नाबालिग को मर्जी के बिना सरकारी शेल्‍टर होम में नहीं रखा जा सकता, गैंगस्‍टर एक्‍ट लगाने पर भी HC ने दिया फैसला
Advertisement
trendingNow12000628

नाबालिग को मर्जी के बिना सरकारी शेल्‍टर होम में नहीं रखा जा सकता, गैंगस्‍टर एक्‍ट लगाने पर भी HC ने दिया फैसला

Allahabad High Court: अदालत ने जालौन के एक निवासी की याचिका पर यह आदेश दिया. याची के खिलाफ जालौन के उरई थाने में अपहरण, रेप और पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. 

नाबालिग को मर्जी के बिना सरकारी शेल्‍टर होम में नहीं रखा जा सकता, गैंगस्‍टर एक्‍ट लगाने पर भी HC ने दिया फैसला

UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि नाबालिग को भी उसकी मर्जी के बिना राजकीय संरक्षण गृह में नहीं रखा जा सकता. कोर्ट ने राजकीय संरक्षण गृह में रखी गई पीड़िता को पति के साथ जाने की दे दी और ही पति के खिलाफ दर्ज रेप और अपहरण के मुकदमें को भी रद्द कर दिए.

अदालत ने जालौन के एक निवासी की याचिका पर यह आदेश दिया. याची के खिलाफ जालौन के उरई थाने में अपहरण, रेप और पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. याची ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर कर मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी.

हाईकोर्ट में पेश याची अधिवक्ता ने कहा कि पीड़िता की मां ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जबकि सच्चाई यह है कि पीड़िता से याची के प्रेम संबंध थे, दोनों ने अपनी मर्जी से शादी भी कर ली है,

मेडिकल में पीड़िता की उम्र 16 वर्ष बताने पर उसे राजकीय संरक्षण गृह भेज दिया क्योंकि पीड़ित की मां ने उसकी कस्टडी लेने से इनकार कर दिया. जबकि याची को जेल भेज दिया गया, बाद में जमानत हो गई,

हाईकोर्ट ने मामले में याची को सुनने के बाद मुकदमा रद्द कर पीड़िता को पति के साथ जाने की अनुमति दे दी।

गैंगेस्टर एक्ट लगाने पर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
गैंगेस्टर एक्ट लगाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए कहा है कि समाज विरोधी गतिविधियों को रेखांकित किए बगैर किसी को गैंगेस्टर एक्ट के तहत दंडित नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना जीवन और उसके स्वतंत्रता का हनन होगा.

असीम उर्फ हाशिम की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की.  याची के खिलाफ मुरादाबाद के मुंडापांडे थाने में गैंगस्टर के तहत मामला दर्ज किया गया था. 31 अक्तूबर 2023 को याची समेत पांच के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज किया था. आरोप है कि यह लोग आर्थिक लाभ के लिए गोवंश का धंधा करते थे.

हाईकोर्ट ने मामले में याची की अर्जी को स्वीकारते हुए एफआईआर को रद्द कर दिया. जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस अरुण कुमार देशवाल की डिविजन बेंच ने दिया आदेश.

Trending news