भरतपुर: केवलादेव नेशनल पार्क में पैंथर ने दी दस्तक, कैमरों में कैद हुई तस्वीर
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1550797

भरतपुर: केवलादेव नेशनल पार्क में पैंथर ने दी दस्तक, कैमरों में कैद हुई तस्वीर

भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में कुछ दिनों से पैंथर की दहाड़ सुनने और कैमरे में तस्वीर कैद होने के बाद अब पार्क आने वाले पर्यटकों को पार्क प्रशासन द्वारा टिकिट विंडो पर ही पार्क में पैंथर के मूवमेंट की जानकारी देते हुए हिदायत भी दी जा रही है.

भरतपुर: केवलादेव नेशनल पार्क में पैंथर ने दी दस्तक, कैमरों में कैद हुई तस्वीर

Panther Movement News: केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में पैंथर पिछले 5 दिन से लगातार मूवमेंट कर रहा है. पैंथर के मूवमेंट की तस्वीर अब पार्क प्रशासन द्वारा लगाए गए ट्रेप कैमरों में कैद हो गई है. पैंथर का पार्क के ''सी'' और''डी'' ब्लॉक में लगातार मूवमेंट बना हुआ है. पैंथर ने पार्क में शिकार भी किया है. एक जानवर का कंकाल भी पार्क प्रशासन को मिला है.

पैंथर की दहाड़

भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में कुछ दिनों से पैंथर की दहाड़ सुनने और कैमरे में तस्वीर कैद होने के बाद अब पार्क आने वाले पर्यटकों को पार्क प्रशासन द्वारा टिकिट विंडो पर ही पार्क में पैंथर के मूवमेंट की जानकारी देते हुए हिदायत भी दी जा रही है.हालांकि पैंथर स्वभाव से बहुत शर्मीला होता है और यह रात को ही निकलता है फिर भी सुरक्षा के लिहाज से ध्यान रखने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें- Koto Sucide: NEET तैयारी कर रहे कोचिंग छात्र ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- मैं विष्णु का अंश हूं

शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह को भी भ्रमण के दौरान पैंथर के फुटप्रिंट मिले थे. यह भी पुष्टि की गई है कि पिछले तीन-चार दिन से पैंथर विभिन्न ब्लॉक में घूम रहा है. कुछ ग्रामीणों की ओर से पैंथर को देखा भी गया है हालांकि घना प्रशासन ने पैंथर से पर्यटकों को कोई खतरा घोषित नहीं किया है. उल्लेखनीय है कि घना में 60 के दशक तक पैंथर पाए जाते रहे हैं. इसके बाद दो बार टाइगर और तीन बार पैंथर आ चुके हैं. घना में पैंथर का मूवमेंट करौली के कैलादेवी अभयारण्य से माना जाता है क्योंकि पहाड़ श्रृंखला झील का वाड़ा तक जुड़ी हुई है.

तीन साल पहले भी आ चुका पैंथर

केवलादेव घना में पैंथर का दिखना कोई बड़ी बात नहीं है. इससे पहले भी पैंथर घना में आ चुके हैं. तीन साल पहले भी एक पैंथर दिखाई दिया था, लेकिन वह कुछ महीने बाद ही लापता हो गया था. इसको लेकर घना प्रशासन की ओर से जांच भी कराई गई थी. बाद में उस पैंथर की लोकेशन करौली जिले में होने की बात सामने आई थी.

Trending news