Rajasthan Politics: रामभद्राचार्य के बयान का विरोध किया जा रहा है. बीजेपी के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा का कहना है कि जगद्गुरु या अन्य संत आरक्षण को लेकर बयान नहीं दे.
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Rajasthan Politics: BJP नेता और पूर्व विधायक ज्ञान देव आहूजा ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के जातिगत आरक्षण को खत्म करने को लेकर दिए बयान पर विरोध जताया है. आहूजा ने रामभद्राचार्य सहित अन्य संतों से कहा है कि वह आरक्षण को लेकर किसी भी तरह का बयान नहीं दें. इस तरह के बयानों से अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग आंदोलित है. संत दलित वर्ग को भड़काने का काम नहीं करें.
पिछले दिनों जयपुर आए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने जातिगत आरक्षण को समाप्त करने को लेकर बयान दिया था. उनके इस बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ज्ञान देव आहूजा ने एतराज जताया. आहूजा ने रामभद्राचार्य और अन्य संतों से कहा कि वो इस तरह को के बयानों से बचें.
अहुजा ने कहा कि रामभद्राचार्य के जातिगत आरक्षण को लेकर दिए बयान को मैं सही नहीं मानता हूं. साधु संतों को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. आरक्षण समाप्त करने का बयान गलत है. आहूजा ने कहा कि जब तक विकसित भारत की परिकल्पना पूरी नहीं हो जाती, हर एक वर्ग को समानता का अधिकार नहीं मिल जाता. तब तक जातिगत आरक्षण समाप्त नहीं होना चाहिए.
आहूजा ने कहा, '' मैं मजदूर संघ से जुड़ा नेता रहा हूं, आज भी देश में 70 फीसदी आबादी ऐसी है जिसे आरक्षण की जरूरत है. रामभद्राचार्य के इस बयान से दलित वर्ग आंदोलित है. कोई साधु संत ऐसा बयान ना दे जिससे कि हमारे सनातन धर्म हिन्दू एकता को नुकसान न हो.''
रामभद्राचार्य ने क्या कहा था
जयपुर में कथा के लिए आए स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा सरकारों को जाति के आधार पर आरक्षण खत्म कर आर्थिक आधार पर देना चाहिए और ये जल्दी होने वाला है. उन्होंने कहा कि हमने सवर्ण समाज में जन्म लेकर पाप नहीं किया है. उन्होंने आगे कहा, ''शत प्रतिशत नंबर लाकर सवर्ण का बच्चा जूता सीले और चार प्रतिशत लाकर एससी का बच्चा नौकरी पाए. इसको समाप्त करना हीं होगा और ये होगा. कोई SC, ST, OBC नहीं सब हिंदू एक है, सब भारतीय एक है. आर्थिक आधार पर आरक्षण कर दो. तब यह जाति वाला गृह युद्ध अपने आप समाप्त हो जाएगा.