Jalore Incident: राजस्थान के जालौर में हुई दलित छात्र की संदिग्ध मौत पर कांग्रेसी नेताओं में रार ठनी हुई है. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बाद अब एक मौजूदा मंत्री ने इस घटना पर सीएम गहलोत को बड़ी चेतावनी दे दी है.
Trending Photos
Jalore Dalit student incident: राजस्थान के जालौर में दलित छात्र की संदिग्ध मौत के बाद अब कांग्रेस के नेता ही अपनी सरकार को घेरने में लगे हैं. प्रदेश के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिला तो वे अपना समर्थन वापस लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे, चाहे इसके लिए उनकी सदस्यता ही क्यों न चली जाए. इसके साथ ही मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी अपराध को किसी समाज विशेष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
BSP के टिकट पर चुनाव जीते थे राजेंद्र गुढ़ा
बताते चलें कि राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) समेत 6 नेता BSP के टिकट पर वर्ष 2018 में राजस्थान की अलग-अलग सीटों से चुनाव जीते थे. उसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे. अब वे तकनीकी रूप से कांग्रेस नेता और मंत्री बन चुके हैं.
गुढ़ा ने बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘सच्चाई यह है कि अगर सरकार (दलित छात्र मौत मामले में) कोई कार्रवाई नहीं करेगी और उस दलित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा तो हम और हमारे सभी साथी इस सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे. चाहे इसके लिए हमें हमारी सदस्यता क्यों ना खोनी पड़े.’
13 अगस्त को हो गई दलित छात्र की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक जालौर (Jalore Incident) में 9 साल के बच्चे इंद्र कुमार की 13 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. परिवार ने आरोप लगाया था कि बच्चे ने 20 जुलाई को स्कूल में घड़े को छू लिया था. जिसके बाद कथित रूप से एक शिक्षक ने बच्चे को बुरी तरह पीटा था. इस मामले में आरोपी शिक्षक छैल सिंह (40) को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मीडिया छानबीन में दूसरी कहानी सामने आई
वहीं कई मीडिया रिपोर्ट में दूसरी कहानी निकलकर सामने आ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक जिस स्कूल में यह घटना हुई, वहां पर 20 जुलाई को इंद्र कुमार का अपने एक सहपाठी के साथ झगड़ा हुआ था. जिसके बाद टीचर छैल सिंह ने दोनों छात्रों को एक-एक तमाचा रसीद कर दिया था. इसके अगले दिन इंद्र कुमार स्कूल नहीं आया. उसे कान से जुड़ी एक बीमारी पहले से थी. तमाचे से उसे कान में खून आ गया, जिसका परिवार वालों ने अस्पताल में इलाज करवाया. हालांकि बीमारी बढ़ जाने की वजह से बच्चे को बचाया नहीं जा सका और 20 दिन बाद उसकी मौत हो गई.
(एजेंसी इनपुट भाषा)
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर