One Nation One Election: 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की तैयारी तेज, इसी सत्र में सरकार पेश कर सकती है बिल
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One Nation One Election: 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की तैयारी तेज, इसी सत्र में सरकार पेश कर सकती है बिल

One Nation One Election: सरकार ‘एक देश, एक चुनाव’ योजना को लागू करने के लिए जल्द ही संसद में एक या एक से अधिक विधेयक लाने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार चाहती है कि इन विधेयकों पर संसद में व्यापक चर्चा हो और इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को विचार के लिए भेजा जाए.

One Nation One Election: 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की तैयारी तेज, इसी सत्र में सरकार पेश कर सकती है बिल

One Nation One Election: सरकार ‘एक देश, एक चुनाव’ योजना को लागू करने के लिए जल्द ही संसद में एक या एक से अधिक विधेयक लाने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार चाहती है कि इन विधेयकों पर संसद में व्यापक चर्चा हो और इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को विचार के लिए भेजा जाए. फिलहाल, इन प्रस्तावित कानूनों को मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है, लेकिन संभावना है कि इसे मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है.

संसद के साथ राज्य विधानसभाओं से भी सलाह लेने की योजना

सूत्रों ने जानकारी दी है कि सरकार विधेयकों पर चर्चा के लिए न केवल संसद में बल्कि राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी सलाह-मशविरा करना चाहती है. यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ योजना का प्रभाव देश के संघीय ढांचे के अनुसार हो.

संविधान में बदलाव के लिए विधेयकों की तैयारी

सितंबर में सरकार ने ‘एक साथ चुनाव’ कराने के लिए तीन विधेयक लाने की संभावना व्यक्त की थी. इनमें से दो संविधान संशोधन विधेयक होंगे. इनमें पहला विधेयक अनुच्छेद 82ए में संशोधन का प्रस्ताव करेगा, जिसमें लोकसभा की अवधि और विघटन से जुड़े नए उपखंड शामिल किए जाएंगे. यह विधेयक केवल संसद की मंजूरी से लागू किया जा सकेगा और राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं होगी. दूसरे संविधान संशोधन विधेयक में राज्यों के मामलों से संबंधित मुद्दों को शामिल किया जाएगा. इस विधेयक के लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं की मंजूरी आवश्यक होगी.

उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को अपनाने की तैयारी

सरकार ने सितंबर में उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था. इन सिफारिशों के तहत लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव चरणबद्ध तरीके से एक साथ कराने का प्रस्ताव है. इस योजना का उद्देश्य प्रशासनिक व्यय को कम करना और चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाना है.

संविधान में कौन-कौन से बदलाव किए जाएंगे?

सरकार जिन बदलावों पर विचार कर रही है, उनमें अनुच्छेद 83(2) में संशोधन शामिल है. यह लोकसभा की अवधि को स्पष्ट करेगा और इस बात पर जोर देगा कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक ही समय में हों. इसके अलावा, राज्यों से जुड़े विधेयकों में स्थानीय मुद्दों और विधानसभाओं के कार्यकाल को एकरूप बनाने के प्रावधान होंगे.

चुनाव सुधार की दिशा में बड़ा कदम

‘एक देश, एक चुनाव’ योजना भारत के चुनावी तंत्र में बड़ा सुधार माना जा रहा है. हालांकि, इसके क्रियान्वयन में संवैधानिक चुनौतियां और राज्यों की सहमति जुटाने जैसे मुद्दे अहम होंगे. सरकार इस विषय पर सभी पक्षों के विचारों को शामिल करने का प्रयास कर रही है.

संविधान संशोधन से जुड़े आंकड़े और उम्मीदें

इस योजना को लागू करने के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं के बीच तालमेल बिठाना महत्वपूर्ण होगा. इस संदर्भ में सरकार की मंशा है कि संसद और राज्यों के बीच संवाद स्थापित किया जाए ताकि इस पहल को सफल बनाया जा सके. यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए कितनी सहमति जुटा पाती है और यह देश के लोकतांत्रिक तंत्र को कैसे प्रभावित करेगा.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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