Dholpur News:धौलपुर शहर में शनिवार रात को प्राचीन हनुमान शोभायात्रा निकाली गई.जिसे देखने के लिए सड़कों घरों की छतो पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा.पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर शोभायात्रा की शुरुआत हुई.
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Dholpur News:धौलपुर शहर में शनिवार रात को प्राचीन हनुमान शोभायात्रा निकाली गई.जिसे देखने के लिए सड़कों घरों की छतो पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. हनुमान शोभायात्रा महात्मानंद की बगीची स्थित सती वाले हनुमान मंदिर से शुरू हुई.
पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर शोभायात्रा की शुरुआत हुई. जिसमें 50 मनमोहक झांकिया देखकर और नामचीन बैंड की भक्तिमय धुनों को सुनकर पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. अंजनी के लाल के दर्शन के लिए भक्त व्याकुल नज़र आए. शोभायात्रा मार्ग पर रंग-बिरंगी रोशनी के साथ सुगन्धित फूलों से जगह-जगह सजावट की गई थी.
शाम होते ही लोगो की भीड़ शोभायात्रा मार्ग पर दिखने लगी. वही महिलाएं भी हनुमान जी के दर्शन करने के लिए उत्सुक नज़र आई. कई जगह महिलाओं ने हनुमान जी की पूजा की : हनुमान शोभायात्रा मार्ग पर पड़ने वाले बड़े शोरूम और दुकानदारों ने शोभायात्रा के स्वागत के लिए पंडाल सजाए थे.हनुमानजी के डोले पर पुष्प वर्षा की गई. जहां भक्तों को प्रसाद के रूप में मीठा शर्बत, पूड़ी-सब्जी सहित फल वितरण किया गया.
वही शोभायात्रा के पदाधिकारियों का फूल-माला पहनाकर जगह-जगह स्वागत किया गया. हनुमानजी के डोले पर पुष्प वर्षा की गई. शोभायात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी हनुमान मंदिरों में विशेष सजावट और भगवान का श्रंगार किया गया था. जहां भक्तों ने अपने आराध्य भगवान केसरीनंदन हनुमान के दर्शन कर धर्म लाभ कमाया. शोभायात्रा के दौरान लोगो ने निर्वार्थ भाव से भक्तों की सेवा भी की.
वहीं महिलाओं ने डोले पर सवार भगवान हनुमान की आरती उतारकर पुण्य लाभ कमाया.शोभायात्रा में 50 झांकिया शामिल की गई थी. इसके साथ एक दर्जन बैंड ने अपनी प्रस्तुतियां दी. झांकियों में केरल की झांकी, वीर बजरंगबली स्वरूप महित भद्रकाली का तांडव देख भक्त हत-प्रत रह गए
वर्षो पूर्व से होता आ रहा आयोजन
हनुमान जयंती पर शोभा यात्रा के आयोजन की परंपरा रियासत काल से आज तक जारी है. हनुमान जयंती के मौके पर आयोजित शोभायात्रा की परंपरा के इतिहास पर गौर करें तो सबसे पहले वर्ष 1940 में महाराज उदयभान सिंह के समय में पहली बार धौलपुर में हनुमान जयंती की शोभायात्रा का आयोजन किया गया था. तब धौलपुर रियासत के तत्कालीन महाराज उदयभान सिंह के शाही रथ पर राम भक्त हनुमान की प्रतिमा को विराजमान कर शोभायात्रा निकाली गई थी.
उस समय ढोल और मजदूरों के साथ भजन संकीर्तन करते हुए संत और महत्व की टोली शोभायात्रा के साथ मौजूद रही. तब से लेकर अब तक हनुमान जयंती पर शोभा यात्रा निकाली जाती रही है. कई दशकों से जारी हनुमान जयंती शोभा यात्रा में भाग लेने के लिए समीपवर्ती मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली तथा दूरदराज के शहरों से लोग आते हैं.
बड़ी संख्या में झांकियां व रहे बैंड
शोभायात्रा में करीब 60- 70 झांकियां और दो दर्जन बैण्ड और ढोल और तासे शामिल रहे. हनुमान जयंती की शोभायात्रा में भगवान श्रीकृष्ण एवं राधारानी, खाटू श्याम, भगवान अमरनाथ, भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और हनुमानजी संबंधित विभिन्न पौराणिक प्रसंगों पर झांकियां सजाई गईं थीं.
शोभायात्रा का आकर्षण अंत में चल रहा वीर हनुमान का डोला रहा. शोभायात्रा फूटा दरवाजा, हास्पीटल रोड, जगन तिराहा, सराय गजरा, लाल बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, धूलकोट, संतर रोड, गडरपुरा होते हुए सती वाले हनुमान मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई.
बाज़ार में लगा स्टालों का अंबार
शोभायात्रा के स्वागत के लिए शहर में दर्जनों स्वागत द्वारा बनाए गए तथा जलपान, शर्बत, दूध, पूडी सब्जी तथा आईसक्रीम से भक्तों का स्वागत किया गया. शोभायात्रा जहां से शुरु हुई वहां से लेकर पूरे बाजारों में सैकड़ो की संख्या में अलग अलग स्टाले लगाई गई जिनमे कचोड़ी पूड़ी सब्जी पुलाव पकौड़ी दही बड़ा मैंगो शेक शर्बत जलजीरा आदि तरह तरह के खाने की वस्तुएं लोगो के लिए लगाई गई थी.
शहर के ऐतिहासिक पेचवाले हनुमान मंदिर, शेरगढ किला स्थित हनुमान मंदिर, पुरानी छावनी के रियासतकालीन हनुमान और श्रीराम मंदिर, मोटे हनुमान मंदिर, वनखण्डी हनुमान मंदिर और सती वाले हनुमान मंदिर पर विशेष आयोजन हुए.
रही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
हनुमान जयंती के मौके पर पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए गए. धौलपुर की एसडीएम साधना शर्मा सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी रात भर जयंती के साथ रहे.
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