प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स ने नेताओं के आगे कर दिया सरेंडर- आईएएस टीआर मीणा
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प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स ने नेताओं के आगे कर दिया सरेंडर- आईएएस टीआर मीणा

Jaipur: केरल राज्य कैडर के आईएएस रहे टीकाराम मीणा ने प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स के लेवल में गिरावट को चिंताजनक बताया है. टीआर मीणा से रिटायरमेंट के बाद हमने बात की जिसमें उन्होंने बताया कि ब्यूरोक्रेट्स के स्तर में लगातार गिरावट आती जा रही है.

ब्यूरोक्रेट्स भ्रष्टाचार में डूब गए- आईएएस टीआर मीणा.

Jaipur: केरल राज्य कैडर के आईएएस रहे टीकाराम मीणा ने प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स के लेवल में गिरावट को चिंताजनक बताया है. टीआर मीणा से रिटायरमेंट के बाद हमने बात की जिसमें उन्होंने बताया कि ब्यूरोक्रेट्स के स्तर में लगातार गिरावट आती जा रही है. राजस्थान के ब्यूरोक्रेटस को लेकर उन्होंने कहा कि यहां ब्यूरोक्रेटस ने नतोओं के आगे सरेंडर कर दिया है. इसके साथ ही केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की वैल्यू बहुत ऊंची है. 

1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे टीआर मीणा
केरल राज्य में 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे टीआर मीणा का हाल ही मार्च 2022 में रिटायरमेंट हुआ है. रिटायरमेंट के समय वह केरल में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में एसीएस थे. उससे पहले भी वह केरल और केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं.

केरल के ही दो जिलों त्रिचुर और वायनाड में जिला कलेक्टर रह चुके हैं. इसके साथ ही 2018 से 2021 तक केरल मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद पर भी रहे हैं. इसके साथ ही भारत सरकार में प्लानिंग डायरेक्टर, इसके साथ ही पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद में भी डायरेक्टर पद पर रह चुके हैं.
टीआर मीणा सवाईमाधोपुर के बौंली में खिरणी जोलंदापुरा के रहने वाले हैं. उनकी एक बेटी आईएएस और एक बेटी आरएएस अधिकारी हैं. हमने उनसे ब्यूरोक्रेसी और राजनीति के तालमेल और कामकाज के दौरान अफसरों को होने वाली दिक्कतों को लेकर बातचीत की. जिसमें उन्होंने अपनी बात बेबाकी से रखी. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा सिद्धांतों पर रहकर काम किया है. चाहे इसके लिए कई बार दबाव भी आए लेकिन मैंने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया.

केरल में चुनाव के दौरान भी आए दबाव
रिटायर्ड आईएएस मीणा ने केरल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद पर काम के अनुभव भी शेयर किए. जिसमें उन्होंने ईसीआई की ओर से कई मामलों में फ्रीडम नहीं दिए जाने को लेकर आपत्तियां जताई. उन्होंने कहा कि मैंने उस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त को भी काम के फ्रीडम को लेकर कहा कि जब में अपने तरीके से काम नहीं कर सकता हूं तो मुझे इस पद पर रहने को कोई अधिकार नहीं है. मैं इस तरह पद पर काम नहीं कर सकता. आप इसके लिए अपने पसंद के दूसरे अधिकारी को लगा सकते हैं. बाद में आयोग ने भी उन्हें पूरी फ्रीडम दी.

सरकार ने सस्पेंड किया, लेकिन लोगों का समर्थन मिला
मीणा ने बताया कि कई बार काम के दौरान सरकार की इच्छा के विरूद्ध जनहित में काम किया तो सस्पेंड तक होना पड़ा, लेकिन वहां की जनता ने हमेशा मेरे फैसलों पर साथ दिया. जिसके चलते सरकार को भी झुकना पड़ा. उन्होंने कहा कि वहां हमेशा मान सम्मान मिला.
केरल में शिक्षा का स्तर बहुत ऊंचा है. लोग काम के महत्व को समझते हैं. उन्होंने कहा कि केरल में साक्षरता दर, शिक्षा और स्वास्थ्य बेहतर हैं. हमें उनसे सीख लेने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य को लेकर अब प्रदेश में भी अच्छा काम हो रहा है.

ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं की साख गिरी
रिटायर्ड आईएएस मीणा ने कहा कि राजस्थान में भले ही सरकार अच्छे काम के दावे कर रही है, लेकिन यहां ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं की साख गिरी है. अब पूरे देश में देखा जाए तो जैसी लीडरशिप हुई है वैसे ही ब्यूरोक्रेसी हो गई है. ब्यूरोक्रेट्स ने अपने आप को नेताओं के आगे सरेंडर कर दिया है.

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उन्होंने कहा कि केरल में अधिकारियों को फाइल पर लिखने का अधिकार है, जिसे चाहे तो मंत्री ओवर कर सकता है लेकिन अधिकारी को वहां अपने कमेंट लिखने का अधिकार है. यहां अब ब्यूरोक्रेट्स लिख नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने कई मामलों में नोटिंग की एक बार सस्पेंशन तक झेला. जिस पर वहां की जनता मेरे साथ उठ खड़ी हुई. सरकार को 4 दिन में सस्पेंशन वापस लेना पड़ा. वहां के पत्रकारों ने मेरा खूब साथ दिया.

ब्यूरोक्रेट्स भ्रष्टाचार में डूब गए
उन्होंने सिस्टम में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाया और कहा कि आज अधिकारी ईमानदारी की जगह भ्रष्टाचार में डूब गए हैं जबकि एक आईएएस का काम गुड गवर्नेंस देना था. लेकिन आईएएस ने अब गवर्नेंस की जगह पैसों पर ध्यान देना शुरू कर दिया. जबकि पैसा ही कमाना था तो ओर कोई बिजनेस कर सकते थे. जिसे लोगों ने भी अब एक्सेप्ट कर लिया है. अधिकारियों में भी यह एक्सपटेंस हो गई है. उन्होंने कहा कि आईएएस पैसे कमाने के लिए नहीं बनता है. आईएएस को ईमानदारी का लेवल हाई रखना पड़ता है. ब्यूरोक्रेसी की एक साख होती है वह गिर जाएगी तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा.

आज राजा और प्रजा दो ही वर्ग
मीणा ने कहा कि आज समाज में दो ही वर्ग रह गए हैं एक वर्ग को खत्म कर दिया गया है. आज राजा सरकार हो गई है. जिससे प्रजा यानि जनता भीख मांग रही है. तीसरा वर्ग जो साहित्यकार, पत्रकार, कलाकार, लेखक, संस्कृति का हुआ करता था वह खत्म हो गया है. सरकार की आलोचना करने वाले अब रहे नहीं है. अब सब राजा की हां में हां मिलाने वाले बन गए.

नॉलेज अपडेट करते रहना चाहिए
मीणा ने कहा कि आज अधिकारियों को जरूरत है कि नॉलेज को अपडेट करते रहें. विश्व में क्या चल रहा है, क्या घट रहा है इसकी समझ रखनी चाहिए. इससे जनता के काम करने, सरकार चलाने में मदद मिलती है. आम जनता के काम कैसे हो इसके लिए सभी को मेहनत करना चाहिए. उन्होंने बताया कि मैं केरल गया मुझे मलयालम का एक अक्षर नहीं आता था लेकिन उसे सीखा. आज मलयालम में किताब लिखी. जिसमें पद पर रहते हुए सरकार की खराब अधिकारी और नेताओं की आलोचना की. जबकि ज्यादातर लोग पद से हटने के बाद अपनी बुक लिखते हैं इससे चुनौतियां आई लेकिन हम संघर्ष कर आगे बढ़ते गए.

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