Manipur Women Violence: मणिपुर हिंसा और कूकी समाज की दो महिलाओं को नग्न परेड कराने के संदर्भ में कांग्रेस के कद्दावर नेता पी चिदंबरम ने टिप्पणी की. उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बात ठीक है कि राजस्थान, पश्चिम बंगाल और बिहार में महिलाओं के खिलाफ हिंसा हुई है लेकिन क्या मणिपुर से तुलना की जा सकती है.
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Manipur Women Violence: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन मणिपुर में नग्न अवस्था में महिला को परेड कराने का मामला सुर्खियों में रहा. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मन में पीड़ा और क्रोध दोनों है. कोई भी सभ्य समाज इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं कर सकता. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामला चाहे राजस्थान का हो, छत्तीसगढ़ का हो, झारखंड का हो या मणिपुर का हमें इन घटनाओं पर लगाम लगाना ही होगा. मणिपुर के गुनहगार बख्शे नहीं जाएंगे. इन सबके बीच कांग्रेस ने कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ की बात कर पीएम क्या कहना चाह रहे हैं. अब कांग्रेस के कद्दावर नेता पी चिदंबरम ने कहा अगर यह मान भी लिया जाए कि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा हुई है तो भी मणिपुर से इन राज्यों की तुलना नहीं की जा सकती.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने साधा था निशाना
पी चिदंबरम की यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के उस बयान के बाद जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों में भी महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध हुए हैं. ये बात अलग है कि कांग्रेस के नेता मणिपुर के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा था कि पिछले चार वर्ष में राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में इजाफा हुआ. करीब एक लाख केस दर्ज हुए. करीब 33 हजार मामले महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न से संबंधित हैं.
Let's admit that there were incidents of violence against women in Bihar, West Bengal and Rajasthan
How does that excuse the continuing and relentless violence in Manipur?
Are there any Kukis left in the valley? Are there any Meiteis left in Churachandpur and other hill…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 23, 2023
चिदंबरम ने कही खास बात
कांग्रेस के कद्दावर नेता पी चिदंबरम ने कहा कि आखिर मणिपुर में बने हालात की तुलना बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान से कैसे हो सकती है. आइए स्वीकार करते हैं कि इन राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा हुई है लेकिन इसकी तुलना मणिपुर से कैसे कर सकते हैं. क्या घाटी के इलाकों में कूकी बचे हैं. क्या मेइती समाज का कोई भी शख्स इस समय चूराचांदपुर में है.उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट सही हैं तो मणिपुर में नृजातीय सफाई अभियान पूरा हो चुका है.