, नेताओं के अपने-अपने कयास हैं, अपना आंकलन है. आंकलन यह बताता है कि कहां पर वोटिंग प्रतिशत घटा और कहां मतदान बढ़ा. इस आंकड़े के आधार पर लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वोट प्रतिशत में इस गिरावट या बढ़ोतरी का क्या असर होगा? साथ ही, यह भी उत्तर ढूंढ रहे हैं कि किसकी नैय्या हिचकोले खा रही है और किसकी नैय्या पार हो रही है. इस सभी में, नैय्या का खिवय्या यानि वोटर अभी भी अपनी बात रखने के लिए तैयार नहीं दिख रहा. इसलिए, इस जिज्ञासा का समाधान अब 4 जून से पहले संभव नहीं लग रहा है.

मतदान सम्पन्न होने के बाद, अब हार-जीत का आंकलन हो रहा है. मतदान प्रतिशत के आंकड़े व्यक्ति का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. दूसरे चरण की 13 सीटों पर कुल मतदान प्रतिशत 65.03 फ़ीसदी रहा, जो पिछली बार के मुकाबले 3.39 फ़ीसदी कम है. 2019 में इन 13 सीटों पर वोटिंग प्रतिशत 68.42 फ़ीसदी रहा था. जबकि प्रदेश की 25 सीटों पर कुल 61.53 फ़ीसदी मतदान हुआ, जो पिछले चुनाव के मुकाबले कम है. इसलिए, कम मतदान प्रतिशत में किसको फ़ायदा और किसको नुकसान होगा, इस पर सभी के अपने-अपने तर्क हैं.

इस बीच, बीजेपी के नेताओं ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया. उनका कहना है कि दूसरे चरण में मतदान पहले चरण के मुकाबले बढ़ा है. जबकि कांग्रेस का कहना है कि मतदान प्रतिशत में गिरावट लोगों की उदासीनता का परिणाम है, और यह उदासीनता बीजेपी के प्रत्याशियों के प्रति ज्यादा दिख रही है.

राजस्थान में चुनाव सम्पन्न होने के बाद, बीजेपी अब अगले चरण के लिए तैयारी में जुट गई है. प्रदेश के नेताओं को अन्य राज्यों में ज़िम्मेदारियां दे दी गई हैं. वहीं, कांग्रेस भी अपने तरीके से काम कर रही है. कांग्रेस के नेता भी अन्य राज्यों में जा रहे हैं, लेकिन पहले कांग्रेस ने अपनी पार्टी में नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है.

मतदान के बाद, कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और विधायक अमीन खां को पार्टी से निकाल दिया है. साथ ही, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह के पुत्र बालेंदु सिंह शेखावत पर भी कार्रवाई की गई है. बालेंदु पर कार्रवाई जालोर से प्रत्याशी वैभव गहलोत की शिकायत पर की गई है.

इस हलचल के बाद, यह सवाल है कि चुनाव में किसकी नैय्या पार हुई है? क्या वोट प्रतिशत कम होने के रुझान बीजेपी के खिलाफ जा रहे हैं? और कांग्रेस में नेताओं पर कार्रवाई का संकेत क्या है, कि कांग्रेस के प्रत्याशियों को इन नेताओं से नुकसान हुआ है?

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