महाराष्ट्र में चाचा-भतीजा ही नहीं, पति-पत्नी में भी जंग; इस फाइट में कौन मारेगा बाजी
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महाराष्ट्र में चाचा-भतीजा ही नहीं, पति-पत्नी में भी जंग; इस फाइट में कौन मारेगा बाजी

Maharashtra Chuanv 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की लड़ाई बड़ी दिलचस्प है. ये समझ पाना मुश्किल है कि ये पार्टी के लिए जंग है या फिर रिश्तेदारों से फाइट है. इस बार चुनाव में चाचा-भतीजा, भाई-भाई ही नहीं पति और पत्नी के बीच भी जंग है.

महाराष्ट्र में चाचा-भतीजा ही नहीं, पति-पत्नी में भी जंग; इस फाइट में कौन मारेगा बाजी

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: चाहे कोई भी चुनाव हो, वंशवाद सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. चाहे कोई भी चुनाव हो, वंशवाद के बूते सियासदान अपनी राजनीति चमकाने से नहीं चूकते. ये भी वही सियासी लोग हैं, जो वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का विरोधियों पर आरोप मढ़ते रहे हैं. लेकिन, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की लड़ाई बेहद रोचक बन गई है, क्योंकि इस बार के चुनाव में चाचा-भतीजा और भाई-भाई के साथ ही पति और पत्नी के बीच भी जंग है.

महाराष्ट्र में वंशवाद का जोर: रिश्तेदार vs रिश्तेदार

कुछ सीटों पर भाइयों, रिश्तेदारों और पिता-बच्चों के बीच मुकाबला है. लेकिन, एक निर्वाचन क्षेत्र ऐसा भी है, जहां पति और पत्नी के बीच फाइट है. अब सवाल है कि इस जंग में कौन बाजी मारेगा? एक सीट ऐसी भी है, जहां चाचा और भतीजा एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. तो चलिए आपको कुछ हाई प्रोफाइल सीटों के बारे में बताते हैं.

कन्नड़ सीट पर पति-पत्नी के बीच जंग

छत्रपति संभाजीनगर के कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार हर्षवर्धन जाधव अपनी अलग रह रही पत्नी और शिवसेना उम्मीदवार संजना जाधव के खिलाफ मैदान में हैं. संजना बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे की बेटी हैं. संजना अपने पति से अलग रह रही हैं, लेकिन अभी दोनों का तलाक नहीं हुआ है. चुनाव प्रचार के दौरान संजना जाधव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो रोती नजर आई थीं. उस दौरान उन्होंने कहा था, 'मैंने जो कुछ सहा, उसका मुझे कोई इनाम नहीं मिला, लेकिन आप जानते हैं कि मेरी जगह किसने ली. मेरे पिता पर तमाम तरह के आरोप लगाए गए, हमने सह लिया, क्योंकि एक लड़की के पिता को इसे सहना पड़ता है.'

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बारामती में चाचा vs भजीता की लड़ाई

बारामती सीट से शरद पवार की एनसीपी से युगेंद्र पवार अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. अजित पवार सात बार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं और एक बार बारामती संसदीय सीट पर भी जीत हासिल की है. ये दूसरी बार है, जब पवार खानदान के गढ़ बारामती में परिवार के बीच ही मुकाबला है. इससे पहले लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और उनकी ननद सुप्रिया सुले के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला. तब सुप्रीया सुले ने बारामती सीट से जीत दर्ज की थी.

विलासराव देशमुख के घर में भी परिवारवाद

यानी महाराष्ट्र चुनाव में पार्टी की लड़ाई के साथ रिश्तेदारों की भी लड़ाई है. महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के घर में भी परिवारवाद का बेहतरीन नमूना देखने को मिल रहा है. विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख लातूर शहर से मैदान में हैं तो विलासराव के दूसरे बेटे धीरज देशमुख लातूर ग्रामीण से ताल ठोक रहे हैं. नारायाण राणे के बेटे नितेश राणे शिवसेना के टिकट पर मैदान में हैं तो दूसरे बेटे निलेश राणे बीजेपी के टिकट पर मुकाबले में हैं.

परिवारवाद से दूर नहीं ठाकरे परिवार

ठाकरे परिवार के रिश्तेदार भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से दूर नहीं हैं. मुंबई में ठाकरे परिवार के सदस्य अलग-अलग सीटों से चुनावी मुकाबले में हैं. आदित्य ठाकरे वर्ली से मैदान में हैं तो उनकी मौसी के बेटे वरुण सरदेसाई पार्टी की टिकट पर बांद्रा से चुनाव लड़ रहे हैं. तो आदित्य के चचेरे भाई और राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे एमएनएस के टिकट पर माहिम सीट से मैदान में हैं.

महाराष्ट्र में कैसे फलफूल रहा वंशवाद

महाराष्ट्र चुनाव में वंशवाद कैसे फलफूल रहा है और आगे बढ़ रहा है उसक फेहरिस्त काफी लंबी है. 2024 का महाराष्ट्र चुनाव परिवारवाद की रोचक लड़ाई का अखाड़ा बना हुआ है. चुनावी जंग में कहीं पति-पत्नी, चाचा-भतीजा तो किसी सीट पर भाई-बहन ताल ठोक रहे हैं.

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