पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, 6 साल पहले ली भारत की नागरिकता और अब ऐसे करता था अपने आकाओं की मदद
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पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, 6 साल पहले ली भारत की नागरिकता और अब ऐसे करता था अपने आकाओं की मदद

राजस्थान पुलिस ने जासूसी के आरोप में एक पाकिस्तानी हिंदू को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपी भागचंद (46) 22 साल की उम्र में पाकिस्तान से भारत आया था और छह साल पहले उसे भारतीय नागरिकता दी गई थी. 

पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, 6 साल पहले ली भारत की नागरिकता और अब ऐसे करता था अपने आकाओं की मदद

Pakistani Hindu Arrested: राजस्थान पुलिस ने जासूसी के आरोप में एक पाकिस्तानी हिंदू को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपी भागचंद (46) 22 साल की उम्र में पाकिस्तान से भारत आया था और छह साल पहले उसे भारतीय नागरिकता दी गई थी. वह संजय कॉलोनी भाटी माइंस, दिल्ली का रहने वाला था.

पाकिस्तान से जुड़े थे तार

आरोपी भागचंद साल 1998 में अपने परिवार के साथ दिल्ली आया था. उसे साल 2016 में भारतीय नागरिकता मिली थी और उसने राजधानी में ही टैक्सी ड्राइवर और मजदूर के रूप में काम करना शुरू किया था. फिलहाल जयपुर की सीआईडी इंटेलीजेंस पुलिस ने उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. 

पाकिस्तानी आकाओं की ऐसे करता था मदद  

बता दें कि भागचंद पिछले तीन-चार साल से पाकिस्तानी हैंडलर अधिकारी के संपर्क में था और उन्हें सोशल मीडिया हैंडल चलाने के लिए भारतीय मोबाइल नंबर और सिम कार्ड मुहैया करा रहा था. उसे पेटीएम के जरिए जासूसी करने के पैसे मिलते थे.

सिम कार्ड को ऐसे भेजता था मुंबई

भागचंद पाकिस्तान में अपने आकाओं को भारतीय नंबर उपलब्ध करवाकर सोशल मीडिया अकाउंट बनाने में उनकी मदद करता था. वह अकाउंट बनाते वक्त इन नंबरों से जारी किया गया ओटीपी को उनसे साझा करता था और फिर सिम कार्ड को कपड़ों और मसालों के पैकेट में छिपाकर पार्सल द्वारा मुंबई भेज देता था. 

ऐसे सामने आया भागचंद का नाम

जांच अधिकारियों ने बताया कि भागचंद का नाम एक अन्य व्यक्ति नारायण लाल गदरी से पूछताछ के दौरान सामने आया, दरअसल नारायण को पिछले दिनों भीलवाड़ा से गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान नारायणलाल ने भागचंद का नाम लेते हुए बताया कि वह पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों को मोबाइल सिम नंबर उपलब्ध करवाता था. उसने बताया कि वह दिल्ली में भागचंद की मदद से कई बार मोबाइल सिम जारी करवाकर इन नंबरों को चालू करवाया. फिर इन नंबर से सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर ओटीपी नंबर पाकिस्तानी हैंडलर्स को बताकर मोटी रकम हासिल की.

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