Pashu Aadhaar : लंपी स्किन संक्रमण के बीच बड़ी खबर, अब भैंस का भी होगा आधार कार्ड
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Pashu Aadhaar : लंपी स्किन संक्रमण के बीच बड़ी खबर, अब भैंस का भी होगा आधार कार्ड

Pashu Aadhaar : एक तरफ जहां देश और खासतौर पर राजस्थान में लंपी स्किन से गायों की मौत हो रही है. इस बीच पीएम नरेंद्र  मोदी ने कहा कि जानवरों की बायोमीट्रिक पहचान की जा रही है जिसे पशु आधार नाम दिया गया है. जिसके जरिए पशुओं की डिजिटल पहचान की जाएगी.

Pashu Aadhaar : लंपी स्किन संक्रमण के बीच बड़ी खबर, अब भैंस का भी होगा आधार कार्ड

Pashu Aadhaar : हम इंसानों के लिए भारत सरकार के जारी आधार कार्ड के चलते पहचान के साथ-साथ बहुत से काम आसान हो गए हैं. वहीं, अब मोदी सरकार जानवरों का भी आधार कार्ड बनवाने की तैयारी कर रही है. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको चर्चा भी की.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में डेयरी सेक्टर का बड़ा स्केल है.  भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है,  डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग की जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि जानवरों की बायोमीट्रिक पहचान की जा रही है जिसे पशु आधार नाम दिया गया है. जिसके जरिए पशुओं की डिजिटल पहचान की जाएगी. इससे जानवरों की सेहत पर नजर रखने के साथ-साथ डेयरी प्रॉडक्ट्स से जुड़े मार्केट को विस्तार मिलेगा.

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान भैंस से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया. पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने गुजरात के कच्छ में रहने वाली भैंस (बन्नी) का किस्सा सुनाते हुए, बताया कि रेगिस्तान की विषम परिस्थितियों में भी ये भैंस ऐसे घुलमिल गई, जिसे देखकर अचरज होता है. दिन में तेज तपती धूप की वजह से भैंस रात को कम तापमान में 15 से 17 किलोमीटर दूर घास चरने के लिए निकलती है. 

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साथ ही हैरान करने वाली बात ये है कि बन्नी भैंस के साथ कोई भी किसान या दूसरा नहीं होता. वो अकेली चारागाह चली जाती है और वापस घर लौट आती है. पीएम ने कहा कि ऐसा कम होता कि किसी की बन्नी भैंस खो गई हो या गलत घर में चली गई हो. 

पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ बन्नी भैंस ही नहीं भारत में मुर्रा, जाफराबादी, नीली रवि, पंडरपुरी जैसी कई नस्ले अपने-अपने तरीके से विकसित हो रही हैं. इसी तरह गाय में गीर गाय, सैवाल, राठी, कांकरेट, धारपारकर, हरियाणा ऐसी कितनी ही गाय की नस्ले हैं, जो भारत की डेयरी सेक्टर को अलग बनाती हैं. भारतीय नस्ल के ज्यादातर पशु मौसम के अनुकूल होते हैं. 

मवेशियों के लिए आधार कार्ड बनने से क्या फायदा होगा ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल राजस्थान की गायों को इलाज और वैक्सीन की जरूरत है, रिपोर्ट के मुताबिक 50 हजार से ज्यादा गायों की मौत लंपी स्किन से हो चुकी है.

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