डीजी होमगार्ड्स के कहने के बाद 16 मिनट में निदेशालय के दरवाजे पर लगे मोनोग्राम हटाए गए. खुद आईपीएस राशि डोगरा ने अपनी निगरानी में खड़े रहकर उन्हें हटवाया. हटाने के दौरान अशोक स्तम्भ खण्डित हो गया तो अधिकारियों ने अतिरिक्त सावधानी बरती और उनका असम्मानजनक डिस्प्ले नहीं हो सके इसके लिए दरवाजे के उस हिस्से पर सफेद कागज चिपका दिए.
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CM Gehlot inaugurated new building of Home Guard: CM अशोक गहलोत ने गुरूवार को होमगार्ड निदेशालय की बिल्डिंग का उद्घाटन किया. इस बिल्डिंग में होमगार्ड्स के अधिकारी बैठा करेंगे. नई इमारत का उद्घाटन तो हो गया, लेकिन पहले दिन ही इस बिल्डिंग में हुए काम पर सवाल उठ गए. दरअसल बिल्डिंग के मुख्य दरवाजे पर लगे स्लाइडिंग डोर पर होमगार्ड्स का मोनोग्राम लगाया गया और इस मोनोग्राम के हिस्से के रूप में भारत का राजकीय चिन्ह अशोक स्तम्भ भी लगाया गया.
मोनोग्राम में किसी को कोई ऐतराज नहीं था, लेकिन जब दरवाजा खुला तो अशोक स्तम्भ खण्डित होकर दो टुकड़ों में दिखा. कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े अधिकारियों का इस पर ध्यान नहीं गया, लेकिन जब जी मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया तो होमगार्ड के डीजी यूआर साहू ने इसे गलती मानते हुए तत्काल सुधार के निर्देश भी दिए. डीजी ने कहा यह गलती है और इसे तत्काल सुधारा जाएगा.
राजस्थान होमगार्ड्स को नई बिल्डिंग मिल गई है. राजधानी के विद्याधर नगर में तकरीबन 12 करोड़ से ज्यादा की लागत से चार मंजिला इमारत तैयार की गई. यहीं पर अब होमगार्ड डीजी के साथ दूसरे अधिकारी बैठा करेंगे. सीएम से होमगार्ड ने उद्घाटन भी करा लिया, लेकिन इस बिल्डिंग के मुख्य दरवाजे पर लगे होमगार्ड के मोनोग्राम की तरफ अधिकारियों ने ध्यान ही नहीं दिया.
दरअसल इस मोनोग्राम के हिस्से के रूप में भारत का राजकीय चिन्ह अशोक स्तम्भ भी लगाया गया. मोनोग्राम में किसी को कोई ऐतराज नहीं था, लेकिन जब दरवाजा खुला तो अशोक स्तम्भ खण्डित होकर दो टुकड़ों में दिखा. अशोक स्तम्भ का इस तरह टुकड़ों में होना भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान की श्रेणी में आता है. ज़ी मीडिया ने राष्ट्रीय प्रतीकों के इस तरीके से असम्मानजनक प्रदर्शन पर सवाल उठाया, खबर भी दिखाई, कानूनी मामलों के जानकारों से भी बात की. एडवोकेट एसपी सिंह ने इसे सरासर गलत बताते हुए कहा कि इस तरह राष्ट्रीय प्रतीकों को टुकड़ों में बांटकर नहीं दिखाया जा सकता.
तो इसी दौरान ज़ी मीडिया ने होमगार्ड के डीजी उत्कल रंजन साहू से भी इस मुद्दे पर बात की. ज़ी मिडिया से बातचीत के दौरान लाइव फोन इन में ही डीजी होमगार्ड ने इस मामले में गलती मानी. उन्होंने कहा कि इस तरह अशोक स्तम्भ को लगाना गलत है और इसे सुधारा जाएगा. जब ज़ी मीडिया संवाददाता शशि मोहन ने सवाल किया कि इस गलती को क्या आज ही सुधार लिया जाएगा, तो इस पर यू आर साहू ने कहा कि अभी सुधारा जाएगा.
डीजी होमगार्ड्स अपनी बात के पक्के साबित हुए और लाइव फोन इन पर जो बात कही. वहीं बात तुरन्त अपने मातहत अधिकारियों से कही. डीजी यूआर साहू ने मोनोग्राम और उसमें लगा अशोक स्तम्भ हटाने के निर्देश दिए तो अधिकारी भी तत्काल हरकत में आ गए. डीजी होमगार्ड्स के कहने के बाद 16 मिनट में निदेशालय के दरवाजे पर लगे मोनोग्राम हटाए गए. खुद आईपीएस राशि डोगरा ने अपनी निगरानी में खड़े रहकर उन्हें हटवाया. हटाने के दौरान अशोक स्तम्भ खण्डित हो गया तो अधिकारियों ने अतिरिक्त सावधानी बरती और उनका असम्मानजनक डिस्प्ले नहीं हो सके इसके लिए दरवाजे के उस हिस्से पर सफेद कागज चिपका दिए.
खास बात यह कि आईपीएस ऑफिसर की पूरी सर्विस के दौरान अशोक स्तम्भ उसकी वर्दी का अभिन्न हिस्सा होते हैं. ऐसे में आधे घण्टे से भी कम समय में रिएक्शन देकर अधिकारियों ने जता दिया कि अशोक स्तम्भ और राष्ट्रीय प्रतीक उनके लिए कितनी अहमियत रखते हैं.
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डीजी होमगार्ड और निदेशालय के लोगों की सक्रियता काबिले तारीफ थी. जनता की अपेक्षा रहती है कि पुलिस और होमगार्ड्स अधिकांश मामलों में इस तरह की सक्रियता दिखाएं तो प्रदेश में तस्वीर बदल सकती है.