Monkey In Space: जल्द ही चीन अतंरिक्ष में बड़ी कार्रवाई करने के मूड में दिख रहा है. वह अंतरिक्ष के अगूढ़ रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए बंदर को अंतरिक्ष में भेज रहा है.
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Monkey In Space: अंतरिक्ष की सैर करना और उसके अगूढ़ रहस्यों के बारे में जानना हर कोई चाहता है. पर कभी कभी इन रहस्यों से पर्दा उठाना हर इंसान के लिए आसान नहीं होता. इसलिए इंसान के बाद अब जानवरों को फिर से एक बार मौका मिला है. यह मौका चीन ने दिया है. कोरोना महामारी से विश्व में हाहाकार मचाने के बाद चीन के कदम अब अंतरिक्ष की ओर बढ़ रहे है.
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बंदर को भेजेगी अतंरिक्ष में
सुत्रों के मुताबिक चीन अपने अंतरिक्ष स्टेशन, तियांगोंग का निर्माण पूरा करने के बाद, शून्य गुरुत्वाकर्षण में जीवन विज्ञान अनुसंधान के लिए तैयार हैं. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट जैसे चाइनीज न्यूज प्लेटफार्मों ने सोमवार को बताया कि देश उन शून्य-गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में प्रजनन का परीक्षण करने के लिए बंदर को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है.
बता दें कि चीन से पहले भी कई जानवरों को अंतरिक्ष की सैर करने का मौका मिला है. स्पेस में जाने वाला दुनिया का सबसे पहला जानवर (First animal to go in space) एक कुत्ता था. यूं तो सोवियत संघ ने कई कुत्तों को स्पेस (Dog in space) में पहुंचाया है मगर उनमें से लाइका (Laika dog in space) नाम की डॉगी सबसे ज्यादा फेमस हुई. लाइका के बाद अंतरिक्ष में बंदरों को भी भेजा जा चुका है.
पहले भी गए गए जीव
द सन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार 30 बंदरों को अब तक स्पेस में भेजा गया है. इनमें से सबसे फेमस हैम चिंपांजी (Ham the chimapnzee in space) है. 31 जनवरी 1961 को रॉकेट ले अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था. इसके बाद उसी साल अप्रैल में यूरी गैगरीन स्पेस में गए थे. हैम के रॉकेट को नासा द्वारा फ्लोरिडा से छोड़ा गया था. चिंपांजी 252 किलोमीटर तक ऊपर गया था और 16 मिनट तक यान में रहा था. इसके बाद वो सुरक्षित धरती पर लौट आया था.
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चीन के इस मिशन के बाद साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए वैज्ञानिक उपकरणों का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक झांग लू का हवाला देते हुए बताया कि अनुसंधान अंतरिक्ष स्टेशन के सबसे बड़े मॉड्यूल में किया जाएगा, जिसका उपयोग जीवन विज्ञान प्रयोगों के लिए होगा. इसके लिए चूहों और मकाक से जुड़े कुछ अध्ययन यह देखने के लिए किए जाएंगे कि वे अंतरिक्ष में कैसे बढ़ते हैं या प्रजनन भी करते हैं. ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी और अन्य अंतरिक्ष वातावरण के लिए एक जीव के अनुकूलन की हमारी समझ को बेहतर बनाने में मदद करेंगे.
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