Article 370 Faisla: ये मंजिल नहीं हमारी... सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्कुराते हुए महबूबा मुफ्ती का आया वीडियो
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Article 370 Faisla: ये मंजिल नहीं हमारी... सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्कुराते हुए महबूबा मुफ्ती का आया वीडियो

Article 370 Faisla: आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही कश्मीर के तमाम नेताओं ने निराशा जाहिर करते हुए प्रतिक्रियाएं दी हैं, महबूबा मुफ्ती ने वीडियो जारी करते हुए अपने समर्थकों से कहा कि हिम्मत नहीं हारनी है क्योंकि यह हमारी मंजिल नहीं है. 

Article 370 Faisla: ये मंजिल नहीं हमारी... सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्कुराते हुए महबूबा मुफ्ती का आया वीडियो

मेरे प्यारे हमवतनो! हिम्मत मत हारो, उम्मीद मत छोड़ो, जम्मू-कश्मीर ने बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं. सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला मुश्किल ही सही पर एक पड़ाव है. ये मंजिल नहीं हमारी, इसको मंजिल समझने की गलती मत करो... आर्टिकल 370 को निरस्त करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने उचित ठहराया तो PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मुस्कुराते हुए यह वीडियो संदेश जारी किया. उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़कर इस शिकस्त को स्वीकार करें... यह हमारी हार नहीं यह आइडिया ऑफ इंडिया की हार है. 

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(सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर आज जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी थी)

महबूबा ने आगे कहा कि जिस आइडिया ऑफ इंडिया के साथ, जिस गांधी के हिंदुस्तान के साथ, जिस गंगा-जमुनी तहजीब के साथ, जम्मू कश्मीर के मुसलमानों ने पाकिस्तान को दरकिनार कर यहां के सिखों, बौद्धों, ईसाइयों और हिंदू भाइयों के साथ गांधी के मुल्क के साथ हाथ मिलाया था. आज ये उस आइडिया ऑफ इंडिया की हार है. पूरा वीडियो संदेश सुनिए. 

उधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था क्योंकि हमें न्याय की उम्मीद थी...हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं...हमारी कोशिशें यहीं ख़त्म नहीं होंगी। हम फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे? हम कानूनी राय लेने के बाद इस पर फैसला करेंगे।'

पीडीपी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किए जाने का दावा किया था। पार्टी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘उच्चतम न्यायालय का फैसला सुनाए जाने से पहले ही पुलिस ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के घर के दरवाजे सील कर दिए और उन्हें अवैध तरीके से नजरबंद कर दिया है।’ हालांकि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने साफ कहा कि किसी को नजरबंद या गिरफ्तार किए जाने का आरोप पूरी तरह निराधार है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने पत्रकारों को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के गुपकर स्थित आवास के पास इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी थी।

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