Jaipur News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर राज्य में अब पशुओं का भी बीमा किया जाएगा. हालांकि, इसकी शुरुआत पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने की थी, लेकिन अंतिम साल होने से धरातल पर योजना की क्रियान्विति नहीं हो सकी थी. अब मौजूदा भाजपा सरकार ने योजना में पशु बीमा की कवायद तेज कर दी है.
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Rajasthan News: राज्य सरकार द्वारा बजट में घोषित मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना को लेकर पशुपालन विभाग ने कवायद तेज कर दी है. बीमा योजना के तहत पशुओं का बीमा करने का कार्य ट्रस्ट की तरह राज्य बीमा एवं प्रावधानी निधि विभाग द्वारा किया जाएगा. इस योजना में 21 लाख दुधारू पशुओं का बीमा किया जाएगा. इनमें 5 लाख गाय, 5 लाख भैंस, 5 लाख भेड़, 5 लाख बकरी और 1 लाख ऊंट का बीमा किया जाएगा. इस योजना पर राज्य सरकार की ओर से करीब 400 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी.
एसआईपीएफ द्वारा होगा संचालन
योजना का संचालन राज्य बीमा एवं प्रावधानी निधि विभाग यानी एसआईपीएफ द्वारा किया जाएगा. 1 साल के लिए संचालन. योजना के तहत पशुओं का डाटा पशुपालन विभाग द्वारा दिया जाएगा. लाभार्थी पशुपालकों की पहचान कर एसआईपीएफ को डाटा उपलब्ध कराया जाएगा. एक पोर्टल के माध्यम से बीमा से संबंधित सभी कार्य होंगे. पशुपालन विभाग द्वारा बीमा कार्य एवं दावा भुगतान के कार्य के लिए एसआईपीएफ को राशि मुहैया कराई जाएगी. योजना का फायदा यह होगा कि राज्य के गाय, भैंस, भेड़ और बकरी व ऊंट पालक परिवारों के पशुधन का रिस्क कवर मिल सकेगा. पशुओं की आकस्मिक मृत्यु होने की स्थिति में पशुपालक परिवारों को आर्थिक सम्बल मिल सकेगा.
क्या होगा योजना का दायरा
राज्य के सभी जनआधार कार्डधारक पशुपालक परिवार आवेदन के पात्र होंगे. आवेदन के बाद लॉटरी के माध्यम से चयन किया जाएगा. चयनित पशुपालक के एक कैटल यूनिट पशु का नि:शुल्क बीमा किया जाएगा. भेड़-बकरी के मामले में एक कैटल यूनिट मतलब 10 भेड़ या 10 बकरी होंगी. केवल उन्हीं पशुओं का बीमा कराया जाएगा, जिसका किसी अन्य योजना में बीमा न हो. किसी भी प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में पशु मृत्यु पर बीमा मिलेगा. आग लगने, सड़क दुर्घटना, आकाशीय बिजली, प्राकृतिक आपदा, जहरीली घास खाने, सर्प या कीड़ा काटने या किसी बीमारी में मृत्यु होने पर बीमा लाभ मिलेगा. योजना के क्रियान्वयन के लिए पशु चिकित्सकों को भी मानदेय दिया जाएगा. पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 75 रुपए प्रति कैटल यूनिट मिलेंगे. पोस्टमार्टम के लिए 150 रुपए प्रति पशु मानदेय दिया जाएगा.
पशुपालकों को मिलेगा लाभ
योजना के तहत प्रत्येक पशु की कीमत अधिकतम 40 हजार रुपए होगी. हालांकि, यह राशि बाजार भाव की तुलना में काफी कम है, लेकिन इसके बावजूद इससे पशुपालकों को पशु की मृत्यु की स्थिति में आर्थिक सम्बल मिल सकेगा. पशु की कीमत का मूल्यांकन पशु के स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन क्षमता और आयु के आधार पर किया जाएगा. इसके अलावा पशु के ब्यात और नस्ल के आधार पर प्रचलित बाजार मूल्य अनुसार पशु चिकित्सक, पशुपालक और बीमा प्रतिनिधि द्वारा आपसी सहमति से कीमत का निर्धारण किया जाएगा. बीमा के लिए 1 कैटल यूनिट पशु की अधिकतम कीमत 40 हजार रुपए होगी.
पशुओं की कीमत और उम्र का कैसे होगा निर्धारण
गाय के लिए 3 से 12 वर्ष बीमा किए जाने की उम्र होगी. गाय के लिए 3000 रुपए प्रति लीटर प्रतिदिन के आधार पर कीमत का निर्धारण होगा. भैंस के लिए 4 हजार रुपए प्रति लीटर प्रतिदिन के आधार पर कीमत निर्धारण होगा. भैंस के लिए 4 से 12 वर्ष उम्र रखी जाएगी. भेड़ और बकरी के लिए अधिकतम 4 हजार रुपए प्रति पशु और भेड़-बकरी की 1 से 6 वर्ष उम्र रखी जाएगी. ऊंट नर एवं मादा दोनों के लिए अधिकतम 40 हजार रुपए प्रति पशु कीमत होगी. ऊंट के लिए 2 से 15 वर्ष उम्र तक रखी जाएगी.
कैसे होगा पशु बीमा
पशुओं का बीमा करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतवार कार्यक्रम निर्धारित होगा. इसकी सूचना पशुपालकों को विभिन्न माध्यमों से दी जाएगी. पशु चिकित्सक व बीमा प्रतिनिधि पशुपालक के घर जाकर बीमा करेंगे. बीमा प्रतिनिधि द्वारा पशुपालक के एक कैटल यूनिट का चयन कर टैगिंग की जाएगी. पशु के कान पर 12 डिजिट का यूआईडी टैग लगाया जाएगा. पशु चिकित्सक द्वारा पशु का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. बीमा प्रतिनिधि 3 फोटो लेंगे, इनमें 2 फोटो बीमा वाले पशु के होंगे. एक फोटोग्राफ पशु का पशुपालक के साथ जनआधार नंबर सहित लिया जाएगा.
रिपोर्टर- काशीराम चौधरी
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