Jaipur: सचिवालय में सुरक्षा राम भरोसे, बिना पास के हो जाती है एंट्री
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Jaipur: सचिवालय में सुरक्षा राम भरोसे, बिना पास के हो जाती है एंट्री

आजकल मोबाइल से पास बनने लगे हैं लेकिन उस में वेरीफिकेशन का कोई प्रावधान नहीं है. किसी भी विभाग का नाम भरकर आगंतुक पास बनवा सकता है. 

Jaipur:  सचिवालय में सुरक्षा राम भरोसे, बिना पास के हो जाती है एंट्री

Jaipur: ब्यूरोक्रेसी के मुखिया हो या मुख्यमंत्री का कार्यालय सभी कार्यों के लिए लोगों को सचिवालय आना पड़ता है, लेकिन यहां की सुरक्षा ऐसी है की कोई भी व्यक्ति बिना पास अंदर घुस सकता हैं. इसके साथ ही अगर पास भी बनवाता हैं तो उसके ट्रैकिंग की कोई सुविधा नहीं हैं

सुरक्षा में खामी कैसे

सचिवालय में एंट्री के 3 गेट हैं. मेन एंट्री स्वागत कक्ष से, जहां पास बनवा सकते हैं. मेन गेट पर ही एंट्री के 2 अलग गेट हैं. जहां एक गेट सचिवालय कर्मचारियों के लिए एक गेट आगंतुकों के लिए है. दोपहर 1.30 बजे बाद आम लोगों के लिए पास बनते हैं. उससे पहले भी कई लोग कर्मचारियों की लाइन से घुस जाते हैं.

पास बनाने में भी हैं खामियां

आजकल मोबाइल से पास बनने लगे हैं लेकिन उस में वेरीफिकेशन का कोई प्रावधान नहीं है. किसी भी विभाग का नाम भरकर आगंतुक पास बनवा सकता है. कई लोग अलग अलग नाम से पास बनाकर सचिवालय में प्रवेश कर लेते हैं. दिनभर सुबह से अधिकारियों के चक्कर लगाते रहते हैं. सचिवालय में आगंतुकों के बैग चेकिंग के लिए मशीन नहीं है. हाथ से चेकिंग करनी पड़ती है. ऐसे में आगंतुक बैग दिखाने से इनकार कर देते हैं.

ऐसे में कई बार विवाद की स्थिति भी बन जाती है. कई लोग सचिवालय में शराब लेकर भी पहुंचते हैं. सचिवालय के कई कमरों, चौक में  शराब की बोतलें मिलती हैं. पूर्वी द्वार पर भी कई लोगों को पुलिसकर्मियों ने रोका है. आगंतुक पुलिसकर्मियों के सामने रोब भी दिखाते हैं. हाल ही में मंत्री प्रताप सिंह के रिश्तेदार बनकर आगंतुक पहुंचे. पुलिसकर्मियों ने बिना पास अंदर जाने नहीं दिया तो मंत्री का रोब दिखाया. बाद में सचिवालय रिसेप्शन से बिना पास के पहुंचे.

बाद में पुलिसकर्मी को ही कहा कि देखो बिना पास पूरे सचिवालय में घूम कर आया. अभी हाल ही में 13 लोग सचिवालय पूर्वी द्वार पर पहुंचे. जहां बिना पास जाने से पुलिसकर्मियों ने रोका तो बाद में मंत्री की गाड़ी में 3 बार में सचिवालय पहुंचे. बाद में पुलिसकर्मियों से कहा कि देखो खुद मंत्री की गाड़ी आई है. कई आगंतुक बिना पास सचिवालय में घुसने के लिए अलग अलग नाम का सहारा लेते हैं. कोई आईएएस बनता हैं, कोई पूर्व विधायक, कोई मंत्री का भाई, रिश्तेदार.

ऐसे में आए दिन सचिवालय पुलिसकर्मी, सुरक्षाकर्मियों से बहस होती है. हाल ही में बड़ी संख्या में आगंतुक पहुंचे जिस पर सीएस ने रिपोर्ट भी मांगी.

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