Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस में अशोक गहलोत को मजबूत रणनीतिकार माना जाता है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस लिहाज से ही उन्हें अमेठी की ज़िम्मेदारी दी गई है. ज़िम्मेदारी मिलने के साथ ही गहलोत सक्रिय भी हो गए हैं. अमेठी में कांग्रेस दफ्तर के बाहर गाड़ियों में हुई तोड़-फोड़ को लेकर गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के अन्तर को और बढ़ाएंगी.
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Jaipur News: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर से चर्चा में हैं और इस बार कारण है गहलोत को कांग्रेस में मिली नई ज़िम्मेदारी. देश भर की निगाहें अमेठी और रायबरेली के चुनाव पर रहती हैं. इस बार भी ऐसा ही है हालांकि अबकी बार राहुल गांधी के रायबरेली जाने के चलते अमेठी से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है लेकिन फिर भी किशोरीलाल शर्मा और अशोक गहलोत की मौजूदगी अमेठी के चुनाव को रोचक बनाती दिख रही है. हालांकि इस चुनाव में प्रत्याशी केएल शर्मा ही होंगे लेकिन गहलोत के रणनीतिक कौशल के चलते भी इस बार अमेठी के चुनाव पर देश की निगाहें बनी रहेंगी.
गांधी परिवार के दो लॉयलिस्ट एक साथ दिखेंगे. यह तस्वीर होगी अमेठी के लोकसभा चुनाव की. दरअसल कांग्रेस ने राहुल गांधी को अमेठी से रायबरेली शिफ्ट कर दिया है... और इसके साथ ही अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया. गांधी परिवार के लॉयलिस्ट और अब तक यहां कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में काम संभालने वाले शर्मा छात्र राजनीति में रहे हैं. लेकिन गांधी परिवार का काम संभालने के चलते वे बड़े चुनाव लड़ने से दूर ही रहे.
अबकी बार अमेठी से केन्द्रीय मन्त्री स्मृति ईरानी का मुकाबला किशोरीलाल शर्मा से होगा लेकिन किशोरी लाल इस चुनाव में अकेले नहीं होंगे. उनके रणनीतिकार के रूप में पार्टी ने अशोक गहलोत को ज़िम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अमेठी चुनाव के लिए पार्टी का सीनियर ऑब्ज़र्वर नियुक्ति किया है. इसके साथ ही रायबरेली के चुनाव में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को सीनियर ऑब्ज़र्वर की ज़िम्मेदारी दी गई है लेकिन इस आदेश में दो नाम होने के बावजूद चर्चा ज्यादा गहलोत को लेकर ही है.
गहलोत की राजनीतिक समझ और रणनीतिक व्यूह रचना
कांग्रेस पार्टी में अशोक गहलोत होने के क्या मायने हैं. इसका पता हर उस आदेश से चलता है... जो विकट समय और परिस्थितियों के समय कांग्रेस नेतृत्व की तरफ़ से जारी किया जाता है हालांकि किशोरी लाल शर्मा अमेठी से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं और हर बार गांधी परिवार के प्रतिनिधि के लिए चुनाव संभालने का काम करते रहे हैं. लेकिन अबकी बार वे खुद चुनाव में होंगे. लिहाजा उनका चुनाव पार्टी के लोग और स्थानीय नेतृत्व संभालेगा. इस लिहाज से अशोक गहलोत के कंधों पर दो ज़िम्मेदारी होगी. पहला तो किशोरी लाल शर्मा के चुनाव प्रबंधन में रणनीति बनाना और दूसरा उनके चुनाव में सारा काम तय रणनीति के मुताबिक हो. कहीं कोई भीतरघात ना हो इसका ऑब्ज़र्वेशन करना.
दरअसल कांग्रेस में अशोक गहलोत को मजबूत रणनीतिकार माना जाता है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस लिहाज से ही उन्हें अमेठी की ज़िम्मेदारी दी गई है. ज़िम्मेदारी मिलने के साथ ही गहलोत सक्रिय भी हो गए हैं. अमेठी में कांग्रेस दफ्तर के बाहर गाड़ियों में हुई तोड़-फोड़ को लेकर गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के अन्तर को और बढ़ाएंगी.
अशोक गहलोत का सोशल मीडिया पर बयान.
अमेठी में कांग्रेस कार्यालय पर तोड़फोड़ निंदनीय है.
ऐसी घटनाएं भाजपा की हार की बौखलाहट का स्पष्ट प्रमाण है.
उत्तर प्रदेश पुलिस इस घटना में लिप्त आरोपियों पर
सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे.
ऐसी घटनाओं से अमेठी में कांग्रेस के लोकप्रिय उम्मीदवार
के एल शर्मा की जीत का अंतर और बढ़ाएगी - गहलोत.
चुनाव तक गहलोत का कैम्प और फोकस अमेठी ही रहेगा
माना जा रहा है कि अब चुनाव तक गहलोत का कैम्प और फोकस अमेठी ही रहेगा क्योंकि किशोरी लाल का मुकाबला स्मृति ईरानी से है और ईरानी पहले राहुल गांधी को चुनाव हरा चुकी हैं. इस लिहाज से गहलोत के ऑब्ज़र्वेशन में कांग्रेस की जीत के लिए रणनीति बनाना चुनौतीपूर्ण रहेगा लेकिन इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव और गुजरात चुनाव के वक्त गुजरात कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महासचिव के रूप में भी गहलोत ने अपनी भूमिका से अलग छाप छोड़ी है. ऐसे में एक बार फिर गहलोत गांधी परिवार के मजबूत सिपहसालार और लॉयलिस्ट के रूप में काम करते हुए किशोरी लाल शर्मा को जिताने के लिए ज़ोर लगाते दिखेंगे.