Congress President Election: राजस्थान इकाई का संकट दूर करने के लिए पार्टी आलाकमान हर कोशिश कर रहा है और इसी को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ बातचीत की.
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Rajasthan Politics: राजस्थान के मौजूदा सियासी घटनाक्रम से कांग्रेस आलाकमान खफा है. संभावना जताई जा रही है कि पार्टी नेतृत्व अब बड़ा फैसला ले सकता है. अशोक गहलोत भी अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस से बाहर हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी राजस्थान के घटनाक्रम से कथित तौर पर नाराज हैं क्योंकि गहलोत को शीर्ष पद के लिए उनके उत्तराधिकारी के रूप में माना जा रहा था. सूत्रों ने बताया कि गहलोत ने दोनों पर्यवेक्षकों से कहा कि जयपुर के घटनाक्रम में उनका हाथ नहीं है और इसमें शामिल विधायक उनकी बात नहीं सुन रहे थे.
अब रेस में ये नेता!
अब कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए केसी वेणुगोपाल, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, कुमारी सैलजा और कुछ अन्य नामों को लेकर अटकलें जारी हैं. वैसे कमलनाथ ने कहा कि उन्हें अध्यक्ष पद में कोई दिलचस्पी नहीं है.
राजस्थान इकाई का संकट दूर करने के लिए पार्टी आलाकमान हर कोशिश कर रहा है और इसी को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ बातचीत की. माना जा रहा है कि कमलनाथ के गहलोत से अच्छे रिश्ते हैं और वह संकट को सुलझाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं.
सोनिया से मिले खड़गे-माकन
दूसरी ओर, राजस्थान के विधायकों के एक तरह से बागी रुख अपनाने के बाद खड़गे और माकन सोमवार को दिल्ली लौटे और 10-जनपथ पहुंचकर सोनिया गांधी से मुलाकात की. कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे.
सोनिया गांधी के साथ डेढ़ घंटे से अधिक समय तक मुलाकात के बाद माकन ने कहा कि जयपुर में रविवार शाम विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से बुलाई गई थी. माकन ने कहा, 'मैंने और मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान के घटनाक्रमों के बारे में सोनिया जी को विस्तार से बताया. कांग्रेस अध्यक्ष ने हमसे पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट मांगी है.'
माकन ने लगाए थे ये आरोप
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस विधायक दल की रविवार शाम जो बैठक हुई थी वह उनके (मुख्यमंत्री के) कहने पर और उनकी बताई जगह पर रखी गई थी. कांग्रेस अध्यक्ष का आदेश था कि हर विधायक की अलग-अलग राय जानकर रिपोर्ट दी जाए. सबसे बात करके फैसला होता.'
एक सवाल के जवाब में माकन ने कहा, 'जब कांग्रेस विधायक दल की औपचारिक बैठक बुलाई जाती है और अगर उसके समानांतर कोई भी बैठक की जाती है तो वह पहली नजर में अनुशासनहीनता है. यह बात हमने कांग्रेस अध्यक्ष के सामने रखी है.' उधर, गहलोत के करीबी माने जाने वाले राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने माकन पर पलटवार करते हुए सोमवार को आरोप लगाया था कि वह पार्टी के विधायकों से पक्षपातपूर्ण तरीके से बात कर रहे थे.
(इनपुट-पीटीआई)
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