6 महीने में ही महिला ने दिया बच्ची को जन्म, वजन देख बोले डॉक्टर- किसी चमत्कार से कम नहीं
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6 महीने में ही महिला ने दिया बच्ची को जन्म, वजन देख बोले डॉक्टर- किसी चमत्कार से कम नहीं

शिवन्या नाम की इस बच्ची का जन्म पुणे के एक चाइल्ड केयर अस्पताल में हुआ था. ये एक प्रीमैच्योर डिलीवरी थी, जो समय से काफी पहले ही हो गई थी.

6 महीने में ही महिला ने दिया बच्ची को जन्म, वजन देख बोले डॉक्टर- किसी चमत्कार से कम नहीं

महाराष्ट्र के पुणे में एक बच्ची का जन्म महज 24 हफ्ते यानी 6 महीने की प्रेगनेंसी के बाद ही हो गया. जन्म के बाद बच्ची का जन्म केवल 400 ग्राम था. इस अवस्था में जन्में बच्चों के जीने की संभावना ना मात्र के बराबर होती है. लेकिन ये एक चमत्कार ही था कि ये बच्ची सही-सलामत जन्मी और अब एकदम स्वस्थ है. ये भारत की सबसे छोटी बच्ची है और इस वजह से इसका नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया है.

शिवन्या नाम की इस बच्ची का जन्म पुणे के एक चाइल्ड केयर अस्पताल में हुआ था. ये एक प्रीमैच्योर डिलीवरी थी, जो समय से काफी पहले ही हो गई थी. हालांकि, अब बच्ची अस्पताल से घर पहुंच चुकी है और वो एक दम ठीक है. शिवन्या धीरे-धीरे और बेहतर होती जा रही है.

तीन महीने बाद अस्पताल से मिली छुट्टी

इस प्रीमैच्योर बच्ची का जन्म 2022 के मई के महीने में हुआ था. जन्म के दौरान बहुत कम वजन होने की वजह से इसे तीन महीनों के लिए डॉक्टर की निगरानी में ही रखना पड़ा. हालांकि, अगस्त के महीने में बच्ची को अस्पताल से छुट्टी मिल गई और अब वो अपने परिवार के साथ घर पर रहती है. अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने के समय बच्ची का वजन दो किलो 130 ग्राम था.

हालांकि, अब बच्ची का वजन बढ़कर 4.5 किलो हो गया है. वो अब खाना-पीना अच्छे से कर पा रही है. डॉक्टर्स के मुताबिक आम तौर पर प्रेग्नेंसी के 40 हफ्ते के बाद जन्म लने वाले बच्चों का वजन करीब 2.5 किलो होता है. डॉक्टर्स के मुताबिक शिवन्या का केस भारत का ऐसा पहला केस है. क्योंकि 6 महीने में जन्म लेने वाले बच्चे के बच पाने की उम्मीद काफी कम होती है.

दरअसल, शिवन्या की मां के दो यूट्रस होने की वजह से ये केस काफी जटिल बन गया था. हालांकि, डॉक्टर्स की सूझ बूझ की वजह से बच्ची सही-सलामत रही और डिलीवरी में कोई दिक्कत नहीं हुई. आम तौर पर जिन बच्चों का वजन जन्म के समय 750 ग्राम होता है उन्हें काफी नाजुक माना जाता है. इन बच्चों की ठीक वैसे ही देखरेख होती है जैसी भ्रूण के अंदर रहते हुए उनकी देखभाल की जाती है.

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