Barmer: बुजुर्ग के लिए बाड़मेर पुलिस बनी मसीहा, 6 साल बाद परिवार से मिलाया..
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Barmer: बुजुर्ग के लिए बाड़मेर पुलिस बनी मसीहा, 6 साल बाद परिवार से मिलाया..

Barmer: 6 साल पहले घरेलू झगड़ों की वजह से पत्नी से अलग हुए एक बुजुर्ग के लिए बाड़मेर पुलिस मसीहा बनकर सामने आई है.  6 साल बाद बाड़मेर पुलिस ने बुजुर्ग को उसकी पत्नी बेटियों को मिलाया है, जिसके बाद उनके चेहरे पर खुशी लौट आई.बाड़मेर पुलिस का पूरे परिवार ने आभार जताया.

 

Barmer: बुजुर्ग के लिए बाड़मेर पुलिस बनी मसीहा, 6 साल बाद परिवार से मिलाया..

Barmer: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के निवासी कमला सिंह थोड़ा मंदबुद्धि का व्यक्ति है और घर में अपनी पत्नी से झगड़ा करता था. हमेशा के झगड़ों से तंग आकर पत्नी अपने पति कमला सिंह को छोड़कर बेटियों को लेकर पीहर चली गई. कमला सिंह मध्य प्रदेश से घर छोड़कर निकल गया. करीब 6 साल तक मध्य प्रदेश राजस्थान सहित अन्य राज्यों में वह सड़कों पर भिखारियों के साथ घूम रहा था.

 जब कमला सिंह बाड़मेर पहुंचा तो कोतवाली पुलिस की उस पर नजर पड़ी तो दयनीय स्थिति देख कर पुलिस उसको थाने लेकर आई. दाढ़ी कटिंग कर नहलाया और नए कपड़े दिलाए. फिर उसके घर का पता पूछ कर पत्नी व बेटियों को ढूढ निकाला. 

जैसे ही पुलिस ने पत्नी व बेटियों को कमला सिंह के बारे में जानकारी दी तो मध्य प्रदेश से पत्नी व बेटियां तुरंत बाड़मेर पहुंची पत्नी व बेटियां ने 6 साल बिछड़े कमला सिंह को फिर देखकर उनके चेहरे पर खुशी लौट आई और पुलिस का आभार जताया.

कमला सिंह की पत्नी ने बताया कि उसका पति थोड़ा मानसिक विमंदित है घर में हमेशा झगड़ा करता था. उसी से तंग आकर मैं अपनी बेटियों को लेकर मायके चली गई और कमला सिंह घर से निकल गया कुछ समय बाद से ही लगातार वह कमला सिंह को मध्य प्रदेश राजस्थान कर्नाटक सहित राज्य में ढूंढा लेकिन नहीं मिला गांव व समाज के लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि कमला सिंह अब जिंदा नहीं है.

 उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बना दो लेकिन कमला सिंह की पत्नी बताती है कि उसे मन के अंदर पूरा विश्वास था कि एक दिन उसका पति कमला सिंह वापस जरूर लौटकर आएगा.

कोतवाली पुलिस के हेड कांस्टेबल पदमपुरी का कहना है बुजुर्ग कमला सिंह उनके थाने के पास ही दयनीय हालत में घूम रहा था. जिसके बाद उसको थाने लेकर आए स्नान करवाया नए कपड़े दिलाए और खाना खिलाया.

 उसके बाद उसके घर का पता पूछ कर संबंधित पुलिस थाने व कमला सिंह के गांव के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर परिजनों को ढूंढा और जब परिजन बाड़मेर पहुंचे तो कमला सिंह को पत्नी व उसकी बेटियों को सुपुर्द कर दिया है और पत्नी व बेटिया बहुत ही खुश है.

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