Rajasthan lok Sabha Election: चुनावों से पहले बरकरार रहा पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने का ट्रेंड, जानें कब कितने घटे दाम
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Rajasthan lok Sabha Election: चुनावों से पहले बरकरार रहा पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने का ट्रेंड, जानें कब कितने घटे दाम

Petrol Diesel price: केंद्र और राज्य सरकार का चुनाव से पहले पेट्रोल डीजल के दामों में राहत देने का ट्रेंड इस बार भी बरकरार रहा है . ऐसा पहली बार है जब लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने वैट में कटौती कर उपभोक्ताओं को राहत दी है.

Petrol Diesel Price

Petrol Diesel price- देशभर में वोटिंग का मीटर अप होने से पहले पेट्रोल और डीजल का मीटर डाउन हो गया हैं, हालांकि ये ट्रेंड इस बार भी चुनावों से पहले बरकरार रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने जहां पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में दो रुपए प्रति लीटर की कटौती की है. तो वहीं राजस्थान की भजनलाल सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल-डीजल पर 2 प्रतिशत वैट 31.04 फीसदी से घटाकर अब 29.04 फीसदी और डीजल पर वैट 19.30 फीसदी से घटाकर 17.30 फीसदी कर दिया है..

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कब कितनी किमतें घटी

इसके बाद प्रदेश में पेट्रोल की नई दरें 109.27 रुपए से घटकर 104.88 रुपए और डीजल की कीमत 94.40 रुपए से घटकर 90.32 रुपए हो गई हैं..इससे पहले प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 22 मई 2022 से 14 मार्च तक पेट्रोल 108.48 रूपए और डीजल 93.72 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था. इससे पहले वर्ष 2021 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और राजस्थान की तीन विधानसभा सीट राजसमंद, सहाड़ा और सुजानगढ़ में उपचुनाव की घोषणा 25 फरवरी 2021 को हुई थी. तब राजस्थान सरकार ने चुनाव से पहले पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में 2 फीसदी की कटौती की थी.

इसके बाद प्रदेश में पेट्रोल की नई दरें 109.27 रुपए से घटकर 104.88 रुपए और डीजल की कीमत 94.40 रुपए से घटकर 90.32 रुपए हो गई हैं.इससे पहले प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 22 मई 2022 से 14 मार्च तक पेट्रोल 108.48 रूपए और डीजल 93.72 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था.इससे पहले वर्ष 2021 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और राजस्थान की तीन विधानसभा सीट राजसमंद, सहाड़ा और सुजानगढ़ में उपचुनाव की घोषणा 25 फरवरी 2021 को हुई थी.तब राजस्थान सरकार ने चुनाव से पहले पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में 2 फीसदी की कटौती की थी.

वहीं चुनाव की घोषणा के बाद 67 दिन तक पेट्रोलियम कंपनियों के जरिए पेट्रोल-डीजल के दाम भी नहीं बढ़ाए गए..बल्कि चार बार कम जरूर किए दिए..लेकिन 2 मई 2021 को परिणाम जारी होने के एक दिन बाद ही दाम बढ़ा दिए गए थे.इससे राज्य में मई 2021 में पेट्रोल के दाम 100.74 रुपए और डीजल 93.81 रुपए हो गए.तभी से पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छूते आ रहे हैं.हालांकि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मिली राहत के बाद भी प्रदेश में 2021 की तुलना में पेट्रोल और डीजल महंगा मिल रहा है..

 राजस्थान  उप चुनाव के समय डीजल की कीमत

 राजस्थान में में 2021 हुए विधानसभा उप चुनाव के समय में डीजल की कीमत 89 रुपए 97 पैसे थी जबकि राहत के बाद भी अभी की कीमत 90.32 रुपए से तुलना करें तो डीजल 0.35 पैसे महंगा बिक रहा है.इसी तरह साल 2021 में 97 रुपए 61 पैसे पेट्रोल की कीमत थी जबकि वर्तमान में कीमत 104.88 रुपए की तुलना करें तो 7.27 रुपए महंगा है.

पेट्रोल और डीजल के दामों के फ्लैशबैक को देखे तो वर्ष 2021 में छह राज्यों में चुनाव से पहले वैट में कटौती की गई.पंजाब में चन्नी सरकार ने 2021 में पेट्रोल 10 रुपए और डीजल 5 रुपए सस्ता किया था.

राजस्थान में बाई इलेक्शन में भी घटाई थी पेट्रोल-डीजल की कीमत

राजस्थान में बाई इलेक्शन के चलते पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में 2 फीसदी की कटौती की गई थी.पश्चिम बंगाल में25 फरवरी 2021 को चुनाव घोषित और उससे पहले 22 फरवरी को ममता सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1 रुपए की कटौती की गई थी.25 फरवरी 2021 को चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ और उससे पहले 13 फरवरी को असम में भाजपा सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 5 रुपए की कटौती की गई थी.

इसी तरह उत्तर प्रदेश में 8 जनवरी 2022 को चुनावों की तारीखों का ऐलान हुआ.इससे पहले 4 नवंबर 2021 को उत्तरप्रदेश राज्य में पेट्रोल और डीजल के दामों में 12 रुपए प्रति लीटर की कटौती की गई थी.पिछले साल राजस्थान, एमपी, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और हिमाचल के विधानसभा चुनाव से पहले सिलेंडर के दाम में 200 रुपए की कीटौती की गई.

दरअसल, इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम बीते डेढ़ साल से 75 से 85 डॉलर प्रति बैरल के बीच में ही हैं.कुछ समय के लिए दाम 90 डॉलर से ऊपर जरूर गए, लेकिन ये लेवल ज्यादा दिनों तक नहीं रहे.आम लोग भूल चुके हैं कि आखिरी बार कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल पर कब थे? वो भी ऐसे समय में जब यूक्रेन-रूस वॉर और मिडिल ईस्ट टेंशन अपने चरम पर है..साल 2022 के हाई से कच्चे तेल की कीमतें 50 से 55 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे आ चुकी है.इसका फायदा पेट्रोलियम कंपनियों को भी हुआ है.

बहरहाल, पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव-2023 में पाली में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत को घेरा था.उन्होंने कहा था कि राजस्थान सरकार की लूट का एक उदाहरण यहां पेट्रोल की कीमतें हैं.राजस्थान के पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भाजपा की सरकार हैं. जहां पेट्रोल 97 रुपए प्रति लीटर मिलता है.लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार इन राज्यों से 12 रुपए ज्यादा महंगा पेट्रोल बेचती है.उन्होंने सरकार बनते ही कीमतों में कमी का वादा किया था. ऐसे में राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही पेट्रोल-डीजल के भाव कम करने का दबाव था.वहीं पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर भजनलाल सरकार पर निशाना साधा और वादाखिलाफी की बात भी कही.जिसका जवाब तो देना ही था..हालांकि देखना होगा की पेट्रोल-डीजल की कीमत में कटौती करने से चुनाव में कोई फायदा होता है या नहीं? 

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