नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा हंगामा, विकास के मुद्दे पर मेयर और डिप्टी मेयर में टकराव
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नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा हंगामा, विकास के मुद्दे पर मेयर और डिप्टी मेयर में टकराव

Jaipur News: ग्रेटर नगर निगम में हुई साधारण सभा की शुरूआत हंगामे के साथ हुई. हालांकि इस हंगामे में विपक्ष शांत रहा, और बीजेपी की पार्षद ही विपक्ष की भूमिका में दिखे. विकास के मुद्दे पर चर्चा को लेकर मेयर और डिप्टी मेयर के बीच टकराव हो गया.

 

नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा हंगामा,  विकास के मुद्दे पर मेयर और डिप्टी मेयर में टकराव

Jaipur: ग्रेटर नगर निगम में हुई साधारण सभा की शुरूआत हंगामे के साथ हुई. हालांकि इस हंगामे में विपक्ष शांत रहा, और बीजेपी की पार्षद ही विपक्ष की भूमिका में दिखे. विकास के मुद्दे पर चर्चा को लेकर मेयर और डिप्टी मेयर के बीच टकराव हो गया, जिसके बाद एजेंडे पर चर्चा की शुरुआत डिप्टी मेयर से करवाए जाने परम्परा को तांक पर रखने की बात कहते हुए डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट सदन छोड़कर चले गए. उसके बाद सदन में विभिन्न वार्डों में विकास कार्य, सड़क, लाइट, उद्यान, श्मशान जैसे मुद्दों पर वार्ड 1 की पार्षद से शुरुआत हुई. और आखिर में सभी वार्डों को विकास कार्यों के लिए एक करोड़ का बजट देने की सहमति बनी.

मंगलवार को हुई बैठक में हंगामा

ग्रेटर नगर निगम में मंगलवार को  बोर्ड बैठक आहूत हुई. पहली मर्तबा प्रत्येक वार्ड के पार्षदों को बोलने का मौका देने के उद्देश्य से वार्ड 1 की पार्षद से प्रस्ताव पर अपनी बात रखने की पहल की गई. साधारण सभा की बैठक को लेकर महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि हर एक पार्षद बोले ये उद्देश्य था. सभी ने अपने वार्ड की समस्याएं बताई. इन समस्याओं के आधार पर प्रत्येक वार्ड को एक करोड़ का बजट में दिया जाएगा. इसके अलावा जिन वार्डों में श्मशान घाट है, वहां श्मशान के विकास के लिए 10 लाख की अतिरिक्त राशि दी जाएगी. वहीं सीएम की भाषा बोलने के आरोप पर महापौर ने कहा कि ये ग्रेटर नगर निगम की चौथी बोर्ड बैठक है. जिसमें स्पष्ट किया गया था कि विकास कार्यों पर बोलने का सभी को मौका दिया गया और सब की बात सुनने, सबका साथ और सबका विकास अगर किसी की भाषा होती है तो उन्हें ये आरोप समझ नहीं आता. उन्होंने कहा कि यहां सब के विकास की बात रखी गई है. 

अविकसित वार्ड में 300 लाइटों की जरूरत

सभी वार्ड में विकास के लिए बजट की बात रखी गई है. कुछ विकसित क्षेत्रों में 50 लाइट की आवश्यकता है और कुछ अविकसित वार्ड में 300 लाइटों की आवश्यकता है. इसी को मद्देनजर रखते हुए लाइटों की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि वार्ड छोटे हैं, जहां एक करोड़ की राशि दी जाएगी तो को उद्यान में भी खर्च होगी और शौचालय, सामुदायिक केंद्र, पार्क जैसी दूसरी व्यवस्था पर भी खर्च किया जा सकता है. वहीं विद्युत समिति चेयरमैन के सवालों पर उन्होंने कहा कि सभी समितियों के चेयरमैन को संबंधित विषय के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए. और जहां तक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काम देने की बात है, तो ये संज्ञान में आया है, इस पर कार्रवाई की जाएगी.

बीजेपी पार्षदों ने निगम अधिकारियों को किया टारगेट 

इससे पहले ग्रेटर निगम में सदन शुरू होते ही बीजेपी पार्षदों ने निगम के अधिकारियों को टारगेट करना शुरू कर दिया, और जोन में काम कर रहे इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर अड़ गए. पार्षद हरिशंकर बोहरा और जयश्री गर्ग ने मुरलीपुरा और मालवीय नगर जोन के इंजीनियर्स के खिलाफ अभद्रता के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की. इस दौरान पार्षदों के समर्थन में डिप्टी मेयर भी उतर आए. और देखते-देखते बीजेपी पार्षद मेयर के आसन के सामने आकर विरोध जताने लगे. 

हंगामे के चलते मेयर ने कमिश्नर को निर्देश दिए कि पार्षद जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है उसके लिए एक कमेटी बनाकर जांच करवाए. लेकिन डिप्टी मेयर इससे भी असहमत दिखे. और जांच कमेटी में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करने की अपील की. हालांकि आखिर में मेयर ने मुरलीपुरा जोन के इंजीनीयर महेन्द्र सैनी और मालवीय नगर फिरंगी लाल गोस्वामी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. इस दौरान महापौर ने सीएम का कथन दोहराते हुए कहा कि आप मांगते-मांगते थक जाओगे मैं देते-देते नहीं थकूंगी.

सदन छोड़कर चैंबर में चले गए डिप्टी मेयर

उधर, विकास के मुद्दे पर चर्चा के लिए सबसे पहले डिप्टी मेयर को बोलने की परम्परा का निर्वहन नहीं किए जाने पर पुनीत कर्णावट मेयर को सदन की परम्परा तोड़ने के लिए जाने जाने की बात कहते हुए, सदन छोड़कर अपने चैंबर में चले गए. और प्रधानमंत्री के ''मेरा बूथ सबसे मजबूत'' कार्यक्रम के संबोधन को सुनने लगे. उन्होंने कहा कि महापौर ने सदन में 2 मिनट बोलने की व्यवस्था बना दी है. ऐसे में उनका नंबर देरी में आएगा. उन्होंने सदन में किए विरोध पर कहा कि सदन की स्वस्थ परंपरा रही है कि जब साधारण सभा होती है तो उसकी शुरुआत उपमहापौर करता है. ये परंपरा नहीं टूटनी चाहिए और लोकतंत्र में ये परंपरा ही सर्वोपरि है. उन्होंने अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि निगम में अधिकारी बेलगाम है, भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.

ठेकेदार, अधिकारी और कर्मचारियों का गठबंधन 

ठेकेदार, अधिकारी, कर्मचारियों का एक गठबंधन बना हुआ है. ठेकेदार की शिकायत करने पर अधिकारी ही पार्षद को धमका रहा है. ऐसे अधिकारी को सस्पेंड करना चाहिए. लेकिन उसको एपीओ किया गया, जो सजा नहीं. पार्षद के सम्मान की रक्षा के लिए ऐसे अधिकारी को सस्पेंड किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि महापौर ने डेयरी आवंटन पर भी एक कमेटी बनाई है. लेकिन कमिश्नर उसके फॉरमेशन का डिक्लेरेशन नहीं कर रहे. अधिकारी पूरी तरह बेलगाम है. उन्हें किसी का डर नहीं है. उनको कोई रोक-टोक पसंद नहीं आ रही. वो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. जो पार्षद उन्हें रोकता है, उससे इसी प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं. कुछ दिन पहले पार्षद जयश्री के साथ भी यही हुआ था. दुख  यही है कि इस पर अब तक वो कोई कार्रवाई नहीं करवा पाए.

वहीं रोड लाइट समिति की चेयरमैन सुखप्रीत बंसल ने कहा कि 14 महीने पहले जो बोर्ड बैठक हुई थी, तब ये तय हुआ था कि ईआईपीएल कंपनी के खिलाफ एमएनआईटी की ओर से जांच होगी. लेकिन 14 महीने बीत जाने के बाद भी ना तो कोई जांच हुई और ना ही कोई कार्रवाई हुई. कंपनी हर महीने 3 से 4 करोड़ भुगतान ले रही है. उन्होंने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्ट अधिकारी पूरी तरह से कंपनी के साथ मिले हुए हैं. सदन में पता लगा कि कंपनी के खिलाफ कमेटी गठित की गई है. लेकिन निगम ने बिल्ली को ही दूध की रखवाली के लिए लगा दिया है. उस कमेटी में वही अधिकारी हैं जो हर महीने कंपनी का बिल पास कर रहे हैं. तो वो जयपुर की जनता के साथ कौन सा न्याय करेंगे. 

कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की उठी बात

निगम में अंधेर गर्दी चल रही है इसके खिलाफ पक्ष रखा है. उन्होंने बताया कि एक कंपनी जिसकी वजह से 10 साल के बच्चे की जान गई, उसे ब्लैक लिस्ट करने का फैसला लिया गया था. उसे ही दोबारा प्रोत्साहित किया जा रहा है. तो सजा किसको दी जाएगी. 14 महीने पहले विद्युत पोल की जो स्थिति थी वो आज भी बनी हुई है. अधर में लटके खंभे गिरे नहीं और अधिकारियों को शर्म आई नहीं. जिस दिन कोई हादसा होगा तब उस परिवार को पैसे देने के लिए भागेंगे. 

निगम ने ये सोच बना ली है कि कोई हादसा हो तो संबंधित परिवार को पैसे दे दो और उसकी आवाज दबा दो. उन्होंने बताया कि सदन में नेता प्रतिपक्ष ने निगम के विद्युत विभाग में हुए भ्रष्टाचार पर उनसे इस्तीफा मांगा. इस पर उन्होंने कहा कि उनके स्वभाव में भागना नहीं, वो यहां लड़ेंगी भी और सबको नंगा करेंगी. नगर निगम प्रशासन की ओर से बनाई गई कमेटी जांच में यदि कंपनी को निर्दोष साबित करती है, तो वो एसीबी में शिकायत करेंगी.

Reporter- Binesh tiwari

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