Priyanka Gandhi ने जिस तरह PM को जवाब दिया... चुनावी ऐलान पर एक्सपर्ट ने बताया, कांग्रेस को क्या मिला?
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Priyanka Gandhi ने जिस तरह PM को जवाब दिया... चुनावी ऐलान पर एक्सपर्ट ने बताया, कांग्रेस को क्या मिला?

Priyanka Gandhi News: प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा सीट से चुनावी डेब्यू करने जा रही हैं. 2024 में कांग्रेस की सफलता का श्रेय उनके दमदार प्रचार को दिया जा रहा है. कई राजनीतिक एक्सपर्ट का कहना है कि कांग्रेस को उनके रूप में एक दमदार प्रचारक मिल गया है.

Priyanka Gandhi ने जिस तरह PM को जवाब दिया... चुनावी ऐलान पर एक्सपर्ट ने बताया, कांग्रेस को क्या मिला?

Priyanka Gandhi Election News: उनके चेहरे में प्रशंसकों और समर्थकों को इंदिरा गांधी की छवि दिखाई देती है. 2024 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से उन्होंने प्रचार किया और नतीजे आए शायद यही वजह है कि अब कांग्रेस पार्टी उन्हें पहली बार चुनावी लड़ाने जा रही है. हां, वो कोई और नहीं प्रियंका गांधी हैं. जब से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी के रायबरेली से सांसद बने रहने और प्रियंका के वायनाड से चुनाव लड़ने की घोषणा की है, लोगों की जुबान पर प्रियंका का नाम है. 

ना अमेठी ना रायबरेली, ना बनारस

2019 में ही वह सक्रिय राजनीति में आ गई थीं. कभी प्रियंका गांधी के अमेठी, तो कभी रायबरेली, यहां तक कि वाराणसी लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जाती रहीं. अब वह वायनाड सीट से उपचुनाव लड़ेंगी. प्रियंका (52) केरल की इस हाई प्रोफाइल बन चुकी सीट से चुनावी राजनीति में पदार्पण करेंगी. केरल एक ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस ने 2019 के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है. 

... और बन गईं स्टार प्रचारक

सक्रिय राजनीति में आने के बाद जनवरी 2019 में उन्हें महत्वपूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया गया और फिर पूरे राज्य का प्रभारी महासचिव बनाया गया. हालांकि 2019 के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा, लेकिन प्रियंका ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के अपने प्रयास जारी रखे. दिसंबर 2023 में प्रियंका को बिना पोर्टफोलियो महासचिव बनाया गया और वह कांग्रेस की प्रमुख रणनीतिकार और बाद में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की स्टार प्रचारक के रूप में उभरीं. 

पढ़ें: Rahul Gandhi ने क्यों छोड़ दी वायनाड सीट, रायबरेली को चुनने की वजह भी जान लीजिए

उन्होंने संगठन को मजबूत करने में भी मदद की. हिमाचल प्रदेश में पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया और राज्य में पार्टी को सत्ता में लाने में मदद की. उनके प्रचार अभियान ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटें जीतने में मदद की. वहीं, 2019 में यह आंकड़ा 52 था. 

... तो पूरा गांधी परिवार होगा संसद में

अगर प्रियंका गांधी लोकसभा उपचुनाव जीत जाती हैं, तो यह पहली बार होगा कि सोनिया, राहुल और प्रियंका तीनों एक साथ संसद में होंगे. सोनिया गांधी फिलहाल राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के आश्चर्यजनक रूप से अच्छे प्रदर्शन के साथ, प्रियंका गांधी ने पार्टी के एक करिश्माई नेता के रूप में अपनी स्थिति भी मजबूत कर ली है. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की संसद में मौजूदगी से जनता की आवाज और बुलंद होगी. 

'कांग्रेस को थी तलाश'

‘24 अकबर रोड’ सहित कई किताबें लिखने वाले राजनीतिक मामलों के जानकार रशीद किदवई ने कहा, ‘कांग्रेस लंबे समय से एक प्रभावी प्रचारक की तलाश में थी और 2024 के चुनाव में प्रियंका गांधी ने जिस तरह से मोदी को जवाब दिया है, वह आश्चर्यजनक विकल्प के तौर पर उभरी हैं. प्रियंका गांधी ने दिखाया कि मोदी का मुकाबला किया जा सकता है और उन्होंने पूरे भारत में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.' राजनीतिक टिप्पणीकार और कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा ने प्रियंका गांधी को शानदार प्रचारक बताया. उन्होंने कहा, 'मोदी के कटाक्षों का तीखा और त्वरित जवाब देकर उन्होंने प्रचार के दौरान कमाल कर दिया. उनकी मौजूदगी जादुई रही है.'

मोदी vs प्रियंका

लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन ने 543 में से 234 सीट जीतीं, जबकि 99 सीट जीतकर कांग्रेस विपक्षी गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. कांग्रेस चुनाव अभियान में जोरदार वापसी करती दिखी और प्रियंका ने मोदी और भाजपा के दूसरे नेताओं के लगातार हमलों का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभाई. प्रधानमंत्री मोदी के 'सोने और मंगलसूत्र' वाले बयान पर पलटवार करते हुए भावुक प्रियंका ने वोटरों को याद दिलाया कि उनकी मां सोनिया गांधी ने देश के लिए अपना मंगलसूत्र बलिदान कर दिया.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 2014 और 2019 के चुनावों की तुलना में, हालिया लोकसभा चुनाव में पार्टी को संसद में मजबूत स्थिति में पहुंचाने के बाद वायनाड से उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस चुनाव में अपने बचपन, पिता राजीव गांधी की हत्या के दर्द और मां के दुख पर चर्चा करते हुए उन्होंने कांग्रेस के अभियान की कमान संभाली. पारिवारिक संबंधों और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर चर्चा के बीच कुशलता से संतुलन बनाए रखा और एक रणनीतिकार, वक्ता और भीड़ को आकर्षित करने वाली नेता साबित हुईं. 

उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में 108 जनसभाएं और रोडशो किए. उन्होंने 16 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में प्रचार किया और अमेठी-रायबरेली में कार्यकर्ताओं के दो सम्मेलनों को भी संबोधित किया. उनके अधिकांश भाषण भीड़ से संवाद करने जैसे थे, जो लोगों से जुड़ाव स्थापित करते थे और लोगों को यह आभास दिलाते थे कि यह कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे वे जानते हैं, कोई ऐसा है, जो उनके साथ अपनी भावनाओं और विचारों को साझा कर रहा है.

प्रियंका गांधी ने वायनाड से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कहा कि मुझे जरा भी घबराहट नहीं है... मैं बहुत खुश हूं कि मुझे वायनाड का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा. मैं सिर्फ इतना कहूंगी कि मैं उन्हें (वायनाड की जनता) उनकी (राहुल की) अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी... मेरा रायबरेली से अच्छा नाता है, क्योंकि मैंने वहां 20 साल तक काम किया है और यह रिश्ता कभी नहीं टूटेगा.'  (भाषा से इनपुट के साथ)

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