Rajasthan Assembly Election 2023: इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इससे पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत का मनमुटाव दूर होना बहुत जरूरी है. आपको बता दें कि जब अशोक गहलोत से सचिन पायलट को लेकर एक सवाल किया गया तो उन्हें हाईकामन सोनिया गांधी की ये बात याद आ गई.
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Sachin Pilot vs Ashok Gehlot: इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन युवाओं में सबसे चर्चित कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बगावती तेवर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सत्ता लगभग डगमगाने लगी थी लेकिन अब कांग्रेस हाईकमान इस मसले को सुलझाने के लिए आगे आया है. कांग्रेस ने राजस्थान में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए प्रदेश के दोनों दिग्गज नेताओं सचिन पायलट और अशोक गहलोत का मनमुटाव दूर होना बहुत जरूरी है. यह बात किसी से छुपी नहीं है कि लंबे समय से राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच अनबन चल रही है.
सुलह की ओर इशारा
कांग्रेस हाईकमान ने अब दोनों नेताओं के बीच दूरियों को कम करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है. राजस्थान के दोनों प्रभावशाली नेताओं को दिल्ली बुलाया गया जिसके बाद 4 घंटे की लंबी मीटिंग की गई. 4 घंटों में 4 सालों के कई मतभेदों को दूर करने का काम किया गया. मीटिंग से बाहर निकले दोनों नेताओं के चेहरे पर मुस्कान थी और प्रेस कॉन्फ्रेंस में अशोक गहलोत ने सुलह की तरफ इशारा किया.
#WATCH हाईकमान के साथ मिलने के बाद कोई सहयोग क्यों नहीं करेगा। विश्वास देकर ही विश्वास जीता जाता है। हाईकमान ने हमपर विश्वास किया है। अगर हम सब मिलकर चलेंगे तो सरकार हमारी आएगी। आज तक पार्टी में वफादारी से रहे हैं, आगे भी रहेंगे। सोनिया गांधी ने एक बार कहा था कि जो धैर्य रखता है… pic.twitter.com/FxHbu5QMmw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 30, 2023
वफादार रहे हैं, आगे भी रहेंगे
मीडिया ने जब सचिन पायलट का नाम लेकर अशोक गहलोत से सवाल किया तब उन्होंने जवाब दिया कि सोनिया गांधी ने एक बार उनसे कहा था कि जो धैर्य रखता है, उसको कभी न कभी मौका जरूर मिलता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हाईकमान के साथ मिलने के बाद कोई सहयोग क्यों नहीं करेगा. विश्वास देकर ही विश्वास जीता जाता है. हाईकमान ने हम पर विश्वास किया है. अगर हम सब मिलकर चलेंगे तो सरकार हमारी आएगी. आज तक पार्टी में वफादारी से रहे हैं, आगे भी रहेंगे.
कौन जीतेगा राजस्थान का 'रण'
आपको बता दें कि इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. कर्नाटक का किला जीतने के बाद कांग्रेस राजस्थान की जमीं पर अपनी पैठ कायम रखना चाहेगी. कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी कि कर्नाटक की तरह राजस्थान में भी ‘मोदी मैजिक’ को रोक दे. इसके साथ ही दोबारा सत्ता हासिल करे लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह लड़ाई सत्ताधारी कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगी और भाजपा यहां कड़ी टक्कर देगी.
(इनपुट: एजेंसी)