Captain Brijesh Thapa: गर्व है... देश के काम आया बेटा, 27 साल की उम्र में सर्वोच्च बलिदान, कैप्टन बृजेश थापा के माता-पिता ने और क्या कहा
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Captain Brijesh Thapa: गर्व है... देश के काम आया बेटा, 27 साल की उम्र में सर्वोच्च बलिदान, कैप्टन बृजेश थापा के माता-पिता ने और क्या कहा

Braveheart Captain Brijesh Thapa: जम्मू-कश्मीर के डोडा में घने जंगलों के बीच अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के चार जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का एक जवान वीरगति को प्राप्त हो गया. कैप्टन बृजेश थापा दार्जिलिंग के बड़ा गिंग बाजार के रहने वाले थे. उनकी तीन पीढ़ियां सेना में रह चुकी हैं. बृजेश के पिता भी कर्नल रैंक से रिटायर हुए हैं.

Captain Brijesh Thapa: गर्व है... देश के काम आया बेटा, 27 साल की उम्र में सर्वोच्च बलिदान, कैप्टन बृजेश थापा के माता-पिता ने और क्या कहा

Mother And Father Of Captain Brijesh Thapa: जम्मू-कश्मीर के डोडा में सोमवार रात एक सुरक्षा बलों और आतंकवादियों की मुठभेड़ में कैप्टन बृजेश थापा समेत सेना के चार जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. कैप्टन बृजेश थापा के पिता कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) ने मंगलवार को अपने बहादुर बेटे को याद किया और कहा कि उन्हें "गर्व" है कि उनके बेटे ने देश के लिए और देश की सुरक्षा के लिए कुछ किया है. कैप्टन बृजेश थापा की तीन पीढ़ियां सेना में रह चुकी हैं. 

वह मेरी आर्मी ड्रेस पहनता था और घूमता था - पिता कर्नल भुवनेश थापा (रिटा.)

कर्नल भुवनेश थापा (रिटायर्ड) ने कहा कि सरकार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा, "जब मुझे बताया गया कि बृजेश थापा नहीं रहे तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ. वह बचपन से ही भारतीय सेना में जाना चाहता था. वह मेरी आर्मी ड्रेस पहनता था और घूमता था. इंजीनियरिंग करने के बाद भी वह सेना में जाना चाहता था. उसने एक ही बार में परीक्षा पास कर ली और सेना में भर्ती हो गया. मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने देश के लिए और देश की सुरक्षा के लिए कुछ किया. मैं उससे दोबारा नहीं मिल पाऊंगा, लेकिन मुझे खुशी है कि उसने अपने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया."

मां नीलिमा थापा ने कहा- अपने बेटे पर गर्व है, सरकार कार्रवाई करेगी

कैप्टन थापा की मां नीलिमा थापा ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है, जिसने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. उन्होंने कहा, "वह हमारे पास वापस नहीं आएगा. रात 11 बजे हमें खबर मिली. वह बहुत अच्छा लड़का था. वह हमेशा सेना में शामिल होना चाहता था. हम उन्हें बताते थे कि सेना में जीवन कठिन है. मुझे बहुत गर्व है मेरे बेटे ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. सरकार कार्रवाई करेगी. दुर्भाग्य से, हमने अपना बेटा खो दिया."

चाचा ने कहा, परिवार के नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है

कैप्टन बृजेश थापा के चाचा योगेश थापा ने केंद्र सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया. योगेश थापा ने कहा कि उन्हें जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती. योगेश थापा ने कहा कि कैप्टन बृजेश थापा कल रात बलिदान हो गए. उनका शव बुधवार तक सौंप दिया जाएगा. उन्होंने कहा, "यह कहना आसान है कि उन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया, लेकिन एक परिवार के रूप में हमें जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती."

दार्जिलिंग में रहते हैं कैप्टन बृजेश थापा के माता-पिता

योगेश थापा ने कहा, "वह मेरे भाई का बेटा था. वह कल रात डोडा में कार्रवाई में मारा गया था. हम उसके शव के आने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद हम दार्जिलिंग जाएंगे. उसके माता-पिता दार्जिलिंग में रहते हैं. वह 5 साल पहले सेवा में शामिल हुआ था. उनका जन्म और पालन-पोषण सेना क्षेत्र में ही हुआ. वह अविवाहित था. उसके पिता सेना में कर्नल हैं. हमें उम्मीद है कि उनका शव कल तक सौंप दिया जाएगा."

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सोमवार शाम को देसा वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और आतंकियों की मुठभेड़

सोमवार शाम को देसा वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. कार्रवाई के दौरान बलिदान हुए सैनिकों की पहचान कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के रूप में हुई. सोमवार रात को विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर डोडा में भारतीय सेना और जेके पुलिस का संयुक्त अभियान चल रहा था. इसी दौरान आतंकियों की ओर से गोलीबारी शुरू हो गई.

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सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी जानकारी

व्हाइट नाइट कॉर्प्स के मुताबिक, रात करीब 9 बजे आतंकियों से सामना हुआ, जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई. गोलीबारी में एक अधिकारी समेत सेना के 4 जवान शहीद हो गए. इस बीच, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने भी मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और उन्हें डोडा में हुई मुठभेड़ के बारे में जानकारी दी. बीते दो महीने में जम्मू कश्मीर में नौ बार आतंकी वारदात को अंजाम दिया जा चुका है.

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