इस मुगल शहजादे की कब्र ढूंढ रही है मोदी सरकार, 350 साल पहले छोटे भाई ने करवा दिया था कत्ल
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इस मुगल शहजादे की कब्र ढूंढ रही है मोदी सरकार, 350 साल पहले छोटे भाई ने करवा दिया था कत्ल

Mughal Empire: दारा शिकोह शाहजहां का बड़ा बेटा था. मुग़ल परंपरा के अनुसार, उसे ही अपने पिता के बाद सिंहासन पर बैठना था लेकिन ऐसा हो नहीं सका. सत्ता के लिए हुए संघर्ष में उसे अपने छोटे भाई औरंगजेब के हाथों हार का सामना करना पड़ा.

इस मुगल शहजादे की कब्र ढूंढ रही है मोदी सरकार, 350 साल पहले छोटे भाई ने करवा दिया था कत्ल

Mughal History: शाहजहां का बड़ा बेटा और शहजादा दारा शिकोह सत्ता संघर्ष में अपने छोटे भाई औरंगजेब द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया था. अब उसकी मृत्यु के करीब 350 साल बाद मोदी सरकार उसकी कब्र ढूंढने में लगी है. इसके लिए पुरातत्वविदों की एक कमेटी भी बनाई गई है. लेकिन सवाल यह है कि मुगल शासकों पर तरह-तरह के सवाल खड़े करने वाली बीजेपी दारा शिकोह में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रही है.

दरअसल शहजादा दाराशिकोह को धार्मिक दृष्टि से बेहद उदार माना जाता है. बताया जाता है कि वह हिंदु धर्म से काफी प्रभावित था.  उन्होंने बनारस के पंडितों की मदद से हिंदू धर्म के उपनिषदों का फारसी में अनुवाद करवाया था. बताया जाता है कि यह अनुवाद यूरोप तक पहुंचा और वहां इसका लैटिन भाषा में अनुवाद हुआ जिसके बाद पूरी दुनिया ने उपनिषदों को जाना.

अध्यात्म में थी गहरी रूचि
सिर्फ हिंदू धर्म ही नहीं दारा शिकोह अन्य धर्मों जैसे कि जैन, बौद्ध, मुस्लिम सूफियों और इसाइयों से भी वह गहन धार्मिक चर्चा करता था. दर्शन, सूफीवाद, अध्यात्मवाद में वह गहरी रूचि रखता था.

बहुत से इतिहासकार विशेषतौर पर हिंदुत्ववादी इतिहासकारों और बुद्धिजीवियों का यह मानना है कि अगर औरंगजेब की जगह दारा शिकोह हिंदुस्तान का शंहशाह बनता तो भारत का इतिहास कुछ और ही होता.  

मुगल सिंहासन के लिए संघर्ष
दारा शिकोह शाहजहां का बड़ा बेटा था. मुग़ल परंपरा के अनुसार, उसे ही अपने पिता के बाद सिंहासन पर बैठना था लेकिन ऐसा हो नहीं सका. सत्ता के लिए हुए संघर्ष में उसे अपने छोटे भाई औरंगजेब के हाथों हार का सामना करना पड़ा. दारा को जेल में डाल दिया गया और बाद में औरंगजेब के आदेश पर उसका कत्ल कर दिया गया.

कहां हो सकती है दारा शिकोह की कब्र
ज्यादातर जानकारों का मानना है कि दारा शिकोह के धड़ को दिल्ली स्थित हुमायूं के मकबरे में दफनाया गया था. वहीं दारा का सिर काट कर उसे आगरा में शाहजहां के सामने पेश किया गया था. ऐसा माना जाता है कि दारा का सिर ताजमहल के प्रांगण दफ्न करवा दिया गया था.

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