बीडी कल्ला से मिला वरिष्ठ अध्यापकों का प्रतिनिधिमंडल, शिक्षा मंत्री ने दिया ये बड़ा आश्वासन
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बीडी कल्ला से मिला वरिष्ठ अध्यापकों का प्रतिनिधिमंडल, शिक्षा मंत्री ने दिया ये बड़ा आश्वासन

प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापक शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से मुलाकात के बाद आंदोलन खत्म कर सकते हैं. बीते 13 दिनों से वरिष्ठ अध्यापक शिक्षा संकुल में आंदोलन करने के साथ तीन दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर भी हैं.

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला

Jaipur: प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापक शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से मुलाकात के बाद आंदोलन खत्म कर सकते हैं. बीते 13 दिनों से वरिष्ठ अध्यापक शिक्षा संकुल में आंदोलन करने के साथ तीन दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर भी हैं. आज शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के साथ वरिष्ठ शिक्षकों की वार्ता सकारात्मक रही. शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को सेवा नियमों को लेकर सकारात्मक आश्वासन दिया. साथ ही मामले को कैबिनेट की बैठक में भी रखने की बात कही. 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जा रहा है. फिलहाल डीपीसी पर रोक लगा दी गई है. वहीं शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षकों ने आंदोलन खत्म करने पर मंथन कर रहे हैं. राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम 2021 को लेकर शिक्षक बीते 13 दिन से आंदोलन पर हैं. आज वरिष्ठ शिक्षक शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के आवास पर जा पहुंचे. हालांकि यहां पहले पुलिस ने इन्हें मुख्य द्वार से ही खदेड़ दिया. बाद में शिक्षा मंत्री की अनुमति पर शिक्षकों को आवास पर बुलाकर वार्ता की गई. 

इस दौरान सेवारत शिक्षकों ने अपने आंदोलन की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री से लिखित में आश्वासन देने की मांग की. शिक्षकों ने बताया कि 3 अगस्त 2021 से पहले के जिन शिक्षकों के यूजी और पीजी में समान विषय नहीं है. उन्हें भी पदोन्नति में सम्मिलित किया जाए. शिक्षकों की मांग पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि शिक्षक आरपीएससी की तर्ज पर ही पदोन्नति की व्यवस्था चाहते हैं. जिस पर विभाग सहानुभूति पूर्ण विचार कर रहा है. फिलहाल डीपीसी को रोक दिया गया है. 

आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने नए नियमों को लागू करते हुए स्कूल प्राध्यापक (विभिन्न विषय) के पदों पर होने वाली भर्ती में 50 फीसदी पदों पर भर्ती प्रक्रिया और 50 फीसदी पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया को अपनाने का फैसला लिया. भर्ती प्रक्रिया में सरकार की ओर से कंपैटबल (सुसंगत) विषय में स्नातकोत्तर डिग्री रखी गई है. जबकि पहले से कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति में यूजी और पीजी एक ही विषय से होने की बाध्यता रखी है. इसके चलते प्रदेश के करीब एक लाख से ज्यादा शिक्षकों पर असर पड़ेगा. इनमें से अधिकतर शिक्षक वो हैं जिन्होंने यूजी गणित, विज्ञान या वाणिज्य से ही है. जबकि पीजी कला विषय से की है. 

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