राजस्थान में प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टा देने के लिए सरकार ने तीसरा चरण चल रहा है. पट्टा बनाने के नियमों को सरल भी किया है. लेकिन बावजूद इसके राजधानी के रेनवाल नगर पालिका में महज 933 पट्टे जारी किए गए है.
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Jaipur : प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत आमजन को राहत मिल रही है. लोगों को आसानी से पट्टे उपलब्ध हो रहे हैं. लेकिन कुछ नगर पालिका ऐसी हैं. जहां अधिकारी और जनप्रतिनिधि पलीता लगाने का काम कर रहे है.
पट्टा देने के लिए सरकार ने तीसरा चरण चला रखा है. पट्टा बनाने के नियमों को सरल भी किया है. लेकिन बावजूद इसके राजधानी के रेनवाल नगर पालिका में महज 933 पट्टे जारी किए गए है.
फुलेरा विधानसभा की सबसे बड़ी नगरपालिका होने के बावजूद यहां के लोगों को पट्टो के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधि के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
सूबे के मुख्यमंत्री ने हर घर परिवार को मालिकाना हक देने के लिए प्रशासन शहरों संग अभियान चलाकर आमजन को राहत देने की कोशिश की थी, लेकिन जयपुर जिले के किशनगढ़ रेनवाल नगर पालिका में मुख्यमंत्री की कोशिश पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
यहां अब तक प्रशासन शहरों के संग शिविर में मात्र 933 पट्टे जारी किए गए हैं. जबकि आज भी नगर पालिका में कई पट्टो की फाइलें पेंडिंग है और पट्टो के लिए लोग 1 साल से चक्कर लगा रहे हैं. ऐसे में आरोप लगाए जा रहे हैं कि यहां सिर्फ जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के रिश्तेदारों के ही पट्टे बनाए जा रहे है.
प्रशासन शहरों के संग अभियान में राज्य सरकार की ओर से तमाम प्रयास करने के बावजूद अधिकारी हैं कि मानते नहीं हैं. विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभियान में उम्मीद के मुताबिक पट्टे जारी नहीं हो पा रहे हैं.
ऐसे में रेनवाल नगर पालिका के लोगों को आज भी पट्टो के लिए नगरपालिका के अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. सरकार ने 2 अक्टूबर 2021 को प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत की थी इतना समय बीत जाने के बाद भी नगर पालिका ने महज 933 पट्टे बनाए हैं.
ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधि और लोगों ने नगरपालिका के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर पट्टे बनाने भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. और इसको लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं. फिर भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि बाज नहीं आ रहे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उनके भूखंड का मालिकाना हक देने के उद्देश्य से अधिक से अधिक पट्टे देने के लिए 2 अक्टूबर 2021 को प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू किया था.
ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि अब हर घर को पट्टा मिल पाएगा. लेकिन रेनवाल नगर पालिका ने तो लोगों की उम्मीद ही तोड़ दी और निर्धारित पट्टो के टारगेट को पूरा नहीं कर पाई और आज भी लोगों को पट्टो के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है.
जबकि सरकार ने तीसरा चरण शुरू कर पट्टे बनाने में कई परेशानियों को दूर किया था. ताकि अधिक से अधिक पट्टे बनाए जा सके. लेकिन यहां अधिक संख्या में पट्टे नहीं दे पाना अचरज भरा है. वही नगर पालिका अध्यक्ष 933 पट्टे जारी कर अपने आप में वाहवाही लूटते नजर आ रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासन शहरों के संग अभियान को पूर्णता सफल बनाने के लिए प्रशासन को हर सुविधा उपलब्ध करवाई है, रेनवाल नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे जारी करने में असमर्थता जाहिर की है.
उन्होंने कहा कि लेआउट अधिक होने की वजह से पट्टे जारी नहीं किए जा सकते. वहीं दूसरी और बात करें तो फुलेरा विधानसभा क्षेत्र फुलेरा नगर पालिका की तो 25 वार्ड मैं अब तक 3400 से ज्यादा पट्टे दिए जा चुके हैं.
तो वहीं सांभर लेक 1850 नगरपालिका में पट्टे दिए जा चुके है, जबकि रेनवाल में सभी नगरपालिका से अधिक 35 वार्ड होने के बावजूद भी नगर पालिका ने महज 933 पट्टे बनाए हैं इससे साफ नजर आ रहा है, कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री के प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर कितने गंभीर हैं.
सरकार आमजन को राहत देने के लिए कई तरह के अभियान चलाती है, लेकिन अधिकारी कर्मचारी लोगों को राहत देने की जगह फाइलों को इधर-उधर घुमाते हैं, जिससे आमजन परेशान होता है और उसके काम समय पर नहीं होते.
जबकि सरकार को हर काम के लिए एक समय सीमा तय करनी चाहिए, साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए. जिससे आमजन को राहत मिले.
रिपोर्टर-अमित यादव
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