Lok Sabha swearing in speech: लोकसभा में सोमवार और मंगलवार, दो दिनों तक नए चुने गए सांसदों को पद की शपथ दिलाई गई. इस दौरान एक निर्दलीय सांसद के तेवर चर्चा के विषय बन गए हैं, जिन्होंने पद की शपथ लेते ही कहा, 'कहने आए हैं, सुनना पड़ेगा सबको.'
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Chandrashekhar Lok Sabha swearing in speech: यूपी की नगीना लोकसभा सीट से पहली बार निर्दलीय चुनाव जीतकर आए आजाद समाज पार्टी (ASP) के नेता चंद्रशेखर ने शपथ लेते ही अपने तीखे तेवर दिखा दिए हैं. उन्होंने जहां स्पीकर ओम बिरला की प्रशंसा की, वहीं बीजेपी सांसदों को बता दिया कि वे विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बोलने से गुरेज नहीं करेंगे. संसद में अपने नेता के इस डेब्यू से पार्टी कार्यकर्ता पूरे जोश में हैं और वे सोशल मीडिया में इसे नई दलित लीडरशिप का आगाज बता रहे हैं. अब आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने ऐसा क्या कह दिया कि जिसकी अब चर्चा हो रही है.
18वीं लोकसभा के गठन के बाद प्रोटेम स्पीकर भृतहरि महताब ने सोमवार को एक-एक करके सभी नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिला रहे थे. यूपी के 80 सांसदों की बारी दूसरे दिन यानी मंगलवार को आई. यूपी कीनगीना सुरक्षित सीट से चुने गए ASP नेता चंद्रशेखर भी अपनी बारे आने पर डायस पर पहुंचे.
'भारत की महान जनता जिंदाबाद'
उन्होंने देश के प्रति निष्ठा, अखंडता को अक्षुण रखने की शपथ लेने के बाद 'नमो बुद्धाय, जय भीम, जय भारत, जय संविधान, जय मंडल, जय जोहार, जय जवान और जय किसान' के नारे लगाए. चलते- चलते उन्होंने 'भारतीय लोकतंत्र जिंदाबाद' और 'भारत की महान जनता जिंदाबाद' के नारे लगाए.
'कहने आए हैं, सुनना पड़ेगा सबको'
चंद्रशेखर ने जैसे ही अपना भाषण देना बंद किया, सत्ता पक्ष की बेंच की ओर से एक आवाज आई, 'पूरा भाषण देंगे क्या'. इस पर पलटवार करने से चंद्रशेखर भी पीछे नहीं रहे. प्रोटेम स्पीकर से हाथ मिलाते वक्त चंद्रशेखर ने सत्ता पक्ष की ओर देखा और कहा कि 'देंगे सर, इसीलिए आए हैं यहां पर'. चंद्रशेखर के तीखे तेवर यहीं तक नहीं रहे. डायस से नीचे उतरते वक्त वे यह कहते सुने गए कि 'कहने आए हैं, सुनना पड़ेगा सबको'.
चंद्रशेखर की बेबाकी यहां तक नहीं रही. बुधवार को ओम बिरला के स्पीकर पद पर चुने जाने के बाद जब सब सांसद अपने भाषणों में उन्हें बधाई दे रहे थे तो चंद्रशेखर ने बारी आने पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, 'सर मैं सबसे पहले आपको बहुत बहुत बधाई देता हूं कि आप लोक सभा के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं. मैं अपने लोगों की आज़ाद आवाज़ हूं और आप लोकतंत्र के रक्षक हैं. मैं प्रकृति से प्रार्थना करता हूं कि आपको लोकतंत्र की रक्षा करने की ताक़त प्रदान करें.'
बीएसपी को बड़ा खतरा
अपने दोनों दिन के तेवरों से चंद्रशेखर ने अहसास करा दिया है कि वे दलितों- मुस्लिमों और आदिवासियों के मुद्दे उठाने में पीछे नहीं रहेंगे. इन मुद्दों पर उनका रुख तीखा रहने वाला है. ऐसे में माना जा रहा है कि जैसे- जैसे चंद्रशेखर का आभामंडल फैलेगा, वैसे- वैसे उनकी पार्टी भी देश के कई हिस्सों में विस्तार कर सकती है. उनके इस तरह उभरने से सबसे बड़ा खतरा बीएसपी को माना जा रहा है. जिसके लोकसभा में जीरो सांसद हैं.
आकाश आनंद का क्या होगा?
ऐसे में चंद्रशेखर आने वाले वक्त में अगर बीएसपी और खासकर उसके नेशनल को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद के लिए बड़ा खतरा बन जाएं तो कोई हैरत की बात नहीं होनी चाहिए. वे जितना तेजी से आगे बढ़ेंगे, आकाश के लिए आगे की राह उतनी ही मुश्किल होती जानी तय है.