Jaipur Gas Balst Incident: जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार की सुबह एलपीजी टैंकर ब्लास्ट के बाद हुए भीषण अग्निकांड में 11 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 41 लोग घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है. हादसा इतना भयानक था कि शव के जले हुए अवशेष को पॉलीथिनों में भरकर लाया जा रहा है. वहीं इस हादसे में लापता रिटार्यड आईएएस करणी सिंह की मौत की पुष्टी हो गई है. डीएनए रिपोर्ट के आधार पर उनके शव का पता चला जो दो हिस्सों में बंट गया था. वहीं कई लोगों को अपनों का इंतजार है...
भांकरोटा अग्निकांड प्रकरण में अब तक जिन अज्ञात शवों को पांच माना जा रहा था. वह चार शव ही हैं. एक शव ब्लास्ट में 2 टुकड़ों में बट गया था, जिसके चलते उन्हें दो अलग-अलग शव माना जा रहा था. FSL द्वारा की गई DNA जांच में इसकी पुष्टि की गई. वहीं चार अज्ञात शवों में से दो की शिनाख्त हो गई है. रिटायर्ड IAS करणी सिंह और यूपी निवासी संजेश के रूप में दो शवों की शिनाख्त की गई है. मृतकों के परिजनों से लिए गए DNA मिलान के बाद पुष्टि हुई. अब दो शवों की शिनाख्त होना अभी भी बाकी है.
रिटायर्ड आईएएस करणी सिंह राठौड़ के लापता होने के बाद उनकी बेटियों के डीएनए सैंपल लिए गए थे, जिनका मिलान अग्निकांड में मिले शवों के साथ किया गया था. डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अब यह पुष्टि हो गई है कि करणी सिंह इस भीषण अग्निकांड में मारे गए. जानकारी के अनुसार, वे भांकरोटा कृषि फार्म से जयपुर लौट रहे थे, जब सुबह करीब 6 बजे यह हादसा हुआ.
शनिवार को हुई डीएनए जांच के बाद चार में से दो शवों की पहचान हो गई है. इनमें एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी करणी सिंह का शव है, जो दिसंबर 2008 में सेवानिवृत्त हुए थे. वह अजमेर और श्रीगंगानगर जिलों के कलेक्टर भी रह चुके थे. सेवानिवृत्ति के समय, वह आरयूआईडीपी परियोजना के निदेशक थे. इसके अलावा, वह राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलसचिव और अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भी रह चुके थे. दूसरा शव यूपी निवासी संजेश का है.