पिता नवाब के चुनाव लड़ने पर कट्टर विरोध, बेटी सना मलिक पर क्यों मेहरबान है बीजेपी?
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पिता नवाब के चुनाव लड़ने पर कट्टर विरोध, बेटी सना मलिक पर क्यों मेहरबान है बीजेपी?

BJP Not To Campaign For Nawab Malik: अभी तक महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर महायुति के घटक दलों के बीच सबकुछ ठीक था, लेकिन चुनाव नामांकन के आखिरी दिन अजित पवार ने नवाब मलिक को टिकट देकर  राज्य की सियासत में नया बखेड़ा शुरू हो गया है. बीजेपी ने तो ऐलान कर दिया है कि नवाब मलिक के लिए विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं करेगी, लेकिन उनकी बेटी की उम्मीदवारी पर उसे कोई आपत्ति नहीं है. जानें पूरा मामला.

पिता नवाब के चुनाव लड़ने पर कट्टर विरोध, बेटी सना मलिक पर क्यों मेहरबान है बीजेपी?

Maharashtra Chunav: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्पष्ट किया है कि भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों के कारण वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उम्मीदवार नवाब मलिक के लिए विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं करेगी, लेकिन उनकी बेटी की उम्मीदवारी पर उसे कोई आपत्ति नहीं है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उम्मीदवार के रूप में मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया. पार्टी ने उनकी छोटी बेटी सना मलिक को भी अणुशक्ति नगर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया है. सना मलिक का यह पहला विधानसभा चुनाव है.

नवाब मलिक का प्रचार नहीं करेगी बीजेपी
अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने नामांकन की समय सीमा समाप्त होने से कुछ मिनट पहले नवाब मलिक को नामांकन फॉर्म दिया था. राकांपा 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के हिस्से के रूप में मैदान में है. महायुति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी शामिल हैं. भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने मंगलवार शाम को एक वीडियो संदेश जारी कर पार्टी के रुख को स्पष्ट कर दिया कि वह नवाब मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी.

मलिक पर दाऊद की हेल्प करने का आरोप
मलिक को 2022 में पहली बार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और टाइगर मेमन सहित उसके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था. मलिक को इस साल जुलाई में चिकित्सा आधार पर जमानत दी गई थी. पिछले साल जुलाई में राकांपा के विभाजन के बाद अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने भाजपा की आपत्तियों के बावजूद विधायक को अपने पाले में ले लिया. अपने वीडियो संदेश में शेलार ने कहा, ‘‘भाजपा शुरू से ही इस रुख पर स्पष्ट रही है.

नवाब को टिकट देने पर मचा घमासान
सभी महायुति घटकों को अपने-अपने उम्मीदवार तय करने की अनुमति दी गई थी. चिंता केवल राकांपा द्वारा नवाब मलिक के नामांकन को लेकर थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों ने इस संबंध में भाजपा का रुख बार-बार स्पष्ट किया है. मैं एक बार फिर कह रहा हूं, कि भाजपा नवाब मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी. दाउद और उससे जुड़े सभी लोगों और उसके मामले के बारे में हमारी राय बिल्कुल स्पष्ट है.’’

अणुशक्ति नगर सीट से नवाब की लड़ रही बेटी
अणुशक्ति नगर सीट से सना मलिक की उम्मीदवारी के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा, ‘‘जब तक इस संबंध में कोई सबूत या जानकारी सामने नहीं आती, भाजपा महायुति के उम्मीदवार को अपना मानेगी और इस बारे में कोई सवाल नहीं होगा.’’ कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने हालांकि भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि उसका रुख पार्टी के पाखंड और दोहरे मानदंड दिखाता है. राकांपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने भाजपा की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘नवाब मलिक लंबे समय से हमारे नेता रहे हैं. उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का उम्मीदवार बनाकर कुछ भी नया नहीं हुआ है. राजग के सभी घटक इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और हमारे गठबंधन को सत्ता में वापस लाने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करेंगे. इनपुट भाषा से

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