NEET-UG 2024 Supreme Court Hearing: नीट-यूजी 2024 में बड़े पैमाने पर धांधली के सबूत नहीं हैं. केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में यह दावा किया. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा. केंद्र ने हलफनामे में IIT-मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है. सरकार ने दोहराया कि वह NEET-UG दोबारा नहीं कराना चाहती. केंद्र के मुताबिक, 'निराधार संदेहों' के आधार पर ऐसा करने से करीब 24 लाख स्टूडेंट्स पर बोझ पड़ेगा. हलफनामे में केंद्र ने जुलाई के तीसरे हफ्ते से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है. काउंसलिंग चार चरणों में होगी. NEET-UG कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने भी अलग हलफनामा दायर किया है. दोनों हलफनामे में स्टूडेंट्स के नजरिये से क्या-क्या अहम बातें हैं, 5 पॉइंट्स में जानिए.
- धांधली नहीं: अपने हलफनामे में, केंद्र सरकार ने कहा कि आईआईटी मद्रास के एक्सपर्ट्स ने NEET-UG 2024 के डेटा का टेक्निकल एनालिसिस किया है. इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी या किसी स्थानीय स्तर पर उम्मीदवारों को फायदा मिलने का कोई संकेत नहीं मिला, जिसके कारण असामान्य अंक आए. डेटा से पता चला कि स्टूडेंट्स को मिले अंकों में ओवरऑल इजाफा हुआ है, खास तौर से 550 से 720 के बीच, और यह इजाफा विभिन्न शहरों और केंद्रों में देखा गया.
- फिर से एग्जाम नहीं: NEET-UG 2024 को दोबारा आयोजित करने के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि वह इसके समर्थन में नहीं है. केंद्र मुताबिक, वह नहीं चाहता कि लगभग 24 लाख अभ्यर्थियों पर 'निराधार संदेह' के आधार पर बोझ डाला जाए.' पहले के हलफनामे में केंद्र ने कहा था कि फिर से परीक्षा कराने पर लाखों ईमानदार उम्मीदवारों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.
- काउंसलिंग का प्लान: केंद्र सरकार ने कहा कि वह जुलाई के तीसरे सप्ताह में काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने का इरादा रखता है. इसे चार चरणों में आयोजित किया जाएगा. सरकार ने कहा कि IIT मद्रास से डेटा एनालिसिस के जरिए अनियमितताओं में शामिल लोगों की जांच करने का अनुरोध किया गया है. अगर उससे या अन्य स्रोतों से सबूतों से पता चलता है कि किसी उम्मीदवार को लाभ हुआ है, तो प्रक्रिया के दौरान या बाद में किसी भी चरण में उनकी काउंसलिंग रद्द कर दी जाएगी.
- भविष्य की योजना: सीबीआई जांच के अलावा, केंद्र ने उठाए गए सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए सात सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल का भी प्रस्ताव दिया है, ताकि भविष्य में परीक्षाओं में इस तरह की कोई लीक या अनियमितता न हो.
- NTA का हलफनामा: एक अलग हलफनामे में, NTA ने कहा कि वास्तविक उम्मीदवारों की कुल संख्या जिनके अंतिम स्कोर में 720 अंक दर्शाए गए थे, केवल 61 थे. एनटीए ने याचिकाकर्ताओं के आरोपों का खंडन किया कि 67 उम्मीदवारों ने पूर्ण अंक प्राप्त किए. NTA ने इस आरोप को 'भ्रामक और गलत' बताया. NTA के मुताबिक, 67 में से छह ने झज्जर वाले सेंटर पर टाइम के लॉस की वजह से दिए गए ग्रेस मार्क्स के मद्देनजर 720 अंक प्राप्त किए. 61 उम्मीदवारों में से, केवल 17 उम्मीदवारों ने अनंतिम उत्तर कुंजी के आधार पर 720/720 अंक प्राप्त किए और 44 ने भौतिकी की एक उत्तर कुंजी में संशोधन के कारण. NTA ने दलील रखी, 'उत्तर कुंजी के संशोधन के बिना वास्तविक उम्मीदवार केवल 17 थे जो पिछले सालों की तुलना में काफी अधिक नहीं है… इन 17 उम्मीदवारों ने 15 शहरों में स्थित 16 केंद्रों में परीक्षा दी थी.'