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Jaipur News: स्कूलों में स्वच्छता का पाठ पढ़ाने को लेकर नगर निगम ग्रेटर महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने शिक्षामंत्री मदन दिलावर को पत्र लिखा हैं. उन्होंने पत्र में कहा है की, प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में स्वच्छता का एक विशेष अध्याय सम्मिलित कर क क हरा भी स्वच्छता को सिखाया जाए.जैसे क से कबूतर की जगह कचरा नहीं करना.
इस तरह बातें बच्चों को पढ़ाई के साथ बताई जाए, जिससे वे बचपन से ही सफाई को लेकर जागरूक रहे और इसके महत्व का समझे.डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने शिक्षामंत्री को लिखे पत्र में जिक्र किया की, राजस्थान की जनता आपके के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सकारात्मक परिवर्तनों की सराहना कर रही हैं.हमारे समाज के सही दिशा में प्रगति करने के लिए आपसे एक महत्वपूर्ण सुझाव साझा करना चाहते हैं, जो कि आमजन की दृष्टि से राजस्थान को स्वच्छ एवं साफ-सुथरा बनाए जाने में मील का पत्थर साबित होगा.
पीएम नरेन्द्र मोदी के अभियान 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान के तहत यदि बच्चों को बचपन से ही स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाए.तो उनके व्यक्तित्व वृद्धि के साथ-साथ देश की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बेहतर शुरूआत होगी. क्योंकि केवल स्वच्छता मिशन की सफलता ही भारत में बहुत बडा बदलाव ला सकती है.यदि बच्चे बचपन से ही स्वच्छता के प्रति जागरूक होते हैं..तो वह स्वच्छ, खुश और स्वस्थ नागरिक बनकर स्वस्थ और विकसित राष्ट्र के निर्माण में भागीदार हो सकते है..
प्राथमिक शिक्षा के उच्चतम मानकों को हासिल करने के लिए स्वच्छता के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का अध्ययन कराना अत्यंत आवश्यक है..इस सुझाव हैं कि प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में स्वच्छता का एक विशेष अध्याय सम्मिलित किया जाए, जिसमें बच्चों को स्वच्छता के महत्व, स्वच्छता के लाभ और वातावरण को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए आवश्यक सामग्री का ज्ञान हो.
उन्होंने स्वच्छता के पाठ की प्रस्तावना भी संलग्न की हैं..यह अध्याय स्वच्छता का पाठ बच्चों को उनके आस-पास के मोहल्ले, स्कूल और घर में स्वच्छता की जिम्मेदारी की अहमियत समझाएगा.जिससे उनमें सामाजिक जवाबदेही की भावना बढेगी.इसके उद्देश्य राज्य में ठोस अपशिष्ट प्रबंध नियम 2016 के प्रावधानों की जानकारी बच्चों के माध्यम से आमजन तक पहुंचाने का उद्देश्य है.