Nitin Gadkari: इस एक्सपेरिमेंट से सड़कों का हो जाएगा कायापलट, लोगों के खिले चेहरे, गडकरी ने भी की तारीफ
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Nitin Gadkari: इस एक्सपेरिमेंट से सड़कों का हो जाएगा कायापलट, लोगों के खिले चेहरे, गडकरी ने भी की तारीफ

Expressway in India: सूरत (गुजरात) के हजीरा में सिक्स लेन का पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद झारखंड में भी इसका इस्तेमाल किया गया है. रांची-जमशेदपुर इंटर कॉरिडोर में 4-लेन रोड को बनाने में स्टील स्लैग का इस्तेमाल हुआ है. इस सड़क में शहरबेड़ा नामक जगह से महुलिया तक 44 किमी की दूरी तक के निर्माण में इसका इस्तेमाल किया गया है.

Nitin Gadkari: इस एक्सपेरिमेंट से सड़कों का हो जाएगा कायापलट, लोगों के खिले चेहरे, गडकरी ने भी की तारीफ

Steel Slag: देश में स्टील उत्पादन के दौरान निकलने वाले कचरे यानी स्लैग का इस्तेमाल अब देश में सड़कों के निर्माण में किया जा रहा है. रांची-जमशेदपुर के बीच हाल में बनकर तैयार हुई इंटर कॉरिडोर फोर लेन सड़क में स्टील इंडस्ट्री से निकले कचरे का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हुआ है. वेस्ट मटीरियल माने जाने वाला स्टील स्लैग स्टील इंडस्ट्री के लिए बहुत दिनों से एक बड़ी मुसीबत बनकर सामने आ रहा था. देश के सड़क-परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस एक्सपेरिमेंट की तारीफ की है.

गडकरी ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला है. उन्होंने कहा है कि रोड निर्माण में स्टील स्लैग के इस्तेमाल से लागत में कमी आती है. सड़क मजबूत बनती है और इसकी थिकनेस भी कम हो जाती है. गडकरी के मुताबिक देश में सड़क निर्माण में अब एग्रीगेट के रूप में स्टील स्लैग का इस्तेमाल किया जा रहा है.

सूरत के बाद झारखंड में हुआ इस्तेमाल

सूरत (गुजरात) के हजीरा में सिक्स लेन का पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद झारखंड में भी इसका इस्तेमाल किया गया है. रांची-जमशेदपुर इंटर कॉरिडोर में 4-लेन रोड को बनाने में स्टील स्लैग का इस्तेमाल हुआ है. इस सड़क में शहरबेड़ा नामक जगह से महुलिया तक 44 किमी की दूरी तक के निर्माण में इसका इस्तेमाल किया गया है.

सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) की मदद से सूरत में स्टील कचरे से बनाई गई पहली सड़क पूरे देश के लिए मिसाल बन गई है. सीएसआईआर के मुताबिक, देश में पारंपरिक सड़कों की तुलना में स्टील की सड़क ज्यादा टिकाऊ और मजबूत पाई गई हैं. यह मॉनसून के सीजन में होने वाले नुकसान से भी बचा सकती है.

बड़े पैमाने पर निकल रहा स्लैग

बता दें कि देश में स्टील के उत्पादन में तेजी के कारण स्लैग भी बड़े पैमाने पर निकल रहा है. 2030 तक हर साल 30 करोड़ टन स्टील बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें हर साल 6 करोड़ टन स्टील स्लैग निकलने का अनुमान है. इसे नई तकनीक से इस स्टील स्लैग का इस्तेमाल सड़क निर्माण में एग्रीगेट के रूप में किया जा रहा है. 23 मार्च को नितिन गडकरी रांची और जमशेदपुर आए थे. उन्होंने रांची में नेशनल हाईवे के रांची एरिया की 9400 करोड़ के 21 रोड प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया था.

(इनपुट-IANS) 

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