World's Fastest Land Animal: दुनिया में सबसे तेज जमीन पर दौड़ने वाला जानवर चीता (Cheetah) भारत से विलुप्त होने के लगभग 50 साल बाद 17 सितंबर को देश में वापसी करने के लिए तैयार है. बता दें कि चीता को जमीन पर दौड़ने वाला सबसे तेज जानवर माना जाता है. मध्य प्रदेश के श्योपुर (Sheopur) में चीते लाए जाएंगे. 17 सितंबर को चीता भारत की धरती पर कदम रखेगा. चीता भारत से विलुप्त (Extinct) हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक, नामीबिया (Namibia) और दक्षिण अफ्रीका से कई चरणों में 25 चीता भारत लाए जाएंगे. पहले चरण में 8 चीता 17 सितंबर को श्योपुर के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुंचेंगे, जहां उनका पुनर्वास कराया जाएगा.
बता दें कि मध्य प्रदेश के श्योपुर में कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीता को विदेश से लाया जाएगा और यहां उनका पुनर्वास होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 17 सितंबर को अपने बर्थडे पर इस उद्यान में चीता प्रतिस्थापन परियोजना के कार्यक्रमों में भाग लेंगे. मध्य प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री विजय शाह शनिवार को कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे. वन एवं पर्यावरण मंत्री विजय शाह ने इन कार्यक्रमों की तैयारियों का जायजा लिया.
वन एवं पर्यावरण मंत्री विजय शाह ने कहा, ‘लगातार प्रयास करने के बाद हम आखिरकार 17 सितंबर को दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से चीते ला रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी खुद अपने हाथों से उनके पुनर्वास की शुरुआत करेंगे.’ उन्होंने कहा कि सभी के लिए यह खुशी का मौका है और प्रधानमंत्री का जन्मदिन हिन्दुस्तान के साथ-साथ मध्य प्रदेश के लिए बहुत बड़ी सौगात लेकर आया है.
मंत्री विजय शाह ने कहा, ‘कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से चीते लाए जा रहे हैं, क्योंकि चीते भारत से विलुप्त हो चुके हैं. इनके यहां आने से दुनिया के लोग इनको देखने यहां आएंगे, जिससे इस क्षेत्र के विकास के साथ-साथ यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा.’
वहीं, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि चीतों का विस्थापन देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए ऐतिहासिक मौका है. चीता, बाघ या फिर एशियाई शेरों का विस्थापन करना आसान काम नहीं है, क्योंकि विश्व में ऐसे विस्थापन बहुत कम सफल हो पाए हैं.
इसके अलावा केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से अलग-अलग चरणों में 25 से ज्यादा चीते लाएं जाएंगे, जिनमें से शुरुआत में आठ चीते इस उद्यान में 17 सितंबर को पहुंचेंगे.
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