Rajasthan News: प्रदेश में गर्मी से हाहाकार,जानिए कैसे पेयजल प्रबंधन का प्लान हुआ फेल
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Rajasthan News: प्रदेश में गर्मी से हाहाकार,जानिए कैसे पेयजल प्रबंधन का प्लान हुआ फेल

Rajasthan News:राजस्थान में जलसंकट को लेकर हालात बेकाबू हो चुके है.मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव और सचिव की फटकार के बाद अब इंजीनियर्स फील्ड में उतरने लगे है.आसमान से शोले बरस रहे है,लेकिन जनता तक पीने के पानी का संकट बढ़ता जा रहा है.

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Rajasthan News:राजस्थान में जलसंकट को लेकर हालात बेकाबू हो चुके है.मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव और सचिव की फटकार के बाद अब इंजीनियर्स फील्ड में उतरने लगे है.वैसे मरुधरा में हर बार जलसंकट की स्थिति जरूर रहती है,लेकिन अबकी बार तो हालात ज्यादा ही बिगड़ गए.आखिरकार राजस्थान में पेयजल प्रबंधन का प्लान कैसे हुआ फेल.

तापमान 50 पार,लेकिन...!

राजस्थान में तापमान 50 के पार पहुंच गया है,आसमान से शोले बरस रहे है, लेकिन जनता तक पीने के पानी का संकट बढ़ता जा रहा है.लोग पानी के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो गए है.मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री मुख्य सचिव,सचिव तक फील्ड में उतरने के निर्देश दिए,लेकिन क्या मजाल की चीफ इंजीनियर,एडिशनल चीफ इंजीनियर्स फील्ड में उतर जाए.

आईएएस जलदाय सचिव समित शर्मा,जिलों के कलेक्टर बार बार फील्ड में जाकर मॉनिटरिंग कर रहे है,लेकिन जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर्स एसी कमरों में बैठकर ही मॉनिटरिंग कर रहे है.जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने हाल ही में ली मीटिंग में चीफ इंजीनियर शहरी राकेश लुहाडिया,चीफ इंजीनियर ग्रामीण केडी गुप्ता और एडिशनल चीफ इंजीनियर जयपुर-2 अमिताभ शर्मा को पेयजल के प्रबंधन पर फटकार लगाई थी.

इन जिलों,संभागों की दी है कमान
सीई एसपी संदीप शर्मा जयपुर-अजमेर,सीई ग्रामीण केडी गुप्ता बांसवाड़ा,सीई क्यूसी आरके मीणा को भरतपुर,सीई एडमिन दिनेश गोयल जोधपुर,सीई शहरी राकेश लुहाडिया कोटा,एसीई राज सिंह को पाली,एसीई जगत तिवारी को सीकर,मुकेश गोयल को उदयपुर और हुकुमचंद वर्मा को अलवर की कमान दी थी.
 

पहला कारण- विजिट पर नहीं गए

जलदाय सचिव समित शर्मा ने 15 मार्च को आदेश जारी कर सभी चीफ इंजीनियर्स और एडिशनल चीफ इंजीनियर को हर महीने प्रभारी संभागों और जिलों में जाने के निर्देश दिए थे.लेकिन आज तक चीफ इंजीनियर्स अपने प्रभार वाले संभागों और जिलों को संभालने नहीं पहुंचे.जिसका नतीजा ये रहा कि आज पेयजल प्रबंधन को लेकर हालात बिगड़ते जा रहे है.जनता पानी के लिए बुरी तरह से त्रस्त है.

दूसरा कारण-नोन फील्ड इंजीनियर को फील्ड में पोस्टिंग
पेयजल प्रबंधन बिगडने का दूसरा बडा कारण नोन फील्ड इंजीनियर्स को फील्ड की अहम जिम्मेदारी दे दी.चीफ इंजीनियर राकेश लुहाडिया को पूरे प्रदेश के शहरी हिस्से की कमान है.चीफ इंजीनियर ग्रामीण केडी गुप्ता के कंधों पर ग्रामीण राजस्थान का भार है.

जबकि जयपुर रीजन—2 की जिम्मेदारी अमिताभ शर्मा के पास है.तीनों ही इंजीनियर्य कभी फील्ड में पोस्टेड नहीं हुए.जिसका नतीजा ये रहा है कि हाल जयपुर समेत पूरा राजस्थान पेयजल के कुप्रबंधन से बेहाल है.

तीसरा कारण-मीटिंग्स और कागजी कार्रवाई ज्यादा
पेजयल प्रबंधन बिगड़ने का तीसरा कारण भीषण गर्मी में मीटिंग ज्यादा होना.जिस कारण विभाग में फील्ड इंजीनियर्स कागजी कारवाई में उलझे हुए रहे.फील्ड के एक्सईएन को लंबी कागजी कार्रवाई और रिपोर्ट बनाने में उलझना पड़ा.जिस कारण वे फील्ड में ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए और अब हालात बिगड गए.

क्या करना चाहिए
हालात बिगडे जरूर है,लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है.अहम पदों पर नोन फील्ड इंजीनियर्स को हटाकर अनुभवी फील्ड इंजीनियर्स को पोस्टिंग दी जाए तो हालात सुधर सकते है.इसके अलावा जिन पॉश इलाकें में पेयजल की सप्लाई अच्छी है,वहां कम से कम 5—10 मिनट सप्लाई काटकर प्रभावित इलाकों में सप्लाई बढाई जा सकती है.डे टू डे मॉनिटरिंग हो.कागजी कार्रवाई की बजाय प्रैक्टिकल काम हो,ताकि पेयजल प्रबंधन के बिगडे हालात सुधर पाए.क्योंकि अभी तो जून की गर्मी और जलाएंगी.

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