जयपुर शहर में आगरा रोड़ के दक्षिण में प्रस्तावित हैरिटेज सिटी और उत्तर में प्रस्तावित ग्रीन सिटी के विकास को लेकर जयपुर विकास प्राधिकरण के प्रस्ताव पर चर्चा की गई. नगरीय आवास मंत्री शांति धारीवाल ने बैठक लेकर सुनियोजित विकास पर अधिकारियों के साथ मंथन किया.
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Jaipur: शहर में आगरा रोड़ के दक्षिण में प्रस्तावित हैरिटेज सिटी का विकास वर्तमान परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर किया जाना है, जिसमें हैरिटेज सिटी के रोड-नेटवर्क को पुराने शहर की तर्ज पर ग्रीड आयरन पैटर्न के अनुसार रखा गया है. चैराहों b हैरिटेज सिटी में प्रवेश के लिए 9 प्रवेश-द्वार प्रस्तावित किए गए हैं. हैरिटेज सिटी में डिवाईडर, भूखण्डों की बाउंड्रीवॉल और भवनों का विकास राजस्थानी वास्तुकला के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है. हैरिटेज सिटी में मिश्रित भू-उपयोग को प्रोत्साहित किया गया है. हैरिटेज सिटी विषिष्ठ पैरामीटर्स में न्यूनतम योजना क्षेत्रफल 2 हैक्टेयर रखा गया है, जिसमें अधिकतम 60 प्रतिशत क्षेत्र विक्रय योग्य होगा. गैर विक्रय योग्य भाग में न्यूनतम 5 प्रतिशत पार्क, 5 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र एवं 5 प्रतिशत अन्य सुविधाओं हेतु आरक्षित रखा जाना होगा.
नगरीय विकास मंत्री ने निर्देश दिए कि हैरिटेज सिटी के सुनियोजित विकास के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण हैरिटेज सिटी के भूखण्डों पर भवनों के लिए राजस्थानी वास्तुकला के 8-10 टाईप डिजाईन तैयार किए जाएं. हैरिटेज सिटी क्षेत्र में भूखण्डों का न्यूनतम क्षेत्रफल 300 वर्गमीटर रखा जावे तथा हैरिटेज सिटी में भूखण्डों का क्षेत्रफल व माप नियंत्रित करने के लिए मानक निर्धारित किए जाए. जैसे कि हैरिटेज सिटी क्षेत्र में 300 वर्गमीटर, 400 वर्गमीटर तथा 500 वर्गमीटर के भूखण्ड ही अनुमोदित किये जाये. हैरिटेज सिटी के प्रस्ताव में प्रमुख सड़कें न्यूनतम 18 मीटर सड़क निर्धारित की जावे एवं हैरिटेज सिटी में प्रस्तावित योजनाओं में न्यूनतम आन्तरिक सड़क का मार्गाधिकार 12 मीटर निर्धारित किया जाये. हैरिटेज सिटी के प्रमुख सड़कों के सहारे-सहारे जयपुर परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर बरामदे और दुकाने प्रस्तावित की जाये, जिसका विकास जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाये.
इसी तरह जयपुर शहर में आगरा रोड़ के उत्तर में प्रस्तावित ग्रीन सिटी के लिए प्रस्तावों पर भी विचार-विमर्श किया गया. ग्रीन सिटी का भू-उपयोग ईकोलोजिकल होनें के कारण प्रस्तावित शहर हेतु तैयार प्रावधानों में इस क्षेत्र पर न्यूनतम प्रभाव डाले बिना एवं इस क्षेत्र में कम ऊंचाई एवं न्यूनतम भू-आच्छादन के भूखण्ड ही प्रस्तावित किये जाने का विशेष ध्यान रखा गया है. हैरिटेज सिटी में सामान्य आवासीय योजनाएं अनुज्ञेय किया जाना प्रस्तावित नहीं है, बल्कि फॉर्म-हाउस, ईकोफ्रेण्डली-हाउस, रिसोर्ट, डेयरी आदि की योजनाऐं ही अनुमोदित किया जाना प्रस्तावित है.
ग्रीन सिटी में न्यूनतम योजना क्षेत्रफल 5 हैक्टेयर रखा गया है, जिसमें अधिकतम 55 प्रतिषत क्षेत्र विक्रय योग्य होगा एंव गैर विक्रय योग्य भाग में न्यूनतम 10 प्रतिषत पार्क एवं 5 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र हेतु आरक्षित रखा जाना होगा. योजना के भूखण्डों में अधिकतम 25 प्रतिषत भू-आच्छादन अनुज्ञेय होगा एवं भवन की अधिकतम ऊंचाई 15 मीटर अनुज्ञेय होगी.
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ग्रीन सिटी में प्रत्येक भूखण्ड के अग्र सेटबैक में न्यूनतम 3 मीटर की हरित पट्टी, भूखण्डों के क्षेत्रफल का न्यूनतम 30 प्रतिषत क्षेत्र में हरित क्षेत्र के रूप विकसित किया जाना होगा, जिसमें से भूखण्ड क्षेत्र का न्यूनतम 20 प्रतिषत क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण किया जाना आवष्यक होगा. ग्रीन सिटी में सड़कों डिवाईडर, पैदल यात्रियों का पाथ-वे आदि को वृक्षारोपित हरित क्षेत्र के रूप विकसित किया जाना प्रस्तावित है.
नगरीय विकास मंत्री ने जयपुर विकास प्राधिकरण को प्लान की क्रियान्विति के लिए इस क्षेत्र के खातेदारों से समन्वय कर खातेदारों से योजना विकसित करने के लिए सुझाव लेने और खातेदारों को जाॅईट वेंचर के लिए प्रेरित किया जाये. प्रस्तावित हेरिटेज और ग्रीन सिटी के मानचित्र की सफल क्रियान्विति के लिए क्षेत्र में नियमन पर रोक लगाई जाये.
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