Rajasthan News: राज्य में अब पशु चिकित्सा एम्बुलेंस यानी मोबाइल वेटरनरी यूनिट का दायरा बढ़ाया जाएगा. मोबाइल वेटरनरी यूनिट सेवा का समय तो बढ़ेगा ही, इसके प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया जाएगा. इसे लेकर पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. कैसे मिलेगा पशुपालकों को योजना का अधिक फायदा, यह रिपोर्ट देखिए
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Rajasthan News: पशुपालकों को बीमार पशुओं के उपचार के लिए अब सीधे पशु चिकित्सालय ले जाने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार की मोबाइल वेटरनरी यूनिट के जरिए अब पशु चिकित्सक सीधे पशुपालकों के घर पहुंच रहे हैं, लेकिन इस योजना का प्रचार-प्रसार सही तरीके से नहीं हो पाने और चिकित्सा सेवा का समय सीमित किए जाने से ज्यादा रिस्पांस नहीं मिल रहा है. पशुपालन विभाग की मोबाइल वेटरनरी सेवा की शुरुआत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने फरवरी माह में की थी और इसके बाद पिछले माह पशुपालन मंत्री ने मोबाइल वेटरनरी सेवा के लिए कॉल सेंटर 1962 का लोकार्पण किया था.
मोबाइल वेटरनरी सेवा के तहत 1 लाख 68 हजार से अधिक पशु चिकित्सा शिविर लगाए जा चुके हैं. करीब 29 लाख पशुओं का उपचार किया गया, जिसमें करीब 7 लाख पशुपालक लाभान्वित हुए. अब कॉल सेंटर के जरिए पशुपालकों को पशुओं के उपचार की सुविधा देने के लिए इसमें कुछ बदलाव किए जाएंगे. पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने विभागीय अधिकारियों को मोबाइल वेटरनरी सेवा का समय बढ़ाने के लिए कहा है.
क्या है कॉल सेंटर आधारित मोबाइल वेटरनरी यूनिट ?
प्रदेश में 536 मोबाइल वेटरनरी यूनिट संचालित हो रही हैं. पशुपालन विभाग ने 108 की तर्ज पर 1962 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इस हेल्पलाइन पर पशुपालक अपने बीमार पशु की सूचना दे सकते है. कॉल सेंटर में दर्ज शिकायतों पर मौके पर यूनिट पहुंच रही है. मोबाइल वेटरनरी यूनिट में विशेषज्ञ पशु चिकित्सक मौजूद रहते है. साथ ही एक पशुधन सहायक और एक ड्राइवर-कम-हेल्पर रहते है. राज्य में प्रत्येक 1 लाख पशुओं पर एक मोबाइल वेटरनरी यूनिट संचालिक है. अभी मोबाइल वेटरनरी यूनिट का उपचार समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक है. अब इसे 12 घंटे की अवधि में करने की तैयारी की जा रही है. कॉल सेंटर पर 12 घंटे अवधि करने से अधिक शिकायतों का समाधान हो सकेगा.
कॉल सेंटर में 10 पशु चिकित्सकों और तकनीकी पशु चिकित्सा कर्मी मौजूद रहते हैं. ऐसे में पशुओं के सामान्य रोगों के उपचार के लिए टेलिमेडिसीन व्यवस्था की गई है. इससे पशुपालकों को फोन पर ही पशुओं के उपचार की जानकारी दी जा रही है. पशुपालन मंत्री ने बताया कि अभी 1962 हेल्पलाइन नम्बर आम जनता की जुबान पर नहीं चढ़ सका है, इसके लिए इस हेल्पलाइन नंबर का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाएगा. पशुपालन मंत्री के निर्देश पर विभाग ने कॉल सेंटर और मोबाइल वेटरनरी यूनिट का समय बढ़ाने के लिए कवायद शुरू कर दी है. हालांकि, कॉल सेंटर 24 घंटे के लिए खुला होना चाहिए, लेकिन अभी इसे 24 घंटे के लिए संचालित किया जाना संभव नहीं है. लेकिन विभाग का प्रयास है कि यदि 12 घंटे के लिए भी यह सुविधा मिलती है तो पशुपालकों के लाभान्वित होने का दायरा काफी बढ़ सकेगा.
रिपोर्टर- काशीराम चौधरी
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