Lethal Firepower: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ सैन्य टकराव के बीच भारतीय सेना (Indian Army) लगातार लंबी दूरी के हथियारों के साथ अपनी मारक क्षमता बढ़ा रही है. चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों को देखते हुए इंडियन आर्मी टेक्नोलॉजी के जरिए हथियारों को मॉर्डन करने पर फोकस कर रही है.
भारतीय सेना (Indian Army) खुद को आधुनिक बनाने के साथ ही अपनी ताकत भी बढ़ा रही है. इसके लिए सेना में लंबी दूरी तक मार करने वाले घातक हथियार, स्वार्म ड्रोन और टोही फाइटर्स, जंबो जेट और सर्विलांसिंग डिवाइस के साथ ही रात में लड़ने में सक्षम हथियार शामिल किए जा रहे हैं.
12 लाख जवानों को मतबूत बनाने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) अपने टूथ-टू-टेल रेशियो (Tooth To Tail Ratio) को बेहतर बनाने पर काम कर रही है. बता दें कि युद्ध में लड़ाई लड़ने वाली सेना की टुकड़ी को टूथ कहा जाता है, जबकि इनका सपोर्ट देने वाली टुकड़ियों को टेल कहा जाता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 91,238 करोड़ रुपये की 61 डील फाइनल हुई है, जिनमें से 76544 करोड़ के 44 समझौते सरकारी पीएसयू समेत घरेलू वेंडर्स के साथ किए गए हैं. इसके अलावा सेना ने 68 कॉन्ट्रैक्ट इमरजेंसी खरीद के तहत किए हैं, जबकि 84 अन्य इमरजेंसी खरीद डील पर बात चल रही है.
भारतीय सेना अपनी मजबूती को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन खरीदने की तैयारी में है और इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है. सूत्रों के अनुसार, सेना को इस साल मार्च-अप्रैल तक 4 सेट स्वार्म ड्रोन मिल जाएंगे, जो 50 किलोमीटर तक इलाके में नजर रख सकते हैं. स्वार्म ड्रोन के हर सेट में 50 ड्रोन होंगे, जो 1 किलो से 5 किलोग्राम तक के विस्फोटक ले जा सकते हैं. इसके अलावा ऊंचाई वाले इलाके के लिए 400 ड्रोन खरीदे जा रहे हैं, जबकि सेना अपने बेड़े में रेगिस्तान और मैदानी इलाकों के लिए 250 ड्रोन शामिल कर रही है.
पाकिस्तान और चीन से चल रही टेंशन के बीच भारतीय सेना ने अपनी रक्षा तैयारियों को हाल के समय में चाक-चौबंद किया है और अपने बेड़े में हाइटेक तोप, मिसाइल, रॉकेट के अलावा कुछ अन्य स्मार्ट हथियार भी शामिल किए हैं. साथ ही, सेना ने के-9 वज्र और पिनाक रॉकेट सिस्टम जैसे घातक हथियारों को भी अपने बेड़े में शामिल किया है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़