Jaipur News: जनता जल योजना में पंप चालकों के मानदेय का विवाद अब गरमा गया है. बता दें कि पंचायतीराज विभाग और PHED में पैमेंट को लेकर आपसी उलझने बढ़ गई है फिर..
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Jaipur: जनता जल योजना में पंप चालकों के मानदेय का विवाद गरमा गया है. पंचायतीराज विभाग और पीएचईडी में पैमेंट को लेकर आपसी उलझने बढ़ गई है, जिसके चलते 3500 पंपचालकों के 2 करोड़ 35 लाख का पैंमेंट अटक गया है. 5 महीने से मानेदय नहीं मिलने से पंप चालक पीएचईडी से खफा हैं पर सवाल आखिर क्यों विवादों में उलझ रहा है, पंपचालकों का मानदेय ?
5 महीने से मानदेय अटका
पंचायतों को पानी पिलाने वाले पंप चालक को 5 महीने से मानदेय नहीं मिला. पीएचईडी और पंचायतीराज विभाग की आपसी उलझने पंपचालकों पर भारी पड़ रही है. पीएचईडी दावा कर रहा है कि पंचायतों में सरपंचो ने फर्जी पंपचालक लगा रखे हैं, जिस कारण पैमेंट में दिक्कत हो रही है. दूसरी तरफ पंपचालकों ने ये साफ कर दिया है कि यदि फर्जी पंपचालक है तो विभाग उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाए, उनके खिलाफ कडी कार्रवाई करें. उनका कहना है कि सालों से विभाग पुराने पंपचालकों को पैमेंट कर रहा है, यदि कोई फर्जी है तो उनके खिलाफ कार्रवाई करें, लेकिन जो पंपचालक काम कर रहे हैं, उसे तो पैमेंट दें.
2 करोड़ 35 लाख का भुगतान नहीं हुआ
प्रदेश में 7935 पंपचालक है,जिसमें से 4435 चालकों का भुगतान कर दिया है, जबकि 3500 का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है, यानि 2 करोड़ 35 लाख से ज्यादा का भुगतान अटका पड़ा है. विभाग ने बीडीओ को निर्देश दिए है कि पूरी उलझन को सुलझाया जाए, लेकिन बीडीओ के लिए भी ये दुविधा बनी हुई है कि किसे भुगतान करे और किसे नहीं. सबसे ज्यादा जोधपुर में 1702 पंपचालकों का भुगतान अटका हुआ है.
पीड़ित मजदूर का कहना है कि जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने 30 नवंबर तक पैमेंट करने के निर्देश दिए है, लेकिन पंचायतीराज विभाग और पीएचईडी की आपसी उलझन के बीच कैसे भुगतान हो पाएगा, क्योंकि पंप चालकों को मानदेय के लिए और इतंजार करना पड़ेगा, कैसे अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के निर्देशों की पालना होगी. सवाल ये भी है कि आखिर गलत कौन ? पंचायतीराज विभाग या फिर पीएचईडी.
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