गहलोत की ये मांगें लेकर केंद्र सरकार के पास पहुंचे मंत्री शांति धारीवाल, बैठक में कही बातें
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गहलोत की ये मांगें लेकर केंद्र सरकार के पास पहुंचे मंत्री शांति धारीवाल, बैठक में कही बातें

Shanti Dhariwal News : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में हुई प्री-बजट चर्चा में राजस्थान से शांति धारीवाल ने प्रदेश का पक्ष रखा और ईआरसीपी प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के साथ साथ जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी को 90 प्रतिशत करने के साथ साथ नए आंगनवाड़ी केंद्रों को मंजूरी देने की मांग रखी.

गहलोत की ये मांगें लेकर केंद्र सरकार के पास पहुंचे मंत्री शांति धारीवाल, बैठक में कही बातें

Shanti Dhariwal News : नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने शुक्रवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में मानेकशा सभागार में आयोजित प्री-बजट चर्चा हिस्सा लिया. धारिवाल ने आगामी आम बजट के लिए राजस्थान का पक्ष रखा. धारिवाल ने आगामी बजट के लिए केंद्र सरकार से कई माँगे रखी. मुख्य रूप से बहुप्रतिक्षित पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर आगामी केन्द्रीय बजट मे विशेष केन्द्रीय सहायता का प्रावधान करने की माँग की. 37 हजार 247 करोड़ अनुमानित लागत की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से राज्य के 13 जिलों की बड़ी आबादी को सिंचाई एवं पेयजल का लाभ मिलेगा. इसके अलावा जलजीवन मिशन में केंद्र का हिस्सा बढ़ाने,नये आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति, लंबित रेल परियोजना,कोटा एयरपोर्ट का निर्माण शुरू करावाने,खनिजों की रायल्टी दरों में संशोधन सहित कई अहम माँगे केंद्र के समक्ष रखी.

जलजीवन मिशन में हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग

धारिवाल ने जल जीवन मिशन पर राजस्थान कि मांग रखते हुए कहा कि छितरी आबादी एवं विशाल क्षेत्रफल के कारण राजस्थान में हर घर नल योजना में लागत अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी अधिक है इसलिए राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों के मद्देनजर राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देते हुए केन्द्र की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया जाए. इसके अतिरिक्त जल जीवन मिशन के अन्तर्गत सतही स्त्रोतों पर आधारित 26 परियोजनाएं जिनकी लागत 300 करोड़ रूपये प्रति परियोजना से अधिक है. जिन्हें पूर्ण होने में 3-4 वर्ष का समय लगेगा. अतः इस योजना की अवधि 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक की जाए.

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नये आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति की मांग

धारीवाल ने कहा कि राज्य में जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2010 से 2021 के अन्तराल में पंचायत समितियों की संख्या 248 से बढ़ाकर 352 तथा नगरीय निकायों की संख्या 184 से बढ़ाकर 213 की गयी है. इसलिए जनसंख्या वृद्धि के मद्देनजर लाभार्थियों की सुविधा की दृष्टि से कुल आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या में 20 प्रतिशत वृद्धि की जाये और जनता की मांग के हिसाब से नये आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति दी जाये.

लंबित रेल परियोजनाओं को शुरू किया जाए

धारीवाल ने बैठक में कहा कि प्रदेश की महत्वपूर्ण लंबित रेल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत राज्य द्वारा और परियोजना लागत केन्द्र द्वारा वहन की जानी चाहिए व्यवस्था की जानी चाहिए. रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा, अजमेर से सवाई माधोपुर वाया टोंक रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने की माँग रखी.

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इसके अलावा धारीवाल ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की राज्य विशिष्ट अनुदानों सम्बन्धी सिफारिशों पर की गई कार्यवाई रिपोर्ट को संसद में प्रस्तुत करते समय केंद्र सरकार ने कहा था कि केंद्र और राज्यों की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए इन सिफारिशों पर उचित विचार किया जाएगा. इसलिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार राशि 2 हजार 322 करोड़ रुपये के राज्य विशिष्ट अनुदानों को जारी करने किया जाए.

धारिवाल ने कहा कि जीएसटी से राजस्व प्राप्तियों में आधार वर्ष से अपेक्षित 14 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. जीएसटी मुआवजे की अवधि जून 2022 तक को 5 वर्ष जून 2027 तक के लिए बढ़ाया जाए. साथ ही, बकाया जीएसटी मुआवजे की राशि 3780.53 करोड़ रुपये भी एक बार में जल्द से जल्द जारी की जाए. 15वें वित्त आयोग की पूरी अवधि के दौरान राजस्थान राज्य में लगातार राजस्व घाटे की स्थिति में बने रहने की संभावना है. इसलिए राजस्व घाटा अनुदान 15वें वित्त आयोग की शेष अवधि के लिए भी जारी रखने की भी माँग की. वित्त वर्ष 2022-23 में केन्द्र सरकार द्वारा “Special assistance to state for capital investment” के अन्तर्गत समस्त राज्यों के लिए एक की बजाय दो लाख करोड़ रूपये कर आवंटन को आगामी वित्त वर्ष 2023-24 में भी जारी रखा जाए.

खनिजों की रायल्टी दरों में संशोधन की मांग

धारीवाल ने कहा कि राज्य में प्रधान खनिजों की रॉयल्टी से प्राप्त राजस्व का राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है. एमएमडीआर अधिनियम के प्रावधानों अनुसार रॉयल्टी रिवीजन के अधिकार केन्द्र सरकार में है. वर्ष 2017 से इन दरों में रिविजन नहीं होने से राज्यों के राजस्व पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. इसलिए भारत सरकार को एमएमडीआर अधिनियम के तहत लम्बे समय से लंबित प्रधान खनिजों की रायल्टी दरों में संशोधन किया जाना चाहिए.

कोटा एयरपोर्ट का निर्माण शुरू करावाने की मांग

शांति धारीवाल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री कोटा एयरपोर्ट निर्माण जल्दी शुरू करने की माँग की. धारिवाल ने कहा कि कोटा 15 लाख जनसंख्या का शहर है. देश के विभिन्न हिस्सों से छात्र कोचिंग करने आते हैं. कोटा एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार ने जमीन उपलब्ध करवा दी है. इसलिए कोटा में एयरपोर्ट का निर्माण कार्य आगामी केन्द्रीय बजट में शामिल किया जाए.

पेंशन योजनाओं में केन्द्रीय हिस्सेदारी बढ़ाई जाए

धारीवाल ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत इन्द्रा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना, दिव्यांग पेंशन योजना एवं विधवा पेशन योजना मे केन्दीय हिस्सेदारी को 200 से बढ़ाकर 500 रूपये करने की भी माँग की.

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