Chittorgarh: निंबाहेड़ा के पारसमल जैन ने 35 साल ग्राम सेवा सहकारी समिति कारूंडा में सेवाएं दी लेकिन अब 2 साल से अपनी ही पैंशन के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैँ.
Trending Photos
Chittorgarh: राजस्थान के सहकारिता विभाग में मनमानी चरम पर है. अपनी 35 साल की नौकरी पूरी करने के बाद एक व्यवस्थापक पिछले 2 सालों से अपनी पेंशन ग्रेच्युटी जैसे अपने अधिकार के लिए चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं है. हालात यह है कि तीन तीन बार जिले के आला अधिकारियों से मिलने के बावजूद दोषी अधिकारी जहां पद पर काम कर रहे हैं. दूसरी ओर अपनी सारी जिंदगी देने वाला व्यक्ति अपने अधिकार के लिए परेशान है.
दरअसल निंबाहेड़ा के लसडावन निवासी पारसमल जैन ने ग्राम सेवा सहकारी समिति कारूंडा 35 सालों तक अपनी सेवा दी लेकिन उसकी सेवानिवृत्ति से पहले बिना कोई चार्ज ली है उसे सेवानिवृत्त कर दिया गया और अधिकारियों ने उस पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज करा दिया. जिस पर कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद पारसमल जैन निर्दोष साबित हुए लेकिन झूठा आरोप लगाते हुए अधिकारियों ने उसकी पेंशन ग्रेच्युटी जैसे मूल अधिकार से उसे वंचित कर दिया.
अब निर्दोष साबित होने के बाद भी जहां वह अपने वाजिब हक के लिए प्रशासन के चक्कर लगा रहा है वहीं दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए सरकार से गुहार लगा रहा है लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हालात ये हैं कि न्यायालय के आदेश पर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध पुलिस थाने में प्रकरण भी दर्ज हो गया है, लेकिन अब तक उसे उसका हक अब तक नहीं मिला है.
अपने पुत्र को साथ लेकर एक वरिष्ठ नागरिक लगातार परेशान हो रहा है अब उसके पुत्र का कहना है कि हम इस सिस्टम से परेशान हो चुके हैं और अब हमें कोई बड़ा रास्ता अपनाना पड़ेगा. लेकिन पूरे मामले से साफ है कि सरकारी सिस्टम को घुन की तरह लापरवाही और मनमर्जी खा रही है और उसके बावजूद ऐसे दोषियों पर कार्रवाई तक नहीं हो रही है उल्टा जो पीड़ित है उसे ही सिस्टम के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
Reporter- Deepak Vyas
यह भी पढ़ें-
राजेंद्र गुढ़ा का प्रतापसिंह खाचरियावास को जवाब, तुम कोई गब्बर थोड़े ही हो जो खून बहा दोगे