Mamata Banerjee News: INDIA गठबंधन की स्थापना को 511 दिन हो चुके हैं. इसका मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विजय रथ को रोकना था. लेकिन लोकसभा चुनावों में असफल रहने के बाद गठबंधन में एकता की कमी स्पष्ट रूप से दिख रही है.
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Mamata Banerjee News: INDIA गठबंधन की स्थापना को 511 दिन हो चुके हैं. इसका मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विजय रथ को रोकना था. लेकिन लोकसभा चुनावों में असफल रहने के बाद गठबंधन में एकता की कमी स्पष्ट रूप से दिख रही है. अब ममता बनर्जी ने गठबंधन की कमान संभालने की इच्छा जताई है. कई दलों ने उनके इस दावे का समर्थन किया है, लेकिन कांग्रेस की प्रतिक्रिया अभी स्पष्ट नहीं हुई है.
हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों का असर
हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों में हार के बाद कांग्रेस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इन नतीजों ने राहुल गांधी के नेतृत्व को कमजोर दिखाया है. इस मौके का फायदा उठाते हुए ममता बनर्जी ने गठबंधन को नेतृत्व देने की अपनी मंशा जाहिर की है. कई दल, जैसे राजद और शिवसेना (शिंदे), उनके इस दावे पर सहमति जता रहे हैं.
TMC का दावा: ममता का प्रदर्शन राहुल से बेहतर
तृणमूल कांग्रेस ने राहुल गांधी की तुलना ममता बनर्जी के प्रदर्शन से करते हुए कहा है कि ममता का स्ट्राइक रेट राहुल से 7 गुना बेहतर है. टीएमसी का कहना है कि अगर नेतृत्व ममता को दिया जाए, तो गठबंधन मजबूत हो सकता है.
सपा और अन्य दलों की नाराजगी
समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने भी राहुल गांधी को विपक्ष का नेता मानने से इनकार कर दिया है. सपा और कांग्रेस के बीच पहले से ही महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश चुनावों में तालमेल की कमी दिखी है. वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कांग्रेस पर सहयोगी दलों की उपेक्षा का आरोप लगाया है.
INDIA गठबंधन में एकजुटता की कमी
INDIA गठबंधन शुरू से ही एकजुटता की कमी से जूझ रहा है. पिछले एक साल में कोई बड़ी बैठक नहीं हुई. ममता बनर्जी पहले ही बंगाल में गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ चुकी हैं. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस से अलग होकर मैदान में उतर सकती है.
राहुल गांधी के लिए चुनौती
ममता बनर्जी के नेतृत्व दावे ने राहुल गांधी के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है. अगर गठबंधन के कई दल ममता को समर्थन देते हैं, तो राहुल गांधी को अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
आगे की राह
INDIA गठबंधन के भविष्य पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. ममता बनर्जी का नेतृत्व दावे और कांग्रेस की स्थिति पर सभी की नजरें टिकी हैं. क्या राहुल गांधी गठबंधन को एकजुट रख पाएंगे, या ममता बनर्जी नए नेतृत्व की दिशा में कदम बढ़ाएंगी? इस पर आने वाले दिनों में तस्वीर साफ होगी.