Barmer: गुड़ामालानी में 30 दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण केंद्र लियादरा का समापन, सिलाई-कढ़ाई का सिखा रहे हुनर
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Barmer: गुड़ामालानी में 30 दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण केंद्र लियादरा का समापन, सिलाई-कढ़ाई का सिखा रहे हुनर

Barmer: सिलाई- कढ़ाई बाड़मेर जिले में रोजगार का सबसे बड़ा साधन है, लोगों को अधिक-अधिक संख्या में इस काम में दक्ष बनाया जा सके इसके लिए कई निजी और शासकीय संस्थान इसका प्रशिक्षण भी दे रहे हैं. इसीक्रम में गुड़ामालानी में 30 दिवसीय निशुल्क प्रशीक्षण दिया गया.

 

Barmer: गुड़ामालानी में 30 दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण केंद्र लियादरा का समापन, सिलाई-कढ़ाई का सिखा रहे हुनर

Barmer: बाड़मेर जिले में कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का एकमात्र जरिया सिलाई व्यवसाय है. सिलाई व्यवसाय के लिए ज्ञान व कौशल आवश्यक है. यह बात सोसायटी टू अपलिफ्ट रूरल इकोनॉमी बाड़मेर द्वारा केयर्न वेदांता फाउंडेशन के सौजन्य से संचालित डेयरी विकास एवं पशुपालन परियोजना के तहत दुग्ध संकलन केंद्र परिसर लियादरा ग्राम पंचायत बिजरोल खेड़ा में 30 दिवसीय निशुल्क सिलाई कटाई प्रशिक्षण केंद्र समापन समारोह में बोलते हुए कार्यक्रम प्रबंधक हनुमान राम चौधरी ने कही. 

उन्होंने उपस्थित अतिथियों एवं प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत करते हुए एवं प्रशिक्षण के उद्देश्य की स्पष्टता करते हुए कहा कि घर पर सिलाई कार्य करने से जहां लाइसेंस व पंजीकरण की जरूरत नहीं रहती.

वहीं, सतत अभ्यास एवं प्रशिक्षण अवधि में सीखा हुनर परिवार की आमदनी बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा.चौधरी ने कहा कि सिलाई कटाई व्यवसाय के साथ ही महिलाएं दुग्ध उत्पाद निर्माण पैकिंग सर्फ साबुन अचार एवं शरबत निर्माण एवं पैकिंग काचर कुंभट ग्वार फली केर सांगरी का संकलन पैकिंग मूल्य संवर्धन एवं मार्केटिंग कर अतिरिक्त आय सर्जन के आयाम स्थापित करें. 

चौधरी ने प्रशिक्षणार्थियों की मांग अनुसार उनके द्वारा तैयार उत्पाद की पैकिंग एवं मार्केटिंग में सहयोग देने का भरोसा दिया. इस अवसर पर बोलते हुए सहायक परियोजना समन्वयक माला राम गोदारा ने कहा कि महिलाएं कृषि डेयरी व पशुपालन व्यवसाय को वैज्ञानिक तरीके से कर कम समय में अधिक आमदनी जुटाए. उन्होंने कहा कि महिला जागरूक सशक्त एवं संगठित बनकर ही अपने हक व अधिकारों के लिए लड़ सकती है. 

उक्त अवसर पर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लियादरा के सचिव ओमप्रकाश बिश्नोई ने समिति द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान तैयार कपड़ों की लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन कर खुशी जाहिर की. आमंत्रित अतिथियों द्वारा उनके द्वारा सिलाई किए गए पोशाकों को प्रोत्साहन स्वरूप वितरित की गई.

अतिथियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त 20 प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए. कार्यक्रम में शिक्षिका प्रमिला कुमारी ने प्रशिक्षण प्रतिवेदन का प्रस्तुतीकरण कर प्रशिक्षण से संबंधित अपने अनुभवों को साझा किया. प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रशिक्षणार्थियों एवं सहयोगी टीम का माल्यार्पण एवं पुरस्कार देकर उनका सम्मान किया गया.

प्रशिक्षण समापन कार्यक्रम में पंखी देवी विमला देवी छगन देवी भागवती कुमारी सोनाराम चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए| कार्यक्रम की समाप्ति पर कार्यक्रम प्रबंधक हनुमान राम चौधरी एवं प्रशिक्षिका प्रमिला कुमारी ने उपस्थित अतिथियों प्रशिक्षणार्थियों एवं ग्रामीणों का धन्यवाद ज्ञापित किया.

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