जयपुर में गोपाष्टमी का महापर्व धूमधाम से मनाया गया, श्रद्धालुओं ने इस तरह की पूजा
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जयपुर में गोपाष्टमी का महापर्व धूमधाम से मनाया गया, श्रद्धालुओं ने इस तरह की पूजा

Jaipur latest News: गोपाष्टमी का महापर्व आज देशभर में धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर गायों और बछड़ों को रोली और चंदन से तिलक लगाकर और गुड़, हरा चारा खिला कर उनकी पूजा की गई. 

 

फाइल फोटो

Jaipur News: राजधानी जयपुर के पिंजरापोल गौशाला में सुबह से ही गोपाष्टमी महापर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही है.  सुबह से ही दान-पुण्य का दौर चल रहा है. इसके साथ ही इस अवसर पर गायों और बछड़ों को रोली और चंदन से तिलक लगा कर पूजा की गई.

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गायों को गुड़, हरा चारा खिलाया
वहीं गायों को गुड़, हरा चारा खिलाया गया और उनकी सेवा करके श्रद्धालुओं के द्वारा पुण्य की प्राप्ती की गई. और इसी के साथ सुबह से श्रद्धालुओं ने दान पुण्य कर गोपाष्टमी का महापर्व मनाया. इसके साथ ही गोपाष्टमी के अवसर पर महिलाएं सुबह से ही गाय माता की पूजा करती हुई नजर आई. 

गायों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया
इसी का साथ महिलाओं ने गाय माता की पूजा के साथ गायों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर घर में सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा. और गौ ममता की आरती उतार कर महिलाओं ने गायों की श्रृंगार की एवं मंच पर मौजूद महिलाओं ने श्री कृष्ण के भजनों पर रास कर कार्यक्रम का आनंद उठाया.

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सनातन धर्म में गोपाष्टमी पर्व का बड़ा महत्व
श्रद्धालुओं ने बताया सनातन धर्म में गोपाष्टमी पर्व का बड़ा धार्मिक महत्व है. यह दिन पूरी तरह से भगवान कृष्ण को समर्पित होता है. गोपाष्टमी के दिन पर गायों और बछड़ों को सजाया जाता है, साथ ही उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है. महिलाएं सुबह उठ कर ही गाय माता की पूजन करती है. इसके साथ ही इस दिन गाय को हरे चारे के साथ-साथ गुड़ भी खिलाया जाता है और महिलाएं गाय माता की पूजा के साथ पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर घर में सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगती है.  

इस गायों की श्रृंगार की जाती है
उन्होंने कहा कि गौ माता की आरती उतार कर और इस दिन गायों की श्रृंगार की जाती है. वहीं दूसरी ओर इस दिन भगवान कृष्ण की सबसे प्रिय गाय और बछड़े की कहानी भी सुनी जाती है. और इसी के साथ गोपाष्टमी महापर्व का समापन किया जाता है और  भगवान कृष्ण को याद किया जाता है. 

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