Jaipur: सरकारी अफसर सूचना आयोग की अवहेलना कर रहे हैं. कई मौके दिए, जुर्माना नहीं जमा कराया तो सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज होगा.
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Jaipur: राज्य सूचना आयोग ने कानून की अवहेलना पर लगे जुर्माने को जमा करने में ढिलाई बरतने को गंभीरता से लिया है. आयोग ने अब यह आदेश दिया है कि आयोग का निर्णय मिलने के एक महीने में यदि अधिकारी जुर्माने की राशि जमा न कराये तो उनकी सेवा पुस्तिका में इसका उल्लेख किया जाये. सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने नगरीय निकाय और पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के 9 अधिकारियों के खिलाफ इस तरह का आदेश दिया है.
इन मामलों में सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त बारेठ ने कहा यह जानकारी में आया है कि इन विभागों के कुछ अधिकारी न केवल सूचना आवेदनों के प्रति बेरुखी दिखाते है बल्कि आयोग के आदेश देने के बाद भी लम्बे समय तक जुर्माने की राशि जमा नहीं करवाते है. आयोग ने बीकानेर जिले में 5 के वाई डी गांव के विकास अधिकारी पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. आयोग ने आदेश में कहा है कि अगर एक माह में जुर्माना राशि जमा न करवाए तो अधिकारी के सर्विस रिकॉर्ड में इसका दर्ज किया जाए. साथ ही आयोग को अवगत करवाए. इस मामले में एक स्थानीय नागरिक ने ग्राम पंचायत की कैश बुक की प्रति मांगी थी. सुनवाई के दौरान आयुक्त ने कहा इन दोनों महकमों से रोजमर्रा में आम अवाम का वास्ता पड़ता है. अगर सूचना अधिकार कानून वजूद में आने के बाद भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़े तो यह दुखद है और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है.
कई मौके दिए, न हाजिर हुए, न जवाब दिया
आयोग ने अधिकारी को अपना पक्ष रखने के लिए कई मौके दिए. मगर न तो उन्होंने जवाब दाखिल किया न ही हाजिर हुए. आयोग ने ऐसे ही कुछ मामलों में सुनवाई करते हुए रायसिंहनगर जिले पंचायत समिति के विकास अधिकारी , बीकानेर जिले में बेरियावली और चितोड़ गढ़ जिले में मांगरोल के ग्राम विकास अधिकारियों पर भी दो दो हजार रूपये की शास्ति आरोपित की है. साथ ही आदेश दिया गया है कि अगर अधिकारी एक माह में जुर्माना राशि जमा न कराये तो सेवा पुस्तिका में इस बात का उल्लेख किया जाये.
कानून की परवाह नहीं की, जुर्माना लगाया,
राज्य सूचना आयुक्त बारेठ ने चूरू जिले में सुजानगढ़ नगर परिषद के आयुक्त पर सूचना अधिकार कानून की पालना न करने पर दो हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. सुनवाई के दौरान आयोग ने कहा एक के बाद एक छह मौके देने के बाद भी अधिकारी ने कानून की परवाह नहीं की. आयोग ने कहा अगर निर्णय प्राप्ति के एक माह में जुर्माने की राशि जमा न करवाना पाया जाये तो इसे अधिकारी की सर्विस बुक में दर्ज किया जाए. आयोग ने ऐसे ही मामलों में बीकानेर नगर विकास न्यास के सचिव ,राजसमंद की आमेट नगर पालिका ,बीकानेर में देशनोक नगर पालिका ,और हनुमानगढ़ में भादरा पालिका के अधिशाषी अधिकारियो पर दो दो हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही शास्ति समय पर जमा नहीं करवाने पर अधिकारियो के सेवा रिकॉर्ड में उल्लेख करने का आदेश दिया है.
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