Rajasthan Political Crisis : पायलट खेमे ने चुप्पी तोड़ने में क्यों की देर, क्या आज सुलझेगा सियासी संकट?
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Rajasthan Political Crisis : पायलट खेमे ने चुप्पी तोड़ने में क्यों की देर, क्या आज सुलझेगा सियासी संकट?

राजस्थान की सियासत में पिछले कई दिनों से उठे सियासी संकट पर पायलट खेमें ने आखिरकार चार दिन बाद चुप्पी तोड़ी है. जिसके बाद अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि हो सकता है आज कांग्रेस का सियासी संकट सुलझ जाए. 

Rajasthan Political Crisis : पायलट खेमे ने चुप्पी तोड़ने में क्यों की देर, क्या आज सुलझेगा सियासी संकट?

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान की राजनीति में हलचल मचाने वाले राजनीतिक घटनाक्रम में सचिन पायलट कैंप ने चार दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है. पायलट खेमे के राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने मोर्चा संभालते हुए अपने नेता पायलट और अपने अन्य साथियों का बचाव किया है, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की है कि आखिर पायलेट कैंप की तरफ से चुप्पी तोड़ने में चार दिन का वक्त क्यों लगाया गया?

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चार दिन की चुप्पी के क्या है राज

बता दें कि रविवार को कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायक दल की बैठक बुलाई थी. इस बैठक से दूरी बनाकर सरकार के कुछ मंत्रियों और  गहलोत को समर्थन देने वाले कुछ विधायकों ने पार्टी को हैरान कर दिया. वहीं, पर्यवेक्षक खुद इस पूरे घटनाक्रम पर हतप्रभ थे. इस पर विधायकों की तरफ से स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफे तक दे दिए गए, लेकिन इस घटनाक्रम पर कांग्रेस पार्टी के ही दूसरे कैंप की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई. सचिन पायलट की अगुवाई में इस कैंप के अधिकांश नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी धैर्य रखने की अपील की.

अब बुधवार देर रात राज्य मंत्री और दौसा के विधायक मुरारी लाल मीणा ने इस पर चुप्पी तोड़ते हुए आलाकमान का आदेश मानने की बात कही है.  इसके साथ ही  विधायक मुरारी लाल मीणा ने विधायकों के इस्तीफे को भी गलत बताया, तो सचिन पायलट और अपने साथी विधायकों का भी बचाव किया.  इस बीच राजनीतिक गलियारों में सवाल यह उठता है कि आखिर सचिन पायलट की तरफ से प्रतिक्रिया देने में 4 दिन का समय क्यों लगा?

मंत्री परसादी लाल के आरोपों ने पायलट गुट को किया परेशान

गौर करे तो  इस सवाल का जवाब चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के आरोपों में छिपा हुआ  है. दरअसल, विधायक परसादी लाल मीणा ने मानेसर जाने वाले विधायकों को घेरते हुए आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे थे. उन्होंने हरियाणा पुलिस की सुरक्षा के साथ उन विधायकों का बीजेपी के आला नेताओं से लगातार संपर्क होने का आरोप तक लगा दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार को गिराने की कोशिश की गई. बस इसी आरोप ने पायलट कैंप को परेशान कर दिया.

पायलट को मंजूर नहीं बीजेपी के साथ जुड़े नाम
माना जा रहा है की  वर्तमान हालात में सचिन पायलट और उनके किसी समर्थक विधायक को यह  बिल्कुल  मंजूर नहीं कि बीजेपी के साथ कोई उनका नाम जोड़े. इसी के चलते मुरारी लाल मीणा को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा. मुरारी ने कहा कि बीजेपी में जाना तो दूर की बात है बल्कि वे बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा को भी पसंद नहीं करते। उन्होंने यहां तक कह दिया कि बीजेपी में जाने की बजाय वे राजनीति छोड़ कर घर बैठना पसंद करेंगे.

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गहलोत के दिल्ली जाने के बाद मुरारीलाल ने क्यों तोड़ी चुप्पी

मुरारी लाल मीणा के बयान की टाइमिंग को लेकर भी कांग्रेस और बीजेपी के राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बुधवार रात 9 बजे तक जयपुर  में ही थे और जब उनका दिल्ली जाने का फाइनल हुआ  तो  उसके बाद ही मुरारीलाल मीणा,  मीडिया के सामने आए. जब  विधायक ने बयान दिया तब तक अशोक गहलोत जयपुर हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भर चुके थे. हालांकि,  दिल्ली पहुंचते ही अशोक गहलोत ने भी राजनीतिक घटनाक्रम पर पहली बार चुप्पी तोड़ी. जिसके बाद अब देखना है कि आखिर कांग्रेस हाईकमान राजस्थान की रजनीति में चल रहे सियासी संकट को किस तरह से सुलझाता है?

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