Omar Abdullah: स्मृति ईरानी का मदीना पहुंचना उमर अब्दुल्ला को नहीं आया रास, कहा- 'ऐसा कैसे हुआ, सऊदी अरब दे जवाब'
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Omar Abdullah: स्मृति ईरानी का मदीना पहुंचना उमर अब्दुल्ला को नहीं आया रास, कहा- 'ऐसा कैसे हुआ, सऊदी अरब दे जवाब'

Omar Abdullah on Smriti Irani: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का हज व्यवस्था देखने के लिए सऊदी अरब के मदीना में जाना जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को रास नहीं आया है. उन्होंने इस पर सऊदी अरब से सफाई देने को कहा है.

Omar Abdullah: स्मृति ईरानी का मदीना पहुंचना उमर अब्दुल्ला को नहीं आया रास, कहा- 'ऐसा कैसे हुआ, सऊदी अरब दे जवाब'

Omar Abdullah on Smriti Irani and Ram Mandir Pran Pratistha Ceremony: केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के मदीना दौरे को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला भड़क गए हैं. उन्होंने स्मृति के मदीना जाने पर आपत्ति जताते हुए सऊदी से इस पर जवाब मांगा है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सऊदी सरकार को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि ऐसा कैसे हुआ. उन्होंने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर पर भी अपनी बात रखी और कहा कि किसी भी हालत में उन्हें  राम मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जाएगा. स्मृति ईरानी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पवित्र शहर मदीना का दौरा किया, जहां गैर मुसलमानों को अनुमति नहीं है. हालांकि वर्ष 2021 में सऊदी अरब सरकार इसमें छूट दे चुकी है. 

'जहां गैर-मुस्लिमों को जाने की अनुमति नहीं, वहां स्मृति कैसे पहुंचीं'

गैर मुस्लिमों के मदीना मुनव्वरा जाने पर पूछे गए सवाल पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सऊदी सरकार को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि ऐसा कैसे हुआ. जहां पर गैर-मुस्लिमों के जाने की अनुमति नहीं है, वहां पर स्मृति ईरानी कैसे चली गईं. उन्होंने कहा कि इस मामले में सऊदी अरब सरकार को ही सारी चीज क्लियर करनी चाहिए. 

जम्मू-कश्मीर में चुनाव के मुद्दे पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम तैयारी कर रहे थे और उसके बाद ही मैं छुट्टी पर चला गया. मैं बस अभी लौटा. उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, यह हमारा बड़ा दुर्भाग्य है कि यहां लोकतंत्र की हत्या हो रही है, जबकि भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है. यहां परिसीमन के नाम पर पंचायत, बीडीसी और नगर पालिका की हत्या की जाती है. पहले नगर पालिका, फिर पंचायत बीडीसी और अब डीडीसी ख़त्म! 

'चुनाव आयोग को शर्म आनी चाहिए'

नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को शर्म आनी चाहिए और प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट को जम्मू-कश्मीर में चुनाव का आदेश देना पड़ा है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं होंगे और लोकसभा चुनाव मजबूरी है! 

जम्मू कश्मीर में सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, हमें I.N.D.I. गठबंधन में अपनी 6 सीटों पर निर्णय लेने में दस मिनट भी नहीं लगेंगे. जिन राज्यों में सीटें बहुतायत में हैं, वहां सीटों के बंटवारे में तेजी लाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए हमारी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची अभी तैयार नहीं है. हम चाहते हैं कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला लोकसभा के लिए चुने जाएं और अगर वह नहीं माने तो उसके बाद ही उम्मीदवारों की सूची पर चर्चा की जाएगी.

'राजस्थान को बिजली देने का करेंगे विरोध'

जम्मू-कश्मीर की बिजली राजस्थान को बेचने के समझौते पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह 40 साल तक बिजली देने के फैसले का विरोध करेंगे और विधानसभा चुनाव होते ही इस फैसले को पलटने के लिए संघर्ष करेंगे. उन्होंने कहा, पानी हमारा, ज़मीन हमारी, प्रोजेक्ट हमारा और हमारी बिजली राजस्थान को. हम ऐसा नहीं होने देंगे. 

'हमें कोई न्योता नहीं मिलेगा'

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर बोलते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा, राम मंदिर के लिए हमें कोई निमंत्रण नहीं मिलेगा. जिन्हें निमंत्रण मिलना था, उन्हें मिल चुका है.  क्या मेरा नाम उस सूची में है? 26 जनवरी का कार्यक्रम बीजेपी का नहीं बल्कि देश का है और अगर विपक्षी पार्टी शासित राज्यों को इससे बाहर रखा गया है तो इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर किसी भी तरह की राजनीति करने के खिलाफ हैं.

'मालदीव के मंत्रियों की भाषा गलत'

भारत-मालदीव के बीच चल रहे मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, मालदीव के मंत्रियों की भाषा बहुत गलत थी. हमारे प्रधान मंत्री का अपमान करना गलत है लेकिन मालदीव को किसके साथ कैसे संबंध रखना चाहिए यह उनका निर्णय है. हमें इसके लिए उन पर दबाव बनाने का कोई अधिकार नहीं है. 

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