One nation One Election Report: सूत्रों ने कहा कि सरकार समिति के जरिए विभिन्न राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी सलाह लेना चाहती है. सरकार ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' योजना पर आगे बढ़ते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव सिलसिलेवार तरीके से एक साथ कराने के लिए हाई लेवल कमेटी की सिफारिशों को सितंबर में मंजूर कर लिया था.
Trending Photos
Kovind Panel Report: मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को 'एक देश, एक चुनाव' को लागू करने संबंधी बिलों को मंजूरी दे दी और मसौदा कानून मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की संभावना है. प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला किया गया. सरकार बिलों पर बड़े स्तर पर विचार-विमर्श करना चाहती है, जिन्हें संसदीय समिति को भेजे जाने की संभावना है.
सूत्रों ने कहा कि सरकार समिति के जरिए विभिन्न राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी सलाह लेना चाहती है. सरकार ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' योजना पर आगे बढ़ते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव सिलसिलेवार तरीके से एक साथ कराने के लिए हाई लेवल कमेटी की सिफारिशों को सितंबर में मंजूर कर लिया था.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल ने सिफारिशें की हैं जो हैं:
1. समिति इस नतीजे पर पहुंची कि हर साल बार-बार चुनाव कराने से अर्थव्यवस्था, राजनीति और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इस बोझ को कम करने के लिए इसने एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की.
2. पहले फेज में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए चुनाव की तारीखों को एक साथ रखा जाएगा. इसके बाद नगर निगम और पंचायत चुनाव भी इनके साथ ही कराए जाएंगे, जो 100 दिनों के भीतर होंगे.
3. आम चुनाव के बाद, राष्ट्रपति एक अधिसूचना जारी कर सकते हैं, जिसमें लोक सभा के आहूत होने की तारीख को 'नियत तिथि' घोषित किया जाएगा, जिससे लगातार कॉर्डिनेशन हो सके.
4. नई गठित राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले आम चुनावों के साथ छोटा कर दिया जाएगा.
5. कमेटी ने इन सुधारों के सफल एग्जीक्यूशन की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए एक इम्पलिमेंटेशन ग्रुप की स्थापना की सिफारिश की.
6. कमेटी ने पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324ए को लागू करने का सुझाव दिया है और सभी चुनावों के लिए यूनिफाइड वोटर रोल और फोटो आईडी बनाने के लिए अनुच्छेद 325 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है.
7. सदन में अविश्वास प्रस्ताव आने या बहुमत न होने की स्थिति में नए चुनाव कराए जायेंगे, लेकिन नव निर्वाचित सदन का कार्यकाल अगले आम चुनाव तक ही बढ़ाया जाएगा.
8. कमेटी ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव या त्रिशंकु सदन की स्थिति में नए चुनाव की वकालत की. नव निर्वाचित लोकसभा पिछली लोकसभा के शेष कार्यकाल को पूरा करेगी, जबकि राज्य विधानसभाएं लोकसभा के कार्यकाल खत्म होने तक चलती रहेंगी, जब तक कि उन्हें पहले भंग न कर दिया जाए.
9. समिति ने चुनाव आयोग को सलाह दी कि वह अच्छे से चुनाव कराने के लिए ईवीएम और वीवीपैट जैसे जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए एक्टिव प्लान बनाए.
10. कमेटी ने सभी चुनावों के लिए यूनिफाइड वोटर लिस्ट और आईडी कार्ड सिस्टम का प्रस्ताव रखा है, जिसके लिए संविधान संशोधन की जरूरत होगी और राज्यों को समर्थन करना होगा.